हरीतकी क्या है?
हरीतकी, आयुर्वेद चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली एक गुणकारी जड़ी-बूटी है, जिसे सामान्यतः हरड़, हर्रा, कदुक्कई, कराकाकाया आदि नामों से भी जाना जाता है।
हरीतकी का वैज्ञानिक नाम टर्मिनलिया चेबुला (Terminalia Chebula) है, जो मुख्यतः भारत में पाया जाता है, हालांकि यह भारत में पड़ोसी देशों जैसे नेपाल, चीन और श्रीलंका में भी पाया जाता है।
हरीतकी का एक भाग, विभितकी का 2 भाग और आंवला का 3 भाग मिलाकर त्रिफला का निर्माण किया जाता है, जो सूजन, पेट की बीमारियों और दांतों के रोगों को दूर करने वाला एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक सूत्रीकरण है।
हरीतकी को आयुर्वेद में “दवाओं का राजा” कहा जाता है, क्योंकि यह विभिन्न बीमारियों के इलाज में उपयोगी होता है।
हरीतकी में एन्टीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीडायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीकैंसर गुण पायें जाते है। इसके अलावा, इसमें विटामिन-सी, पोटेशियम, आयरन, कॉपर, सेलेनियम सहित कई आवश्यक विटामिन, मिनरल और प्रोटीन शामिल होते है।
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फायदे
हरीतकी के उपयोग व फायदे – Haritaki Benefits & Uses in Hindi
हरीतकी से होने वाले फायदों की बात करें, तो
यह जड़ी-बूटी पाचन रसों के स्त्राव में सुधार करने और भोजन से आवश्यक पोषक तत्वों का अवशोषण करने में मददगार है, जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है।
हरीतकी पेट से जुड़ी कई बीमारियों जैसे एसिडिटी, अपच, पेट फूलना, पेप्टिक अल्सर, पेट फूलना, पेट दर्द, गैस, कब्ज, सूजन और ऐंठन को ठीक करती है।
हरीतकी मन को शांत कर हृदय की धड़कन को सामान्य करने में मदद करती है, जिससे हृदय के कार्यो में लय बनी रहती है।
इसके अलावा, यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और लिपिड के निर्माण को रोकने में उपयोगी साबित होती है, जिससे हार्ट अटैक, ब्लॉकेज और रक्त के थक्के जमने की संभावना कम हो जाती है। (और पढ़िये: 50 दिल (हृदय) से जुड़े रोचक तथ्य)
हरीतकी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते है, जिससे मस्तिष्क की संज्ञानात्मक क्षमता बेहतर बनती है और एकाग्रता, स्मृति, सतर्कता और ध्यान में सुधार होता है।
यह जड़ी-बूटी भूख को नियंत्रित कर मेटाबोलिज्म में सुधार करती है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
हरीतकी शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालकर बॉडी को डिटॉक्सिफाई करती है।
विटामिन-सी का एक अच्छा स्त्रोत होने के कारण, हरीतकी से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार हो सकता है।
हरीतकी त्वचा से जुड़े संक्रमण जैसे मुहांसे, फुंसी, चकते या फोड़ो का इलाज करती है। बालों की समस्या में भी हरीतकी फायदेमंद मानी जाती है।
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दुष्प्रभाव
हरीतकी के दुष्प्रभाव – Haritaki Side Effects in Hindi
हरीतकी की खुराक किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श पर ज्यादा सुरक्षित होता है क्योंकि इस जड़ी-बूटी के अधिक या गलत सेवन से डिहाइड्रेशन, दस्त, स्वाद में बदलाव या थकान महसूस हो सकती है।
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खुराक
हरीतकी की खुराक – Haritaki Dosage in Hindi
आमतौर पर, हरीतकी को सूखे पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अपनी वर्तमान स्थिति के आधार पर, हरीतकी का उपयोग करने से पहले किसी अच्छे चिकित्सक की राय जरूर लें।
हरीतकी के चूर्ण को गर्म पानी में मिलाकर काढ़े के रूप में सेवन किया जाता है।
सर्दियों में, हरीतकी को अदरक, काली मिर्च, मिश्री, शहद या देसी खांड के साथ लें और गर्मियों में, इसे गुड़ के साथ लें।
आँखों में संक्रमण होने पर, हरीतकी फल को उबालकर ठंडा करने के बाद आईवॉश या क्लींजर के रूप में उपयोग करें।
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सावधानी
हरीतकी को कुछ मामलों में सावधानीपूर्वक या डॉक्टर की सलाह से उपयोग करना चाहिए जैसे-
हरीतकी ब्लड शुगर लेवल को कम करती है, इसलिए जो मरीज पहले से ब्लड शुगर लेवल कम करने की अन्य दवाएं लें रहें है, उन्हें हरीतकी का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को हरीतकी के इस्तेमाल से बचना चाहिए। (और पढ़िये: गर्भावस्था से जुड़ी सावधानियां)
एलर्जी या अतिसंवेदनशीलता के मामलों में, इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल न करें।
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