मधुमेह यानी डायबिटीज आज के युग की एक सामान्य बीमारी है। दुर्भाग्यवश भारत को “Diabetes Capital of the World” के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि पूरी दुनिया में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर है, जहाँ डायबिटीज के सबसे अधिक मरीज है।
परिचय
डायबिटीज क्या है? – What is Diabetes in Hindi
डायबिटीज या मधुमेह, खून में ग्लूकोज यानी शर्करा का स्तर बढ़ने से होने वाली बीमारी है।
हमारे द्वारा खाये जाने वाले भोजन से हमारी बॉडी को अन्य पोषक तत्वों के साथ ग्लूकोज प्राप्त होता है।
यह ग्लूकोज हमें ऊर्जा प्रदान करता है, जिसे इंसुलिन हार्मोन द्वारा रक्त के माध्यम से कोशिकाओं तक पहुँचाया जाता है।
जब अग्नाशय पर्याप्त इंसुलिन बनाने में असमर्थ होता है, तब धीरे-धीरे रक्त में ग्लूकोज जमा होने लगता है और ग्लूकोज का सही से उपयोग न हो पाने के कारण खून में शर्करा की मात्रा बढ़ती है, जिससे हम डायबिटिक पेशेंट बन जाते है।
बढ़ा हुआ रक्त शर्करा का स्तर हमारी आँखों, नसों, गुर्दे और अन्य भागों को नुकसान पहुँचा सकता है।
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प्रकार
डायबिटीज के प्रकार – Types of Diabetes in Hindi
डायबिटीज कई प्रकार का होता है, जिसके प्रत्येक प्रकार का कोई विशिष्ट लक्षण, कारण और उपचार होता है। जैसे-
- Type 1 Diabetes: डायबिटीज का यह प्रकार ऑटोइम्यून होता है। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे अग्नाशय में कोशिकाओं पर हमला करती है और उन्हें नष्ट कर देती है, जो इंसुलिन बनाने में सहायक होती हैं।
इस बीमारी में हमारा अग्नाशय बहुत कम या बिल्कुल भी इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है। डायबिटीज के लगभग 10 प्रतिशत, टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित मरीज होते है।
- Type 2 Diabetes: मधुमेह के इस प्रकार में हमारा शरीर इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी का काम करता है, मतलब हमारा शरीर ग्लूकोज बनाने के तरीके को प्रभावित करता है।
- Prediabetes: प्री-डायबिटीज में हमारी रक्त शर्करा सामान्य से अधिक होती है, लेकिन इतनी अधिक नहीं होती है कि टाइप-2 डायबिटीज हो।
- Gestational: यह गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करने वाला उच्च शर्करा का एक रूप है। प्लेसेंटा द्वारा उत्पादित इंसुलिन अवरुद्ध हार्मोन, इस मधुमेह का कारण होता है।
- Diabetes Insipidus: यह एक दुर्लभ स्थिति है, जो मधुमेह मेलिटस से संबंधित नहीं है, हालांकि इसका नाम मिलता-जुलता है। इस बीमारी में हमारे गुर्दे से बहुत ज्यादा अधिक तरल निकलता है।
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लक्षण
डायबिटीज के लक्षण – Symptoms of Diabetes in Hindi
पुरुषों में डायबिटीज होने से निम्नलिखित लक्षण दिखते है, जैसे-
- भूख बढ़ना
- वजन घटना (और पढ़िये: Weight Loss in Hindi)
- प्यास बढ़ना
- जल्दी पेशाब आना
- जल्दी घाव ठीक न होना
- अत्यधिक थकान
- धुंधली दृष्टि
- सेक्स ड्राइव में कमी
- स्तंभन दोष इत्यादि।
महिलाओं में डायबिटीज होने से निम्नलिखित लक्षण दिखते है, जैसे-
- मुड़ बदलाव
- मूत्र मार्ग में संक्रमण
- शुष्क व खुजलीदार त्वचा
- थकान
- वजन घटना
- भूख बढ़ना
- प्यास बढ़ना
- पेशाब में वृद्धि इत्यादि।
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कारण
डायबिटीज के कारण – Cause of Diabetes in Hindi
मधुमेह का हर प्रकार अलग-अलग कारणों से जुड़ा होता है, जैसे-
- Type 1 Diabetes: जब किसी कारण से प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे अग्नाशय में इन्सुलिन उत्पादन करने करने वाली बीटा कोशिकाओं पर आक्रमण कर उन्हें नष्ट कर देती है, तब टाइप 1 डायबिटीज की समस्या होती है। हालांकि डॉक्टरों को भी नहीं पता कि ऐसा किस कारण से होता है।
- Type २ Diabetes: यह प्रकार अनुवांशिक होता है, जो जीन साझा होने से पीढ़ी दर पीढ़ी होता है।
- Gestational Diabetes: यह महिलाओं के हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है। जिन गर्भवती महिलाओं का वजन अधिक होता है, उनमें डायबिटीज की संभावना अधिक होती है।
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इलाज
डायबिटीज का इलाज – Treatment of Diabetes in Hindi
डॉक्टर द्वारा मधुमेह की रोकथाम और इलाज हेतु एंटीडायबिटिक दवाओं को सुझाव दिया जाता है, जिनमें कुछ मौखिक और कुछ इंजेक्शन रूप में हो सकती है।
Type १ Diabetes: इसका मुख्य उपचार इंसुलिन है। इंसुलिन उस हार्मोन को बदल देता है, जिसका हमारे शरीर द्वारा उत्पादन नहीं किया जा सकता है।
इंसुलिन मुख्य रूप से 4 प्रकार के होते है:
- Rapid Acting Insulin: यह 15 मिनट के भीतर काम करना शुरू कर देता है और इसका असर 3 से 4 घण्टों तक रहता है।
- Short Acting Insulin: यह इंसुलिन 30 मिनट के भीतर काम करना शुरू कर देता है और इसमें असर 6 से 8 घण्टों तक रहता है।
- Intermediate Acting Insulin: यह इंसुलिन 1 से 2 घन्टे के भीतर काम करना शुरू कर देता है और इसका असर 12 से 18 घण्टों तक रहता है।
- Long Acting Insulin: यह इंसुलिन कुछ घण्टों में काम करना शुरू करता है और 24 घण्टों या उससे ज्यादा समय तक इसका असर बना रहता है।
Type 2 Diabetes: इस प्रकार के डायबिटीज में बेहतर आहार लें और व्यायाम शुरू करें। जीवनशैली में बदलाव लाने से अच्छा परिणाम दिख सकता है, लेकिन यदि कुछ बदलाव न हो तो डायबिटिक दवाओं की आवश्यकता पडती है।
Gestational Diabetes: इस डायबिटीज स्थिति में आहार में परिवर्तन और व्यायाम से गर्भवती महिलाओं का शुगर लेवल नियंत्रित रह सकता है। अगर इससे फर्क नहीं दिखता है, तो गर्भवती महिलाएं अपने डॉक्टर की सलाह से एंटीडायबिटिक दवाएं या इंसुलिन लें सकती है।
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मधुमेह और आहार
स्वस्थ आहार डायबिटीज के प्रबंधन में अहम भूमिका निभाता है। डायबिटिज के हर प्रकार में किस तरह का आहार लेना चाहिए, इसकी जानकारी भी आवश्यक होती है।
- Type 1 Diabetes: मधुमेह के इस प्रकार में स्टार्चयुक्त और शर्करायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। कार्बोहाइड्रेट की सीमित मात्रा लें।
- Type 2 Diabetes: इस प्रकार के डायबिटीज में रक्त शर्करा का सामान्य स्तर बनायें रखने के लिए, दिन भर में छोटे-छोटे भागों में भोजन लेने का प्रयास करें। फल, सब्जियां, साबुत अनाज, मछली, जैतून का तेल और नट्स का सेवन ज्यादा करें।
- Gastational Diabetes: गर्भवती महिलाओं को संतुलित और स्वस्थ आहार लेने की आवश्यकता होती है। डायबिटीज के इस मामले में, मीठे और नमकीन खाद्य पदार्थ सीमित मात्रा में खायें।
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