उत्पाद प्रकार

Ayurvedic

संयोजन

दशमूल + चित्रक छाल + गिलोय + आंवला + अश्वगंधा + लोध + देवदारु + मुलेठी + हरड़ की छाल + खेर की छाल + विजयसार की छाल + धमासा + कुठ + मंजीठ + भारंगी + बायबिडंग + सांठी की जड़ + बहेड़ा + जटामांसी + कबीठ + अनंतमूल + चव्य + रेणुक बीज + स्याह जीरा + पीपल सुपारी + हल्दी + काष्ठ + सुवा + नागकेसर + इन्द्रजौ + बिदारी कंद + नागरमोथा + काकड़ासिंगी + असगंध + निसोत + रास्र

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Dashmoolarishta

दशमूलारिष्ट के फायदे, नुकसान, खुराक, सावधानी | Dashmoolarishta in Hindi


परिचय

दशमूलारिष्ट क्या है? – What is Dashmoolarishta in Hindi

दशमूलारिष्ट एक पूर्णतया शाकाहारी आयुर्वेदिक टॉनिक है, जिसे दस प्रकार की जड़ों (गंभारी, पाटल, अरलू, अरणी, पिठवन, सरिवन, बेल, बड़ी कटेरी, कंटकारी और गोखरू) से तैयार किया जाता है।

यह दवा महिलाओं में अन्य स्थितियों की तुलना में प्रसव के बाद होने वाली समस्याओं के लिए ज्यादा खपत की जाती है।

दरअसल, प्रसवके उपरांत शरीर में बेहद सारे परिवर्तन होते है, जिससे दैनिक क्रियाओं में अंसतुलन पैदा हो सकता है। जैसे- भूख न लगना, बुखार, प्रतिरक्षा में कमी, पीठ दर्द, मानसिक तनाव, स्तनों में सूजन, गर्भाशय से रक्तस्राव, एनीमिया, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी, त्वचा रोग, कब्ज आदि।

दशमूलारिष्ट प्रसव के बाद महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य को जल्दी पुनःस्थापित करने में मददगार है।

यह दवा पोषक तत्वों (विटामिन और खनिज) में सुधार कर हमें पाचन तंत्र के रोग और शारीरिक कमजोरी से लड़ने योग्य बनाती है।

दशमूलारिष्ट डॉक्टरी पर्चे के बिना मिलने वाली दवा है, लेकिन इसे सख्त चिकित्सा के तहत ही लंबी अवधि तक इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

मुँह के छाले, पेट में जलन और गर्भावस्था के मामलों में इस दवा के सेवन से पूरी तरह परहेज किया जाना आवश्यक है।

दशमूलारिष्ट को अलग-अलग ब्रांड व कंपनी द्वारा बनाया जाता है, जिसमें निम्न प्रचलित है।

  • Dabur Dashmularishta
  • Baidyanath Dashmularishta
  • Dhootpapeshwar Dashmularishta
  • Jiva Dashmularishta

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संयोजन

दशमूलारिष्ट की संरचना – Dashmoolarishta Composition in Hindi

निम्न घटक दशमूलारिष्ट में होते है।

दशमूल + चित्रक छाल + गिलोय + आंवला + अश्वगंधा + लोध + देवदारु + मुलेठी + हरड़ की छाल + खेर की छाल + विजयसार की छाल + धमासा + कुठ + मंजीठ + भारंगी + बायबिडंग + सांठी की जड़ + बहेड़ा + जटामांसी + कबीठ + अनंतमूल + चव्य + रेणुक बीज + स्याह जीरा + पीपल सुपारी + हल्दी + काष्ठ + सुवा + नागकेसर + इन्द्रजौ + बिदारी कंद + नागरमोथा + काकड़ासिंगी + असगंध + निसोत + रास्र

दशमूलारिष्ट कैसे काम करती है?

  • प्रसव के बाद होने वाले दर्द और अन्य गतिविधियों से बुखार आ रहा है, तो ऐसी महिलाओं को ठीक करने के लिए आवश्यक गुणों की भरपाई दशमूलारिष्ट बखूबी करता है।
  • दशमूलारिष्ट हानिकारक जीवाणुओं से लड़ने और उनके विकास को रोकने में सहायता करता है, जिससे संक्रमणों की उपस्थिति धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।
  • दशमूलारिष्ट महिलाओं की मानसिक रूप से मजबूत बनाने में भी मदद करता है।
  • दशमूलारिष्ट में हल्के कसैले गुण होते है, जिससे दस्त और पाचन से जुड़ी समस्याओं से लड़ने में ताकत मिलती है।
  • दशमूलारिष्ट में मौजूद दर्दनिवारक गुणों के साथ, ये पीठ दर्द, कमर दर्द, मांसपेशियों के दर्द और जोड़ो के दर्द को आसानी से कम करने में कारगर है।
  • दशमूलारिष्ट ठेस पहुँची त्वचा का उपचार कर त्वचा की रंगत को पुनः निखारने में सहायता करता है। यह त्वचा को जवां कर इसमें नेचुरल चमक भरता है और त्वचा पर मौजूद दाग-धब्बे, मुंहासे और काले घेरों का अंत करता है।

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फायदे

दशमूलारिष्ट के उपयोग व फायदे – Dashmoolarishta Uses & Benefits in Hindi

दशमूलारिष्ट को निम्न अवस्था व विकार में सलाह किया जाता है-

  • डिलीवरी के बाद की कमजोरी
  • मानसिक तनाव
  • कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता
  • उल्टी
  • खट्टी डकार
  • अपच
  • गैस
  • पीठ दर्द
  • मांसपेशियों के दर्द
  • भूख में कमी
  • एनीमिया
  • गर्भधारण करने में समस्या
  • पेशाब में जलन
  • Pelvic Inflammatory Disease (श्रोणि सूजन की बीमारी)
  • स्तनों की सूजन
  • सांस लेने में तकलीफ
  • प्रसव के बाद वाला बुखार

दुष्प्रभाव

दशमूलारिष्ट के दुष्प्रभाव – Dashmoolarishta Side Effects in Hindi

इससे संभावित दुष्प्रभाव कुछ इस प्रकार है-

  • अत्यधिक प्यास लगना
  • पेट में जलन
  • दस्त
  • छाती में जलन
  • मुँह में छाले
  • मलद्वार में जलन

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खुराक

दशमूलारिष्ट की खुराक – Dashmoolarishta Dosage in Hindi

खुराक डॉक्टर द्वारा दशमूलारिष्ट की रोगी की अवस्था अनुसार दी जाती है।

आमतौर पर, दशमूलारिष्ट की ज्यादातर मामलों में सुझाव की जाने वाली खुराक कुछ इस प्रकार है-

उत्पाद खुराक
use in hindi
Dashmoolarishta
  • लेने का तरीक़ा: मौखिक खुराक
  • कितना लें: 20-30 ml
  • कब लें: दिन में एक बार
  • खाने से पहले या बाद: खाने के बाद
  • लेने का माध्यम: गुनगुने पानी के साथ
  • उपचार अवधि: 3 महीने

दशमूलारिष्ट की खुराक को भोजन के बाद पानी की बराबर मात्रा मिलाकर लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि बिना पानी के इस दवा को ज्यादा देर तक लेने से बवासीर और कब्ज की समस्या हो सकती है।

5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए, दशमूलारिष्ट की खुराक अनुशंसित नहीं है। इस विषय में बच्चों से जुड़े डॉक्टर की राय के बिना बच्चों में इसकी खुराक न दें।

एक खुराक छूट जाये, तो निर्धारित दशमूलारिष्ट का सेवन जल्द करें। अगली खुराक दशमूलारिष्ट की निकट हो, तो छूटी खुराक ना लें।

सावधानी

निम्न सावधानियों के बारे में दशमूलारिष्ट के सेवन से पहले जानना जरूरी है।

भोजन

दशमूलारिष्ट की भोजन के साथ प्रतिक्रिया की जानकारी अज्ञात है।

जारी दवाई

अन्य जारी दवाई और घटक के साथ दशमूलारिष्ट की प्रतिक्रिया की उपयुक्त जानकारी नहीं है।

लत लगना

नहीं, दशमूलारिष्ट की लत नहीं लगती है।

ऐल्कोहॉल

शराब और दशमूलारिष्ट की साथ में प्रतिक्रिया की जानकारी अज्ञात है।

गर्भावस्था

गर्भावस्था एक संवेदनशील अवस्था है, इसलिए दशमूलारिष्ट का सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

स्तनपान

स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए दशमूलारिष्ट बिल्कुल सुरक्षित है।

ड्राइविंग

दशमूलारिष्ट के सेवन से ड्राइविंग क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता है।

अन्य बीमारी

पेट में जलन, मुंह में छाले या अतिसंवेदनशीलता के मामलों में दशमूलारिष्ट का उपयोग डॉक्टर की सलाह अनुसार करें।

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कीमत

दशमूलारिष्ट को आप अमेजन से कुछ प्रतिशत छूट पर ऑनलाइन खरीद सकते है-

सवाल-जवाब

क्या दशमूलारिष्ट मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करता है?

नहीं, यह दवा मासिक धर्म चक्र को प्रभावित नहीं करती है।

क्या दशमूलारिष्ट को दूध के साथ लिया जा सकता है?

दशमूलारिष्ट की खुराक को दूध के साथ न लें। इसे हमेशा पानी की बराबर मात्रा के साथ उपयोग में ले।

दशमूलारिष्ट को कैसे संग्रहित करें?

दशमूलारिष्ट को एयर टाइट कंटेनर में सीधी रोशनी और धूप से बचाते हुए कमरे के तापमान पर संग्रहित करें। इसे छोटे बच्चों और पालतू जानवरों से दूर रखें।

क्या दशमूलारिष्ट भारत में लीगल है?

हाँ, यह आयुर्वेदिक दवा भारत में पूर्णतया लीगल है और आसानी से हर आयुर्वेदिक स्टोर पर उपलब्ध है।