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26 बुखार से जुड़े रोचक तथ्य | Fever Facts in Hindi


Scientific Fever Facts in Hindi: बुखार शुरू से ही सबसे ज्यादा होने वाली बीमारी में से एक है। केवल इन्सानों में ही नहीं, बल्कि जानवरों में भी बुखार एक स्वास्थ्य समस्या है।

इस लेख में हम बुखार से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जानेंगे, जिनके बारे में शायद आपने कभी नहीं सुना होगा। तो चलिये बिना किसी देर के शुरू करते है।

बुखार से जुड़े रोचक तथ्य

1. एक सामान्य मनुष्य के शरीर का औसतन तापमान 37℃ (सेल्सियस) यानि 98.6°F (फैरेनहाइट) होता है। शरीर के इस तापमान में वृद्धि होने पर बुखार की स्थिति पैदा होती है।

2. बुखार एक रोग नहीं है, बल्कि रोगों से होने वाला एक लक्षण है। याद रखें, कि ज्यादातर मामलों में बुखार किसी संक्रमण का सूचक है।

3. दरअसल जब आपके शरीर में जीवाणु या विषाणु प्रवेश करते है, तो उन्हे खत्म करने के लिए हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है, क्योंकि ज्यादा तापमान में उनके जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है।

3. विश्वभर में, बुखार सबसे ज्यादा पाई जाने वाली स्वास्थ्य समस्या है और सालाना इसके सबसे ज्यादा मामलें सामने आते है।

4. बुखार होने पर डॉक्टर द्वारा घर पर रहने की ही सलाह दी जाती है, क्योंकि आराम करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक रहती है और बुखार के कारक को आप नहीं फैलने देते है।

5. बुखार एक अस्थायी लक्षण है, जो किसी व्यक्ति को साल में कितनी भी बार हो सकता है। बुखार का पूर्ण रूप से अंत संभव नहीं है।

6. कुछ लोगों द्वारा शरीर के बाहरी त्वचा से बुखार का अंदाजा लगाया जाता है, जो कि एक गलत तरीका है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि आप ज्यादा देर तक धूप में खड़े है, तब बाहरी अंग गरम होते ही है, जिसे हम बुखार नहीं कह सकते।

7. बुखार चेक करने का सबसे उपयुक्त तरीका ‘थर्मामीटर‘ है। यह एक ऐसा उपकरण है, जिसे मरीज के मुँह में रखकर मरीज का बॉडी टेम्परेचर मापा जाता है।

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8. थर्मामीटर में 35℃ से 42℃ तक का मान अंकित होता है। मुँह की जगह बगल में थर्मामीटर रखकर नापने पर तापमान एक डिग्री कम आता है।

9. बुखार को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है।

  • 100.5 से 102.2° F (कम बुखार)
  • 102.2 से 104°F (मध्यम दर्जे का बुखार)
  • 104.1° से 106°F (तेज बुखार)

10. बुखार भी कई तरह के होते है, जैसे- कंपकंपीवाला बुखार, चिरकारी बुखार, उतार-चढ़ाव वाला बुखार, रुक-रुक कर होने वाला बुखार आदि।

11. बुखार मौसम पर भी आधारित होता है। सुबह की तुलना में दोपहर को शरीर का तापमान ज्यादा रहता है।

12. सामान्य वयस्क और बुजुर्गों की तुलना में बच्चों या शिशुओं को बुखार ज्यादा जल्दी आता है।

13. बुजुर्गों में बुखार अक्सर कम तापमान पर आते है और ये खासकर कमजोरी या थकावट से होते है।

14. झूठ या बहाना बनाने में ‘बुखार का बहाना‘ सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।

15. बुखार को हिंदी में ‘ज्वर’ और अंग्रेजी में ‘फीवर‘ (Fever) कहा जाता है।

16. 5% बच्चों में बुखार के कारण मानसिक दौरे (मिर्गी : Seizure) पड़ सकते है, जो कुछ समय में ठीक हो जाते है।

17. बुखार के दौरान गर्म कपड़े पहनने से बुखार कम या ठीक नहीं होता है। ठीक होने के लिए मरीज को डॉक्टर से सटीक इलाज की आवश्यकता होती है। अन्यथा कई बार हमारा शरीर ही बुखार के लक्षण को खत्म कर देता है।

18. बुखार के समय आम खाद्य पदार्थ की तुलना में फलों का सेवन ज्यादा करने की नसीहत दी जाती है।

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19. घरेलू तरीके से बुखार पर नियंत्रण पाने के लिए, मरीज की ललाट पर ठंडे पानी में कपड़े की पट्टी भिगोकर रखने से बुखार कुछ देर के लिए कम हो सकता है।

20. 105°F से अधिक का बुखार किसी के लिए भी जानलेवा हो सकता है।

21. कोरोना वायरस से संपर्क में आने पर सबसे पहला लक्षण बुखार हो सकता है।

22. एक शोध के अनुसार बुखार के समय संभोग या हस्तमैथून करने की इच्छा सबसे कम होती है।

23. लंबे बुखार के दौरान स्टैमिना में काफी हद तक गिरावट आ सकती है।

24. बुखार का एक रोचक तथ्य यह भी है, कि ज्यादातर बुखार को ठीक करने के लिए OTC दवाएं काम में ली जाती है, जो बिना चिकित्सक सलाह के आसानी से मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध होती है। इन OTC दवा में Paracetamol सबसे ऊपर है।

25. बुखार आना बेहद जरूरी भी है, क्योंकि यह शरीर में कुछ गलत होने का संकेत देता है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

26. कुछ दवाइयाँ मरीज में और बुखार लाती ही है, जैसे Antibiotic और कैंसर की दवा। इनकी खुराक की शुरुआत से होने वाला बुखार 1 हफ्ते तक रहता है।

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