परिचय
लक्ष्मीविलास रस क्या है? – What is Laxmivilas Ras in Hindi
पंच तत्वों के मिलन से बने हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए वात, पित्त और कफ तीनों दोषों का संतुलन में रहना आवश्यक होता है। इन तीनों में से एक भी दोष असंतुलित हो जाने पर हमारा स्वास्थ्य यकीनन बेहद सारी परेशानियों से घिर सकता है।
लक्ष्मीविलास रस संपूर्ण स्वास्थ्य के कामकाज को उचित ढंग से गतिशील बनायें रखने हेतु त्रिदोषों का नाश करता है।
यह रसायन सप्त धातुओं का योग कर बल, बुद्धि, ओज और वीर्य वर्धक में काफी फायदेमंद होता है।
लक्ष्मीविलास रस उम्र ढलने की प्रक्रिया को धीरे कर मानव को उत्कृष्ट जीवन जीने के अनुकूल बनाता है।
लक्ष्मीविलास रस को लेने से हर तरह के बुखार, सर्दी, खाँसी-जुखाम, खून की कमी, बदन दर्द, प्रजनन रोग, मूत्र परेशानियां, त्वचा की समस्याएं, पुराना सायनोसाइटिस, सांस संबंधी विकारों, यौन दुर्बलता, अल्सर, संक्रमण, दस्त, मोटापा, एलर्जी और वीर्य दोष जैसी अनेक परेशानियों का समाधान हो सकता है।
यह रसायन हृदय को शक्तिशाली कर स्वास्थ्य को जानलेवा जोखिमों से परे करने में मददगार हो सकता है।
लक्ष्मीविलास रस को एक कामोद्दीपक रसायन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जो काम उत्तेजना को बढ़ाने और दांपत्य सुख भोगने में मदद कर सकता है।
लक्ष्मीविलास रस निम्न कंपनी व ब्रांड के नाम से प्रचलित है।
- Patanjali Divya Laxmivilas Ras
- Baidyanath Laxmivilas Ras
- Balu Herbals Laxmivilas Ras
संयोजन
लक्ष्मीविलास रस की संरचना – Laxmivilas Ras Composition in Hindi
आमतौर पर निम्न घटक लक्ष्मीविलास रस में मौजूद होते है।
अभ्रक भस्म + जायफल + जावित्री + गंधक + कपूर + भांग के बीज + धतूरा + नागबला + शतावरी + अतिबला + गोखरू + विदारी छाल + हिज्जल + पान के पत्ते का रस + विधारा
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लक्ष्मीविलास रस कैसे काम करती है?
- अभ्रक भस्म क्षय रोगों से मुक्ति के लिए एक उत्तम टॉनिक है। अभ्रक भस्म आवश्यक धातुओं का पोषण कर ऊतकों की मरम्मत करने का कार्य करता है। यह क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और छाती की जकड़न जैसी श्वसन समस्याओं में प्रभावी है। मानसिक नसों की उत्तजेना को शांत कर मानसिक तनाव और थकावट से छुटकारा पाने के लिए इसे प्रयोग में लिया जा सकता है।
- अभ्रक भस्म खून की कमी से झूझने वाले शरीर की परवाह करता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं में बढ़ोतरी कर रक्त परिसंचरण क्रिया में तेजी लाने का कार्य करता है।
- जायफल और जावित्री मसालों की तरह प्रयोग में लिए जाने वाले गर्म यौगिक है। ये शारीरिक अंगों में गर्माहट पैदा कर नपुंसकता, स्तंभन दोष और इनफर्टिलिटी जैसी यौन दुर्बलताओं में सुधार करने का कार्य कर सकते है।
- भांग के बीजों में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 जैसे फैटी एसिड उपलब्ध होते है। यही कारण है कि ये बीज हृदय के लिए अच्छे माने जाते है। भांग के बीजों में एंटीस्पास्मोडिक गुण भरे होते है, जिससे ये मासिक धर्म की ऐंठन और पेट दर्द में राहत प्रदान करते है।
- नागबला दस्त की परेशानी में मददगार साबित होता है। यह वीर्य की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास करता है। इसके अलावा, दिल की बीमारियों, बवासीर, गठिया, टीबी, सर्दी-जुखाम आदि के लिए उत्तम टॉनिक है।
- गोखरू त्वचा की शिकायतों में काम आ सकता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी प्राकृतिक तत्व होते है, जिससे एक्जिमा का खतरा कम हो जाता है।
- गोखरू को प्रतिदिन आदत में लेने से शरीर में बेहद जल्दी टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि का पुख्ता अनुमान है। गोखरू से ल्यूटिनाइजिंग नामक हार्मोन में वृद्धि होती है, जो शारीरिक ताकत को बढ़ाकर शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने का कार्य करता है।
फायदे
लक्ष्मीविलास रस के उपयोग व फायदे – Laxmivilas Ras Uses & Benefits in Hindi
लक्ष्मीविलास रस को निम्न अवस्था व विकार में सलाह किया जाता है। लक्ष्मीविलास रस का उपयोग विशेषज्ञ से निजी सलाह लेने के बाद करना उचित माना जाता है।
- कुष्ठ रोग
- मोटापा
- सर्दी-खाँसी-जुखाम
- टायफायड
- प्रमेह
- बवासीर
- वीर्य कमी
- अतिसार
- अल्सर
- बदन दर्द
- खून की कमी
- प्रजनन संबंधी रोग
- सांस लेने में तकलीफ
- यौन दुर्बलता
- मूत्र दोष
- आंतरिक संक्रमण
- त्वचा विकार
- हर्निया
- नाक की एलर्जी
- हाथीपांव
- हृदय की अनियमित धड़कन
- उदर रोग
- कर्ण दोष
दुष्प्रभाव
लक्ष्मीविलास रस के दुष्प्रभाव – Laxmivilas Ras Side Effects in Hindi
निम्न साइड एफ़ेक्ट्स लक्ष्मीविलास रस के कारण हो सकते है। आमतौर पर साइड एफ़ेक्ट्स लक्ष्मीविलास रस से शरीर की अलग प्रतिक्रिया व गलत खुराक से होते है और सबको एक जैसे साइड एफ़ेक्ट्स नहीं होते है। अत्यंत लक्ष्मीविलास रस से दुष्प्रभाव में डॉक्टर की सहायता लें।
- स्वाद में परिवर्तन
- दिल की धड़कन बढ़ना
- उल्टी
- चक्कर आना
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खुराक
लक्ष्मीविलास रस की खुराक – Laxmivilas Ras Dosage in Hindi
- लक्ष्मीविलास रस की खुराक रोगी की अवस्था अनुसार दी जाती है।
- लक्ष्मीविलास रस की दिन में 2-4 बार एक गोली खुराक लेना एक आम वयस्क के लिए फायदेमंद माना जाता है। इस दवा की खुराक 250mg मात्रा वाली गोली पर आधारित है।
- लक्ष्मीविलास रस छोटे बच्चों में देने से दिक्कतें पैदा हो सकती है। बच्चों के कोमल स्वास्थ्य को देखते हुए इस दवा की खुराक के लिए बाल रोग विशेषज्ञ का परामर्श आवश्यक है।
- लक्ष्मीविलास रस की गोलियों को तोड़कर, घोलकर या चबाकर सेवन करने की बजाए पानी के साथ निगलना ज्यादा उपयुक्त है।
- लक्ष्मीविलास रस की एक साथ दो खुराक लेने से बचें। खुराक को रोजाना स्मरण में रखें। खुराक को बढ़ाने-घटाने या रोकने के विषय में डॉक्टर का मत अवश्य लें।
- एक खुराक छूट जाये, तो निर्धारित लक्ष्मीविलास रस का सेवन जल्द करें। अगली खुराक लक्ष्मीविलास रस की निकट हो, तो छूटी खुराक ना लें।
सावधानी
निम्न सावधानियों के बारे में लक्ष्मीविलास रस के सेवन से पहले जानना जरूरी है।
किसी अवस्था से प्रतिक्रिया
निम्न अवस्था व विकार में लक्ष्मीविलास रस से दुष्प्रभाव की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए जरूरत पर, डॉक्टर को अवस्था बताकर ही लक्ष्मीविलास रस की खुराक लें।
- गर्भावस्था
- अतिसंवेदनशीलता
भोजन के साथ प्रतिक्रिया
लक्ष्मीविलास रस की भोजन के साथ प्रतिक्रिया की जानकारी अज्ञात है।
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सवाल-जवाब
क्या लक्ष्मीविलास रस पोषण आपूर्ति का कार्य कर सकता है?
यह दवा जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति कर शरीर को ताकतवर, ओजवान और बुद्धिमान बनाने में सहायक है। पोषण की कमी से बालों का असमय सफेद होने वाले लोगों के लिए लक्ष्मी विलास रस एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।
क्या लक्ष्मीविलास रस शारीरिक वजन को प्रभावित कर सकता है?
अत्यधिक वजनी या मोटापे वाला शरीर बीमारियों का घर होता है। मोटापे की वजह से हृदय और प्रतिरक्षा प्रणाली धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है। यह रस स्वास्थ्य को रोगों से मुक्त करने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम सबसे पहले करता है। यह रस मोटापे को कम कर एक चुस्त और फुर्तीले शरीर की नींव रखने में सहायक हो सकता है। इस विषय में सही खुराक और खुराक की समयावधि के लिए चिकित्सक से बातचीत हितकारी है।
क्या लक्ष्मीविलास रस गर्भवती महिलाएं ले सकती है?
इस रस को गर्भावस्था के दौरान लेने हेतु सावधानी को अग्रिम रखा जाना आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं को चिकित्सक की सलाह के बाद ही लक्ष्मी विलास रस का सेवन शुरू करना चाहिए।
क्या लक्ष्मीविलास रस स्तनों का आकार बढ़ाने में सहायक हो सकता है?
लक्ष्मी विलास रस में स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ाने की क्षमता जरूर है, लेकिन स्तनों के आकार को बढ़ाने की चाह रखने वाली महिलाओं को एक बार अपने चिकित्सक से मिलने की आवश्यकता हैं, क्योंकि यह दवा स्तनों के आकार में वृद्धि का कोई ठोस प्रमाण नहीं देती है।
क्या लक्ष्मीविलास रस के सेवन से आदत लग सकती है?
नहीं, लक्ष्मी विलास रस के सेवन से इसकी आदत नहीं लगती है। लक्ष्मी विलास रस का काम शरीर को स्वस्थ बनाने तक है। रोगों से छुटकारा पाने का लक्ष्य पूरा होने पर इस दवा को आसानी से बंद किया जा सकता है, क्योंकि दवा में मौजूद अधिकतर घटक शरीर पर हावी नहीं होते है।
क्या लक्ष्मीविलास रस की खुराक के बाद ड्राइविंग करना सुरक्षित है?
हाँ, इस दवा की खुराक लेने के बाद ड्राइविंग करना सुरक्षित है। इस दवा से दुष्प्रभावों की संभावना काफी कम है। इस विषय में ड्राइविंग करना एक निजी निर्णय हो सकता है।
क्या लक्ष्मीविलास रस मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है?
नहीं, यह रस मासिक धर्म चक्र को प्रभावित नहीं करता है। मासिक धर्म के दर्द, ऐंठन और अन्य स्थितियों में लक्ष्मीविलास रस लाभकारी साबित हो सकता है।
क्या लक्ष्मीविलास रस को भूखे पेट लेना उचित है?
लक्ष्मीविलास रस को भूखे पेट ही लेने की सलाह दी जाती है। भूखे पेट इस रस का आसान अवशोषण शीघ्र परिणामदायक साबित होता है।
क्या लक्ष्मीविलास रस पुरुष प्रदर्शन को सुधारने में सहायक है?
मानसिक तनाव और बढ़ती उम्र के साथ संभोग क्रियाओं में रुचि पैदा हो सकती है। ऐसी स्थितियों में, यह रस पुरुषों की भावना को जागृत कर पुरुष प्रदर्शन को लंबा करने में सहायक हो सकता है।
क्या लक्ष्मीविलास रस के साथ एल्कोहोल लेना सुरक्षित है?
इस रस के साथ एल्कोहोल का प्रभाव जानने के लिए अभी थोड़े विश्लेषण की आवश्यकता है। इस रस के साथ एल्कोहोल का सेवन करने से पहले चिकित्सक के दिशा-निर्देशों को जरूर ध्यान में रखें।
क्या लक्ष्मीविलास रस भारत में लीगल है?
हाँ, यह दवा भारत में पूर्णतया लीगल है। इस दवा को बिना डॉक्टरी पर्चे के आसानी से किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर या ऑनलाइन खरीदा जा सकता है।
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लक्ष्मी विलास रस इस्तेमाल करने में बिल्कुल सुरक्षित है मगर किसी भी बिमारी में इस्तेमाल करने के लिए अनुपान भी जरूरी होता है क्योंकि हरेक बिमारी में अलग अलग अनुपान होता है अगर अनुपान सही नहीं होगा तो उक्त बिमारी में सात्विक लाभ नहीं मिल पायेगा इस लिए किसी योग्य वैद्य की सलाह लेकर हीं इस्तेमाल करना उचित होगा
मैं इस दवा ( लक्ष्मी विलास रस की गोली ) पतंजलि के डाक्टर की देखरेख में ले रहा हूँ , और मुझे फायदा भी है