पिप्पली

पिप्पली के फायदे, नुकसान, खुराक, सावधानी | Pippali in Hindi


पिप्पली क्या है?

पिप्पली औषधीय गुणों से भरी एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी है, जिसके जरिये आयुर्वेद हमारे कई रोगों को ठीक करता है।

आयुर्वेद के अनुसार, पिप्पली की 4 प्रजातियां होती है, लेकिन छोटी और बड़ी पिप्पली की उपयोग में आती है। पिप्पली को ही हम आम बोली में लंबी काली मिर्च कहते है।

पिप्पली का वैज्ञानिक नाम पाइपर लोंगम (Piper Longum) है, जो पिपेरासी परिवार से संबंध रखती है।

Pippali-in-hindi

पिप्पली की भौतिक संरचना की बात करें, तो पिप्पली लता के रूप में होती है, जो भूमि पर फैलती है। इसी जड़ लकड़ी के समान होती है। यह स्वाद में तीखी और महक में सुंगधित होती है।

पिप्पली को अलग-अलग भाषा में पिपली, कटुबीज, श्यामा, लॉन्ग पीपर, इंडियन लॉन्ग पीपर, पिप्पलु, तिप्पली, पीपल दराज जैसे कई नामों से जाना जाता है।

आयुर्वेदिक दवाओं में खासकर पिप्पली की जड़ और इस पर लगने वाले फल का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि ये अन्य भागों की तुलना में ज्यादा गुणकारी होते है।

पढ़िए: इलायची के फायदे | Lavang in Hindi

फायदे

पिप्पली के उपयोग व फायदे – Pippali Benefits & Uses in Hindi

पिप्पली कई स्थितियों में हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है, जैसे-

  • पिप्पली के सेवन से खाँसी और जुकाम जैसे लक्षणों से राहत मिलती है क्योंकि यह तासीर में गर्म होती है।
  • पिप्पली में रेचक के गुण होते है, जो आंतों में पानी की मात्रा बढ़ाकर कब्ज का इलाज कर सकती है। यह मल त्याग को बढ़ावा देकर पेट को साफ रखती है।
  • यह भूख और पाचन में सुधार कर पेट दर्द, नाराजगी, अपच, आंतों की गैस, दस्त और हैजा के इलाज में सहयोग करती है।
  • पिप्पली अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों से जुड़ी अन्य कई समस्याओं को ठीक करती है।
  • मासिक धर्म चक्र में कम ब्लीडिंग को सामान्य करने के लिए, महिलाओं द्वारा पिप्पली का इस्तेमाल किया जाता है। (और पढ़िये: Periods क्या है?)
  • प्रसव के 3 से 6 सप्ताह बाद पिप्पली का उपयोग करने से गर्भाशय का आकार वापस सामान्य हो जाता है।
  • पिप्पली दांतों के दर्द तथा मसूड़ों की सूजन को कम कर सकती है।

पढ़िए: अर्जुन की छाल | Haritaki in Hindi 

दुष्प्रभाव

पिप्पली के दुष्प्रभाव – Pippali Side Effects in Hindi

पिप्पली का उचित सेवन, हमारे लिए सुरक्षित है। लेकिन कभी-कभी पिपल्ली की ज्यादा खुराक लेने से नाराजगी, पेट दर्द, एसिडिटी और पेप्टिक अल्सर की समस्या हो सकती है। (और पढ़िये: Stomach facts in Hindi)

ऐसे दुष्प्रभाव दिखने पर, पिप्पली का सेवन बंदकर किसी अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से बातचीत करें।

पढ़िए: अमृतारिष्ट Punarnavasava in Hindi 

खुराक

पिप्पली की खुराक – Pippali Dosage in Hindi

पिप्पली की खुराक लेने के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की मदद ली जा सकती है। आमतौर पर, इसकी ज्यादा सुझाव की जाने वाली खुराक कुछ इस प्रकार है-

यह खुराक एक सामान्य उम्र के पुरूष और महिला के लिए है-

पिप्पली चूर्ण दिन में 2 बार 4 से 8 चुटकी, शहद या दूध के साथ, भोजन के बाद लें।

पिप्पली कैप्सूल, दिन में 2 बार एक-एक कैप्सूल लें। अगर बीमारी का प्रभाव ज्यादा है, तब इसे सुबह व शाम दो-दो कैप्सूल लें सकते है। इसे भोजन के बाद, पानी के साथ निगलें।

पिप्पली टैबलेट, दिन में 2 बार 1-2 टैबलेट लें। इसे खाना खाने के बाद, पानी के साथ लें।

बच्चों में पिप्पली की खुराक बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह पर दें।

पढ़िये: मशरूम एडी पाउडर | Scarbic Lotion in Hindi

सावधानी

पिप्पली को कुछ स्थितियों में सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करें-

  • गर्भावस्था व स्तनपान अवस्था के लिए, पिप्पली को लेकर पुख्ता जानकारी नहीं होने के कारण इसे डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करें। (और पढ़िये: गर्भावस्था से जुड़ी सावधानियां)
  • प्रोप्रानोलोल, फिनाइटोइन और थियोफिलाइन युक्त घटकों का सेवन पिपल्ली के साथ न करें।

पढ़िये: एम-2 टोन सिरप | Patanjali Godhan Ark in Hindi