विभीतकी

बहेड़ा (विभीतकी) खाने के फायदे, दुष्प्रभाव, खुराक, सावधानी | Baheda in Hindi


बहेड़ा क्या है?

विभीतकी एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी है, जिसे बिभीतकी, बहेड़ा, बहेरा, भैरा, फिनास और हल्ला जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।

बहेड़ा का वानस्पतिक नाम टर्मिनलिया बेलेरिका (Terminalia Bellirica) है, जो कॉम्ब्रेटेसी कुल से संबंध रखता है।

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औषधि बनाने में इसके पूरे पौधे का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह त्रिदोष को संतुलित करता है, हालांकि इसका मुख्य इस्तेमाल कफ बढ़ने से होने वाली बीमारियों के लिए किया जाता है।

बहेड़ा में एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-हाइपरटेंसिव, एंटीपायरेटिक और इम्यूनोमॉडुलेटर गुण होते है।

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फायदे

विभीतकी के उपयोग व फायदे – Vibhitaki Benefits & Uses in Hindi

विभीतकी से निम्नलिखित फायदे होते है-

बहेड़ा एसिडिटी को कम कर पेप्टिक अल्सर के जोखिम को कम करता है।

हृदय स्वास्थ्य के लिए बहेड़ा एक बेहद फायदेमंद जड़ी-बूटी है। यह उच्च रक्तचाप को कम कर हृदय की धड़कन को सामान्य बनायें रखता है। इसके अलावा, यह खून के थक्कों को बनने से रोककर हृदयघात की संभावना को कम करता है। (और पढ़िये: Heart Facts in Hindi)

बहेड़ा मुक्त कणों के प्रभाव को कम कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होता है।

बहेड़ा के फल का अर्क इंसुलिन के स्तर में सुधार कर ग्लूकोज की खपत बढ़ाता है, जिससे ऊर्जा प्राप्त होती है और डायबिटिज का खतरा कम हो जाता है।

बहेड़ा हमारे लिवर स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होता है। इसमें हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण शामिल होते है, जो लिवर की विषाक्ता को कम कर सूजन मिटाता है। (और पढ़िये: लिवर क्या है?)

यह औषधि हानिकारक बैक्टीरिया के प्रभाव से होने वाले लक्षणों जैसे तेज बुखार, टायफाइड, खाँसी आदि को ठीक करने में सहायक है।

बहेड़ा दस्त और पेचिश के उपचार और प्रबंधन में प्रभावी माना जाता है। इसमें फ्लेवोनॉइड्स, टैनिन और एल्कलॉइडस मौजूद होते है, जिस कारण यह एंटी-डायरियल गुण दर्शाता है। (और पढ़िये: Stomach facts in Hindi)

यह हमारी आंखों और बालों से जुड़ी समस्याओं के लिए भी काफी असरदार जड़ी-बूटी है।

बहेड़ा गुर्दे की पथरी का उपचार कर संपूर्ण किडनी स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। (और पढ़िये: Kidney Facts in Hindi)

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दुष्प्रभाव

विभीतकी के नुकसान – Vibhitaki Side Effects in Hindi

विभीतकी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसकी सही खुराक लेने से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। लेकिन यदि इसकी ज्यादा या गलत खुराक लेते है, तो निःसंदेह इससे कुछ दुष्प्रभाव दिख सकते है जैसे-

  • जी घबराना
  • उल्टी
  • मुँह में छाले

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खुराक

विभीतकी की खुराक – Vibhitaki Dosage in Hindi

बहेड़ा की खुराक हर रोगी की उम्र और उनके रोग के अनुसार अलग हो सकती है। कुछ सामान्य लक्षणों में बहेड़ा की ज्यादातर सुझाव की जाने वाली खुराक कुछ इस प्रकार है-

आमतौर पर, बहेड़ा के पाउडर का सेवन दिन में 3 से 6 ग्राम किया जा सकता है।

गले में खराश या खाँसी के मामलों में बहेड़ा के फल के टूटे हुए छिलकों को चुसने से आराम मिलता है।

अपच और अस्थमा के मामलों में, बेहडा का फल, पिप्पली और मुलेठी की जड़ को बराबर मात्रा में मिलाकर इनका पाउडर बनाएं। इस पाउडर की 2 चम्मच लेकर उसे आधा लीटर पानी में तब तक उबालें, जब तक कि लगभग 300ml मात्रा न हो जायें। इसके बाद तकरीबन 100ml मात्रा मिलाकर इसे दिन में दो बार लें।

त्वचा पर घाव होने पर, बहेड़ा के छिलकों का लेप बनाकर घाव पर लगायें, जिससे जलन में आराम मिलेगा।

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सावधानी

बहेड़ा को इस्तेमाल करने से पहले इन सावधानियों को ध्यान में रखना अति आवश्यक है-

यदि आप एक गर्भवती महिला है, तो बहेड़ा का सेवन न करें क्योंकि यह गर्भावस्था के लिए नुकसानदेह माना जाता है। (और पढ़िये: Pregnancy Me Kya Karna Chahiye or Kya Nahi)

स्तनपान कराने वाली महिलाएं, बहेड़ा को सदैव अपने डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करें।

बेहड़ा कुछ दवाओं के साथ हस्तक्षेप कर सकता है। इसलिए यदि आप किसी दवा का कोर्स लें रहे है, तो बहेड़ा का सेवन डॉक्टर की मंजूरी से करें।

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