उत्पाद प्रकार

Ayurvedic

संयोजन

सफेद कमल + जटामांसी + नागरमोथा + आंवला + कचूर + मुलेठी + महुआ के फूल + धाय के फूल + मुनक्का + पटोल पत्र + अर्जुन की छाल + नील के बीच + मजीठ + छोटी इलायची + हरड़ + बहेड़ा + बच + गंभारी की छाल + खस + नील कमल + काली अनंतमूल + पित्तपापड़ा + पटोल पत्र + काली निसोत + चीनी + शहद + पानी

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अरविन्दासव

अरविन्दासव के फायदे, नुकसान, खुराक, सावधानी | Arvindasava in Hindi


परिचय

अरविन्दासव क्या है? – What is Arvindasava in Hindi

मानव का शारीरिक और मानसिक विकास गर्भ से ही होना शुरू हो जाता है।

कुछ त्रुटिपूर्ण मामलों में, बच्चों के सभी क्षेत्र में उपयुक्त विकास हेतु अरविन्दासव का चयन किया जा सकता है।

अरविन्दासव बच्चों में आवश्यक धातुओं की पुष्टि कर स्वास्थ्य को सबल और निरोगी बनाने में सहायक हो सकता है।

अरविन्दासव खासकर बच्चों के लिए एक सहयोगी औषधि है, जो मानसिक विकारों को दूर कर मस्तिष्क के पूर्ण विकास में सहयोग कर सकता है।

यह पोषक की कमी को दूर कर भूख न लगने और पाचन संबंधी अन्य कमियों में लाभकारी हो सकता है।

जिन बच्चों में कफ और वात से जुड़े शुरुआती लक्षण स्पष्ट होने लग जाते है, वे अरविन्दासव के उपयोग से सम्भवतः कुछ समय में राहत पा सकते है।

अरविन्दासव हड्डियों के घनत्व को बढ़ाकर शारीरिक संरचना और भौतिक कार्यों को ठीक करने में मददगार हो सकता है।

यह एक OTC उत्पाद है, जिसे खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची नहीं चाहिए।

अरविन्दासव अत्यधिक रक्तस्राव से ग्रसित स्त्रियों में भी फायदेमंद सिद्ध हो सकता है।

यह आयुर्वेदिक उत्पाद निम्न कंपनी व ब्रांड नाम से प्रचलित है।

  • Patanjali Arvindasava
  • Baidyanath Arvindasava
  • Dabur Arvindasava
  • Dhootapeshwar Arvindasava

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संयोजन

अरविन्दासव की संरचना – Arvindasava Composition in Hindi

निम्न घटक अरविन्दासव में मौजूद होते है।

सफेद कमल + जटामांसी + नागरमोथा + आंवला + कचूर + मुलेठी + महुआ के फूल + धाय के फूल + मुनक्का + पटोल पत्र + अर्जुन की छाल + नील के बीच + मजीठ + छोटी इलायची + हरड़ + बहेड़ा + बच + गंभारी की छाल + खस + नील कमल + काली अनंतमूल + पित्तपापड़ा + पटोल पत्र + काली निसोत + चीनी + शहद + पानी

अरविन्दासव कैसे काम करती है?

  • सफेद कमल मस्तिष्क को शांति प्रदान करने और हृदय के उचित कामकाज को सुचारू बनाएं रखने हेतु बेहद मददगार हो सकता है। सफेद कमल कफ, रक्तस्राव, स्तंभन दोष, बुखार, पानी की कमी होना, उच्च रक्तचाप और दस्त जैसी अन्य विभिन्न स्थितियों के लिए लाभप्रद माना जाता है।
  • जटामांसी को ज्यादातर मानसिक दिक्कतों के समय उपयोग किया जाता है। जटामांसी रोग प्रतिरोधक शक्ति वर्धक के रूप में तंत्रिका तंत्र के हार्मोन असंतुलन को ठीक करने में मददगार हो सकता है। जटामांसी एक स्नायु टॉनिक का रूप है। साथ ही, जटामांसी द्वारा पेट दर्द और मासिक धर्म चक्र से जुड़े बुरे लक्षणों का उपचार संभव हो सकता है।
  • आंवला एसिडिटी और पथरी की समस्या में एक कारगर एजेंट हो सकता है। आंवला लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण का कार्य कर खून की कमी नहीं होने देता है। आंवला आँखों की समंजन क्षमता में सुधार कर आंखों की रोशनी को बढ़ाने में भी सहायक हो सकता है।
  • अर्जुन की छाल मानव शरीर को ऊर्जा देने वाले केंद्र को मजबूती प्रदान करती है। अर्जुन की छाल खाँसी को ठीक कर गले की जलन को ठीक करने में मदद कर सकती है। यह सूजन से जुड़े मुद्दों के लिए काफी प्रभावी उपाय हो सकता है। यह हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।
  • छोटी इलायची मस्तिष्क की तेजी और ताजगी के लिए एक उत्कृष्ट जड़ी-बूटी है। छोटी इलायची में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है, जो शरीर को जल्दी बुढ़ापे से बचाने में सहायक हो सकता है। छोटी इलायची गैस, अपच और पेप्टिक अल्सर के मामलों में सहयोगी हो सकती है।

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फायदे

अरविन्दासव के उपयोग व फायदे – Arvindasava Uses & Benefits in Hindi

अरविन्दासव को निम्न अवस्था व विकार में सलाह किया जाता है।

  • कुपोषण
  • कमजोरी
  • कमजोर याददाश्त
  • अपच
  • हड्डियों की कमजोरी
  • पाचन में परेशानी
  • खाँसी
  • डायरिया
  • मनोरोग
  • भूख में कमी
  • कमजोर इम्यूनिटी
  • मूत्र में पस और जलन
  • अनिद्रा
  • रक्तप्रदर
  • नकसीर

दुष्प्रभाव

अरविन्दासव के दुष्प्रभाव – Arvindasava Side Effects in Hindi

इसकी अति या दुरुपयोग से कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हो सकते है-

  • सिरदर्द
  • कब्ज
  • शुष्क त्वचा

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खुराक

अरविन्दासव की खुराक – Arvindasava Dosage in Hindi

अरविन्दासव की खुराक हमेशा डॉक्टर या विशेषज्ञ से निजी परामर्श के बाद लेना उचित माना जाता है।

आमतौर पर, अरविन्दासव की ज्यादातर मामलों में सुझाव की जाने वाली खुराक कुछ इस प्रकार है-

उत्पाद खुराक
use in hindi
Arvindasava
  • लेने का तरीक़ा: मौखिक खुराक
  • कितना लें: 1 छोटी चम्मच
  • कब लें: सुबह और शाम
  • खाने से पहले या बाद: कभी भी
  • लेने का माध्यम: गुनगुने पानी के साथ
  • उपचार अवधि: 3 महीने

अरविन्दासव की खुराक को हर स्थिति के लिए कम या ज्यादा करने हेतु चिकित्सक का परामर्श जरूरी है।

अरविन्दासव को अन्य आयुर्वेदिक औषधियों प्रवाल पिष्टी, अशोक चूर्ण, अशोकारिष्ट, मुक्तशुक्ति आदि के साथ लेने पर उचित दिशा-निर्देशों का पालन अवश्य करें।

एक खुराक छूट जाये, तो निर्धारित अरविन्दासव का सेवन जल्द करें। अगली खुराक अरविन्दासव की निकट हो, तो छूटी खुराक ना लें।

सावधानी

निम्न सावधानियों के बारे में अरविन्दासव के सेवन से पहले जानना जरूरी है।

भोजन

अरविन्दासव की भोजन के साथ प्रतिक्रिया की जानकारी अज्ञात है।

जारी दवाई

अन्य जारी दवाई और घटक के साथ अरविन्दासव की प्रतिक्रिया की उपयुक्त जानकारी नहीं है।

लत लगना

नहीं, अरविन्दासव की लत नहीं लगती है।

ऐल्कोहॉल

शराब और अरविन्दासव की साथ में प्रतिक्रिया की जानकारी अज्ञात है।

गर्भावस्था

गर्भावस्था एक संवेदनशील अवस्था है, इसलिए अरविन्दासव का सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

स्तनपान

स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर, अरविन्दासव के प्रभाव की जानकारी अज्ञात है।

ड्राइविंग

अरविन्दासव के सेवन से ड्राइविंग क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता है।

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कीमत

अरविन्दासव को आप अमेजन से कुछ प्रतिशत छूट पर ऑनलाइन खरीद सकते है-

सवाल-जवाब

क्या अरविन्दासव मधुमेह के मामलों में सुरक्षित है?

इसमे शुगर होने के कारण मधुमेह से पीड़ित मरीज इसे डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करें।

अरविन्दासव की दो क्रमागत खुराकों के बीच कितना समय अंतराल होना आवश्यक है?

इसकी दो लगातार खुराकों के बीच कम से कम 4 से 5 घंटों का समय अंतराल होना सुरक्षित है।

क्या अरविन्दासव मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है?

इस विषय में अपने मासिक धर्म चक्र से जुड़े चिकित्सक की सहायता लेना उचित है।

क्या अरविन्दासव शिशुओं या बच्चों में डर के कारण को ठीक कर सकता है?

अरविन्दासव मानसिक असंतुलन को ठीक कर हृदय को मजबूती देने का कार्य करता है, जिससे मामूली डर से निजात पाया जा सकता है।

क्या अरविन्दासव भारत में लीगल है?

हाँ, यह आयुर्वेदिक उत्पाद भारत में पूर्णतया लीगल है।

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