आँवला क्या है? – What is Amla in Hindi
आँवला की मौजूदगी हमारे बीच सदियों से रही है और लगभग हर किसी ने अपने जीवनकाल में इसका इस्तेमाल जरूर किया होगा। यह बहुत सी आयुर्वेदिक दवाई में सक्रिय घटक के रूप में उपयोग किया जाता है, जैसे हिमालया आमलकी टैबलेट, त्रिफला चूर्ण।
आँवला को चिकित्सा जीवन में बेहद खास फल का दर्जा दिया गया है क्योंकि यह न केवल बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद है बल्कि यह उन तमाम रोगों को दूर कर सकता है, जो पोषक तत्वों की कमी से होते है।
आँवला की पैदावार लगभग भारत के हर क्षेत्र में होती है और इसका एशिया के साथ ही यूरोप तथा अफ्रीका तक विस्तार है।
आँवला दिखने में हरे, छोटे, गोल तथा फांकेदार होता है, जिसके भीतर में एक बीज गढ़ा होता है। यह स्वाद में खट्टा तथा कसाय हो सकता है।
वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार पता चलता है कि फीलन्थैसे कुल से नाता रखने वाला होता है और अनेक भाषाओं में इसे विभिन्न नामों से पहचाना जाता है।
जहां आमलकी, अमृतफल, पंचरसा आदि संस्कृत नाम सुनने को मिलते है, तो वहां आँवला का उल्लेख किया जा रहा होता है। अंग्रेजी में आँवला को Indian Gooseberries कहा जाता है।
आँवला एंटीऑक्सीडेंट गुणों का एक समृद्ध स्रोत है, जो अपने औषधीय गुणों के लिए आमजन में बेहद लोकप्रिय है। यह कई आयुर्वेदिक दवाओं में मूल तत्व का काम करता है, जिनकी मदद से ऊर्जा की कमी को पूरा किया जा सकता है।
आयुर्वेद की शैली में इसे त्रिदोष को संतुलित रखने वाली एक करिश्माई औषधि के रूप में वर्णित किया गया है।
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आँवला के उपयोग व फायदे – Amla Uses & Benefits in Hindi
आँवला से सेहत को अनगिनत फायदें मिलते है, इससे होने बड़े फायदों का प्रत्यक्ष विवरण निम्नलिखित है।
त्वचा के लिए बेहद उत्कृष्ट
बाहरी सुंदरता को निखारने के लिए हम रोजाना नए प्रयासों और तरीकों को खोज में लगे रहते है। आँवला का रस त्वचा से जुड़ी समस्त शिकायतों का इलाज कर त्वचा को निखारने में बेहद मददगार हो सकता है। इसका इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक ब्यूटी प्रोडक्ट्स में किया जाता है, जो कि त्वचा की टोन और रंगत को बढ़ाने में सहायक माना जाता है। इसका पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से झुर्रियों को कम किया जा सकता है।
बालों की समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद उपाय
बालों से हर किसी के व्यक्तित्व में एक अलग निखार रहता है। अयोग्य चीजों की वजह से बालों का पतला होना, झड़ना, टूटना, रूसीपन और गंजापन जैसी कई दिक्कतें हो सकती है। ये शिकायतें विटामिन की कमी से भी होती है, आँवला में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में होता है और यह बालों की पकड़ को मजबूत रखने वाले पोषक तत्वों की मांग को पूरा कर सकता है।
यह बालों को घना, चमकदार या काला रूप प्रदान करता है। यह बालों के पिगमेंटेशन को संतुलित कर बालों को समय से पहले सफेद होने से बचाता है। आँवला में मौजूद फैटी एसिड बालों का तेजी से विकास करने में मददगार हो सकते है। कुल मिलाकर आँवला एक समृद्घ हेयर टॉनिक के रूप में प्रचलित है।
आँखों की दृष्टि को तेज करने में सहायक
आँवला में एंटीऑक्सीडेंट गुणों की अधिकता बेहद ज्यादा होती है, जिस कारण ये आँखों को फायदें ही फायदें देता है। इसके जूस को रोजाना सुबह भूखे पेट सेवन करने से आँखों की दृष्टि में सुधार आता है और नजरें तेज तथा स्पष्ट होती है। यह आंखों में पानी की समस्या, संक्रमण, जलन, दर्द, लालिमा, सूजन, खुजली इत्यादि को दूर कर ऑक्सीडेटिव तनाव से मुक्ति दिलाता है और आँखों की रेटिना को रक्षित करता है।
लीवर के कार्यों को सुचारू बनायें रखने में कारगर
लीवर के कार्यों में नियमित लय बनायें रखने के लिए आँवला एक प्रबल दावेदार हो सकता है। आँवला के सेवन से शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि और सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथि लीवर को मजबूती मिल सकती है। यह पीलिया, हेपेटाइटिस, शराब से होना वाला नुकसान और अन्य कई लीवर संबंधित विकारों में प्रभावी सिद्ध होता है।
पाचन पर आँवला का सकारात्मक लाभ
पाचन प्रणाली का मजबूत होना एक स्वस्थ सेहत का प्रमाण होता है। अधिकतर रोग पाचन की कमजोरी से हमें घेरने लगते है, पाचन कमजोर होने पर घबराने की जगह इसको मजबूत करने के बारें में विचार करना चाहिए। आँवला का सही विधि द्वारा प्रयोग कर पाचन से जुड़ी समस्त क्रियाओं, गतिविधियों और लक्षणों में सुधार किया जा सकता है।
इसमें रेचक, भूख उत्तेजक, एंटी इंफ्लेमेटरी जैसे गुण शामिल होते है, जो पेट की सफाई, कब्ज, बवासीर, कठिन मल त्याग, दस्त, भूख में कमी, अपच, आंतों की शिथिलता आदि सभी संकेतों को दूर करने में मददगार हो सकता है।
उत्सर्जन तंत्र की कमियों को दूर करने हेतु आँवला का प्रयोग
यह गुर्दे का हानिकारक पदार्थों से बचाव कर मूत्र संस्थान की कमियों को दूर करने का काम करता है। इसके उपयोग से गुर्दे की पथरी से छुटकारा पाया जा सकता है, साथ ही यूरिन के प्रवाह और आयतन को बढ़ाने में सहायक होता है। आँवला मूत्रवर्धक का कार्य कर अनचाहे विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर फेंकता है और उत्सर्जन तंत्र को बेहतर बनाता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करने में लाभकारी
हमारे शरीर का इम्युन सिस्टम मजबूत होने से कोई भी छोटी-बड़ी संक्रमित बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है। प्रतिरक्षा तंत्र हमारे शरीर को रोगमुक्त रखने के लिए हर संभव प्रयास करता है। आँवला विटामिन-सी से भरपूर होता है, यह सामान्य मौसमी लक्षणों से मुकाबला कर संक्रमणों को रोकथाम और उनका इलाज करता है। आँवला रोग प्रतिरोधक क्षमता को ऊँचाई तक ले जाने में बेहद लाभकारी साबित होता है।
रक्त के शुद्धिकरण में आँवला फायदेमंद
इसके रस का सेवन रोज करने से रक्त की अशुद्धियों को मिटाया जा सकता है। यह एक ब्लड प्यूरिफायर के रूप में कार्य कर हीमोग्लोबिन और अन्य आवश्यक तत्वों के स्तर को बनायें रखने में मददगार है। यह रक्त में लौह तत्वों के हस्तक्षेप को बढ़ाकर एनीमिया के लक्षणों से छुटकारा दिला सकता है। यह आर बी सी काउंट को बढ़ाने में भी फायदेमंद हो सकता है।
इनफर्टिलिटी की समस्या में आँवला का औषधीय रूप
इनफर्टिलिटी यानी बांझपन की समस्या पुरुष और महिलाओं दोनों में होती है। आँवला महिलाओं में अंड निषेचन की प्रक्रिया में सुधार लाने और गर्भधारण को आसान बनाने में मददगार हो सकता है। यह पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में सुधार कर बांझपन को दूर कर सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य में सुधार
आँवला का लाभ मस्तिष्क पर देखने को अवश्य मिलता है। इसमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा है, जो मस्तिष्क की थकावट को दूर कर याददाश्त को तेज करने में मदद करते है। यह याद रखने की क्षमता को बढ़ाने, एकाग्रता में सुधार करने और दिमाग को शांत रखने में प्रभावशाली हो सकता है।
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आँवला के दुष्प्रभाव – Amla Side Effects in Hindi
- आँवला के साथ ज्यादा पानी पीने का प्रयास करें। बिना पानी या कम पानी के साथ आँवला पेट में कब्ज पैदा करने और त्वचा से नमी को चुराने का काम कर सकता है।
- आँवला को अधिक मात्रा में लेने से पेशाब में जलन हो सकती है।
- आंवला को लंबे समय तक इस्तेमाल करने से यह पथरी का कारण बन सकता है।
- यह तासीर में ठंडा होता है, जो सर्दी-जुखाम के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
आँवला की खुराक – Amla Dosage in Hindi
आंवला की खुराक आंवला के कई रूपों में ली जा सकती है। आँवला को रस, कच्चा फल, सुखाकर, मुरब्बा, चूर्ण, अचार, तेल आदि तरीकें से इस्तेमाल में लिया जा सकता है।
आँवला को हर स्थिति से निपटने के लिए सुबह भूखे पेट लेना सबसे उत्तम माना जाता है।
आँवला की खुराक के साथ अधिक से अधिक पानी पीने पर ध्यान देना चाहिए।
रात को सोने से पहले आँवला के तेल से बालों की अच्छे से मालिश करने पर बालों को अच्छा परिणाम मिलता है।
आँवला का चूर्ण रूप विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसे पानी के साथ या अन्य कोई फ्लेवर एजेंट के साथ लिया जा सकता है।
स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ बड़ी जटिलताओं में आँवला का सेवन करने से पहले किसी अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।
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Amla FAQ in Hindi
1) क्या आँवला गर्भावस्था के लिए सुरक्षित है?
उत्तर: गर्भावस्था में आँवला का अधिक सेवन करने से महिलाओं को कब्ज हो सकती है। हालांकि यह आँवला की अति से होने वाले दुष्प्रभाव है, लेकिन एक निश्चित सीमा में इसका सेवन गर्भावस्था के लिए लाभदायक हो सकता है। गर्भवती महिलाएं आँवला से जुड़े उत्पादों की सही खुराक और उपचार अवधि की जानकारी के लिए अपने चिकित्सक की मदद अवश्य लें।
2) क्या आँवला के साथ दूध का सेवन किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, आँवला के साथ दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। आँवला प्रकृति में खट्टा होता है, इसलिए इसके साथ दूध उत्पादों को लेना हानिकारक हो सकता है। आँवला की खुराक लेने के बाद कम से कम पौने या एक घंटे बाद ही दूध उत्पादों का सेवन करें।
3) क्या आँवला मासिक धर्म चक्र की समस्याओं को ठीक कर सकता है?
उत्तर: आँवला में मौजूद विटामिन और खनिज मासिक धर्म चक्र के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन में मददगार हो सकते है। आंवला मासिक धर्म चक्र को प्रभावित नहीं करता है। इस विषय में ज्यादा जानकारी के लिए मासिक धर्म चक्र से जुड़े चिकित्सक की राय ले सकते है।
4) क्या आँवला कैंसर के लिए फायदेमंद हो सकता है?
उत्तर: एक शोध के अनुसार आँवला कैंसर वाले सेल्स को बढ़ने से रोकता है और कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ ही एंटी कैंसर गुण भी पाएं जाते है।
5) क्या आँवला के सेवन से इसकी आदत लग सकती है?
उत्तर: नहीं, आँवला के सेवन से शरीर को इसकी आदत नहीं लगती है। यह एक प्राकृतिक फल है, जिसका इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधियों में सहजता से किया जाता है।