आज के समय में हर तरह की बीमारी के लिए बहुत सी दवाईया मौजूद है और कुछ दवाइयाँ हमें नजदीकी मेडिकल स्टोर पर ऐसे ही मिल जाती है। जैसे Combiflam, Neurobion Forte, Disprin. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है, कि दवाई विक्रेता हमें डॉक्टर की पर्ची (Prescription) के बिना दवाई देने से मना कह देते है।
जब हम ऑनलाइन भी दवाई ऑर्डर करते है, तो कुछ दवाइयों को खरीदने के लिए पर्ची अपलोड करनी पड़ती ही है। असल में ऐसा हमारी ही सुरक्षा के लिए होता है।
हम बुनियादी तौर पर आसान शब्दों में समझे, तो दवाइयों को OTC, Schedule H, Schedule X, और Schedule H1 आदि श्रेणी में इनकी उपलब्धता अनुसार बांटा गया है। जिसके बारे में हम इस लेख में संक्षिप्त में जानेंगे।
OTC Drugs
OTC वर्ग की दवाओं को Over The Counter दवाई कहा जाता हैं। जिसका मतलब इसे बिना डॉक्टर की सलाह के आसानी से खरीदा और सेवन किया जा सकता हैं। यह दवा किसी भी मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं, जिसे बिना किसी पर्ची के सीधा उपभोक्ता को बेचा जाता हैं।
OTC दवाओं की डोज़ आमतौर पार कम होती है, जिसके कारण इनसे इतना खतरा नही रहता है।
कुछ NSAID दवाएं, अधिकतर हेल्थ सप्लीमेंट और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट OTC में आते है, जिसे कोई भी खरीद सकता है।
OTC दवाओं के लेबल/पैकेट पर बताई अवधि से ज्यादा समय तक इनका सेवन ना करें। इससे साइड एफ़ेक्ट्स का खतरा रहता है।
इन दवाओं का सेवन करने से पहले इनकी पूरी जानकारी, खाद्य सहभागिता, एक्सपाइरी आदि सभी तथ्यों को ध्यान में रखना आवश्यक हैं। जिससे बिना किसी दुष्परिणाम के स्वास्थ्य बेहतर हो जाये।
कुछ प्रचलित OTC दवाइयाँ
- Aspirin
- Paracetamol
- Ibuprofen
- Tylenol
Schedule H Medicine
Drugs And Cosmetics Act के नियम अंतगर्त ही Schedule H दवाओं का निर्माण और बिक्री की जाती हैं।
Schedule-H की दवाओं को बिना डॉक्टरी सलाह या बिना पर्चे के नहीं खरीदा जा सकता हैं, क्योंकि इन दवाओं की खुराक डॉक्टर स्वयं निर्धारित करते हैं। स्वेच्छा और बिना डॉक्टरी सलाह के इसका सेवन लम्बे समय तक करने पर इसका स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता हैं और जान का भी खतरा रहता हैं।
इन दवाओं का निर्माण भारी घटकों के समन्वय से किया जाता हैं। इसलिए यह दवा ज्यादा तेजी के अपना असर दिखाती हैं।
Schedule H दवाओं का वर्ग भारत में 1945 में पेश किया गया था। 2006 में 536 दवाओं को Schedule H में जगह दी गई हैं।
Schedule H दवाओं के लेबल पर ‘Rx’ लिखा होता है और लाल अक्षरो में चेतावनी भी लिखी होती है।
कुछ प्रचलित Schedule H दवाईयाँ
- Aminosalicylic Acid
- Cefuroxime
- Ketoconazole
- Ranitidine
Schedule X
Schedule X में Narcotic और Psychotropic दवाएं आती है, जो अत्यंत प्रभावी और नशीली भी होती है। ये दवाएं सीधे दिमाग पर प्रभाव करती है, जिसके चलते गलत खुराक व ओवेरडोज़ के कारण यह घातक भी शाबित हो सकती है।
बेशक Schedule X दवाएं खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची जरूरी है, जिसकी कॉपी विक्रेता को 2 सालों तक संभाल के रखनी होती है।
Schedule X दवाओं के लेबल पर ऊपरी बाईं ओर ‘XRx‘ लिखा होता है।
कुछ प्रचलित Schedule X दवाइयाँ
- Amobarbital
- Methylphenidate
- Methylphenobarbital
- Pentobarbital
Schedule H1 Medicine
Schedule H1 दवा में 3rd और 4th जेनेरेशन की Antibiotics, Anti-tuberculosis तथा Psychotropic Drugs जैसी नशीली और आदत बनाने वाली दवाएं शामिल हैं।
Schedule H1 को खरीदने के लिए भी डॉक्टर की पर्ची जरूरी है।
Schedule H1 के अंतर्गत आने वाली दवाओं की बिक्री के समय विक्रेता को विश्लेषण एक अलग रजिस्टर में दर्ज करना पड़ता है, जिसमें डॉक्टर का नाम और पता, रोगी की जानकारी और खपत की गई दवा की मात्रा के साथ दवा का नाम शामिल होता है। इस रिकॉर्ड को 3 सालो तक विक्रेता द्वारा संभाल कर रखा जाता है।
Schedule H1 दवाओं के लेबल पर लाल रंग की धारी दी जाती हैं और ऊपर लिखित चेतावनी भी होती है।
कुछ प्रचलित Schedule H1 दवाइयाँ
- Alprazolam
- Buprenorphine
- Cefdinir
- Cefepime
OTC व Schedule H में अंतर – Difference in OTC & Schedule H Drugs
- OTC दवाओं का सेवन कभी भी दैनिक सीमा को ध्यान में रख कर सकते है, लेकिन Schedule-H दवाएं डॉक्टर द्वारा तय कोर्स में ही ली जाती है।
- अधिकतर OTC दवाएं Schedule H दवाओं की तुलना में कम कीमत की होती हैं। लेकिन यह दवा की संरचना पर ज्यादा निर्भर करता है।
- OTC दवाएं मानसिक विकारों के इलाज में असक्षम होती हैं, लेकिन कुछ Schedule H दवाएं मानसिक विकारों के इलाज में सहायक हैं।
- OTC दवाओं के दुष्परिणाम Schedule H दवाओं की तुलना में कम होते हैं।
- अधिकतर OTC दवाएं सिर्फ टैबलेट, क्रीम और सिरप रूप में उपलब्ध होती हैं, लेकिन Schedule H टैबलेट, सिरप तथा इंजेक्शन सभी रूप में उपलब्ध होती हैं।
- OTC और Schedule H दोनों दवाओं का सेवन छोटे बच्चों में सावधानी से करना चाहिए। छोटे बच्चों में डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दोनों दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए।
- OTC दवाओं के उपयोग से लीवर व किडनी को इतना खतरा नहीं रहता हैं, लेकिन Schedule H की दवाओं का तय सीमा से बाहर सेवन करने पर लीवर व किडनी पर खतरा बढ़ता है।
- OTC दवाएं सिर्फ समान्य बीमारी के इलाज में ही काम आती है, जबकी Schedule H दवाइयाँ अधिकतर बीमारियों में डॉक्टर द्वारा सलाह की जाती है।
निष्कर्ष
हमें उम्मीद है, कि यह लेख OTC और Schedule H, X व H1 दवा क्या है? इनमें अंतर आपके लिए उपयोग और मददगार रहा होगा। अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो हमें कमेंट में जरूर बताए।