उत्पाद प्रकार

Ayurvedic

संयोजन

काली मिर्च + चित्रक + पिप्पली + हरीतकी + वायविडंग + आंवला + अजवाइन + अरंडी + धातकी + विभितकी + सोंठ + शुद्ध लौहा + शहद + मोथा + गुड़ + पानी

डॉक्टर की पर्ची

जरुरी नहीं

lohasava in hindi

लोहासव के फायदे, नुकसान, खुराक, सावधानी | Lohasava in Hindi


परिचय

लोहासव क्या है? – What is Lohasava in Hindi

लोहासव एक आयुर्वेदिक टॉनिक है, जो कफ-वात के कुकर्मों को निष्क्रिय करता है।

लोहासव में आयरन के गुणधर्म शामिल होने की वजह से इसे खासकर एनिमिया के लिए चुना जाता है।

इसमें आत्म-निर्मित एल्कोहोल की मात्रा 4 से 10% होती है, जो इसमें प्रयुक्त हर्बल घटकों के अवशोषण में मदद करता है।

लोहासव दीपन क्रिया का समर्थन करता है, जिससे पेट की पाचन अग्नि को उत्तेजित करने में मदद मिलती है।

पाचन अग्नि की शरीर के साथ सही वार्तालाप होने पर पेट से जुड़ी आधी से ज्यादा परेशानियों का अंत संभवतः होने लगता है।

लोहासव में कृमिघ्न (कृमि नाशक), रक्तदोषहर (रक्त शुद्धि), शोथहर (सूजनरोधी) और पाण्डुघ्न (रक्तपूरक) जैसे आयुर्वेदिक गुण शामिल होते है।

लोहासव का उपयोग एनीमिया, त्वचा दोष, मधुमेह, अस्थमा, हृदय विकार, बवासीर, आयरन की कमी, सूजन, बुखार, पेट की गांठ, दमा, प्लीहा वृद्धि, उदर रोग, अरुचि, दस्त, कृमि संक्रमण, चिंता, अनिद्रा, खून की कमी, कब्ज, मासिक धर्म से जुड़ी कष्टता, ल्यूकोरिया और भूख में कमी अन्य कई स्थितियों के इलाज हेतु किया जा सकता है।

यह एक OTC उत्पाद है, जिसे खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची नहीं चाहिए।

लोहासव निम्न कंपनी व ब्रांड के नाम से प्रचलित है।

  • Baidyanath Lohasava
  • Patanjali Lohasava
  • Dabur Lohasava
  • Dhootapapeshwar Lohasava
  • Kottakkal Lohasavam

पढ़िये: हिमालया गैसेक्स सिरप | Himalaya Himcolin Gel in Hindi

संयोजन

लोहासव की संरचना – Lohasava Composition in Hindi

निम्न घटक लोहासव में मौजूद होते है।

काली मिर्च + चित्रक + पिप्पली + हरीतकी + वायविडंग + आंवला + अजवाइन + अरंडी + धातकी + विभितकी + सोंठ + शुद्ध लौहा + शहद + मोथा + गुड़ + पानी

लोहासव कैसे काम करती है?

  • काली मिर्च एक एंटीबैक्टीरियल पदार्थ है, जो खराब बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है और मुक्त कणों का सफाया कर ऑक्सीडेटिव तनाव को दूर करता है। काली मिर्च में एल्कलॉइड और ओलेरोसिन जैसे अवयव होते है, जो भूख बढ़ाने का कार्य करते है।
  • चित्रक आंतों की शक्ति में सुधार कर पचाने की क्रिया में तेजी लाता है। यह रक्तसंचरण प्रणाली में सक्रियता के साथ रक्तशोधन का भी कार्य करता है। यह बवासीर, अपच, अतिसार, यकृत वृद्धि, प्लीहा वृद्धि, पीलिया और मूत्र संबंधी कई परेशानियों में काफी फायदेमंद है।
  • हरीतकी हृदय के रोगों से लड़ने में लाभदायक हो सकता है। इसमें श्वसन अंग की सूजन को कम कर अस्थमा का उपचार करने वाले गुण निहित होते है।
  • वायविडंग एक एंटीफंगल यौगिक है, जो त्वचा विकारों में फायदा देता है। यह कफ जनित कृमि संक्रमण, अरुचि और मधुमेह के लिए बेहद अच्छा है।
  • आंवला पाचक एंजाइमों की उत्तेजना को बढ़ाने में सहायता करता है। आंवला लीवर के स्वास्थ्य पर होने वाले जोखिमों को कम कर लीवर की रक्षा करने में कारगर है।
  • शुद्ध लौहा रक्त निर्माण की प्रक्रिया में सुधार कर रक्ताल्पता के कारण होने वाले रोगों के इलाज में मददगार है। हर तरह के बुखार को ठीक कर सकता है। लौहा महिलाओं में होने वाली ल्यूकोरिया (सफेद पानी) की समस्या में भी काफी फायदेमंद साबित होता है।

पढ़िये: लक्ष्मीविलास रस | Brahma Rasayan in Hindi

फायदे

लोहासव के उपयोग व फायदे – Lohasava Uses & Benefits in Hindi

लोहासव को निम्न अवस्था व विकार में सलाह किया जाता है-

  • एनीमिया
  • बवासीर
  • दमा
  • बदहजमी
  • पीलिया
  • कब्ज
  • मधुमेह
  • प्लीहा वृद्धि
  • खाँसी
  • बुखार (जीर्ण, मलेरिया, विषम आदि)
  • अरुचि (बेस्वाद)
  • हृदय रोग
  • मानसिक चिंता
  • कृमि संक्रमण
  • खून की कमी
  • चक्कर आना
  • हाथ-पैरों में सूजन
  • हीमोग्लोबिन की कमी
  • ल्यूकोरिया
  • पेट दर्द
  • भारी दस्त
  • अपचन
  • दमा
  • त्वचा के रोग
  • कमजोरी और थकावट
  • अस्थमा
  • यकृत के रोग
  • सूजन

दुष्प्रभाव

लोहासव के दुष्प्रभाव – Lohasava Side Effects in Hindi

आमतौर पर, लोहासव से साइड इफेक्ट्स शरीर की अलग प्रतिक्रिया व गलत खुराक से होते है-

  • छाती में जलन
  • त्वचा पर लाल दाने होना
  • गला सूखना
  • खट्टी डकारें

पढ़िये: हिमालया तगारा कैप्सूल | Pushpadhanwa Ras in Hindi

खुराक

लोहासव की खुराक – Lohasava Dosage in Hindi

इसकी खुराक रोगी की अवस्था अनुसार दी जाती है। इसलिए लोहासव का सेवन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद शुरू करें।

आमतौर पर, लोहासव की ज्यादातर मामलों में सुझाव की जाने वाली खुराक कुछ इस प्रकार है-

उत्पाद खुराक
use in hindi
Lohasava
  • लेने का तरीक़ा: मौखिक खुराक
  • कितना लें: 10 से 12 ml
  • कब लें: सुबह और शाम
  • खाने से पहले या बाद: खाने के बाद
  • लेने का माध्यम: गुनगुने पानी के साथ
  • उपचार अवधि: 3 महीने

बुजुर्गों और छोटे बच्चों में, लोहासव की खुराक अलग हो सकती है। ऐसे में, इस दवा की खुराक की शुरूआत डॉक्टर की मदद से करें।

लोहासव की नियमित खुराक बनाये रखें। खुराक में बदलाव के लिए डॉक्टरी भूमिका अहम है।

लोहासव की खुराक से जुड़ी सावधानियां और उत्पाद के विनिर्माण की जानकारी अवश्य लें।

एक खुराक छूट जाये, तो निर्धारित लोहासव का सेवन जल्द करें। अगली खुराक लोहासव की निकट हो, तो छूटी खुराक ना लें।

सावधानी

निम्न सावधानियों के बारे में लोहासव के सेवन से पहले जानना जरूरी है।

जारी दवाई

अन्य जारी दवाई और घटक के साथ लोहासव की प्रतिक्रिया की उपयुक्त जानकारी नहीं है।

लत लगना

नहीं, लोहासव की लत नहीं लगती है।

ऐल्कोहॉल

शराब और लोहासव की साथ में प्रतिक्रिया की जानकारी अज्ञात है।

गर्भावस्था

गर्भावस्था एक संवेदनशील अवस्था है, इसलिए लोहासव का सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

स्तनपान

स्तनपान कराने वाली महिलाओं में लोहासव की खुराक देने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

ड्राइविंग

लोहासव के सेवन से ड्राइविंग क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता है।

अन्य बीमारी

एलर्जी और अतिसंवेदनशीलता के मामलों में लोहसाव का उपयोग डॉक्टर की सलाह अनुसार करें।

पढ़िये: हिमालया सिस्टोन टैबलेट Dashmoolarishta in Hindi 

कीमत

लोहासव को आप अमेजन से कुछ प्रतिशत छूट पर ऑनलाइन खरीद सकते है-

सवाल-जवाब

क्या लोहासव प्रसव के बाद की कमजोरी को दूर करने में सहायक है?

लोहासव खून की कमी को दूर कर महिलाओं के स्वास्थ्य को थकान मुक्त करने में मददगार हो सकता है।

क्या लोहासव एक पोषण पूरक औषधि है?

लोहासव शरीर में आयरन की आपूर्ति कर, इसकी कमी से होने वाली बीमारियों के लिए एक अचूक उपाय है।

क्या लोहासव रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है?

हाँ, यह उत्पाद रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।

लोहासव की दो लगातार खुराकों के बीच कितना समय अंतराल होना उचित है?

इस दवा की दो क्रमागत खुराकों के बीच कम से कम 6 से 8 घंटों का समय अंतराल होना उचित है।

क्या लोहासव मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है?

इस विषय में मासिक धर्म चक्र से जुड़े चिकित्सक की राय ली जानी उचित है।

क्या लोहासव कामेच्छा में सुधार कर सकता है?

लोहासव में प्रयोग होने वाले योगिकों में यौन इच्छा को बढ़ाने वाले गुणधर्म शामिल है। लेकिन विशेषकर यौन उत्तेजना में सुधार करने के लिए, इस दवा के इस्तेमाल हेतु डॉक्टरी परामर्श आवश्यक है।

क्या लोहासव भारत में लीगल दवा है?

यह हर्बल दवा भारत में पूर्णतया लीगल है और आसानी से आयुर्वेदिक स्टोर पर उपलब्ध होती है।

पढ़िये: सुपारी पाक के फायदे | Himalaya Pilex Tablet in Hindi