उत्पाद प्रकार

Ayurvedic

संयोजन

कटुकी + जामुन + नीम + चिरायता + करेला + अश्वगंधा + मेथी + अतीस + शुद्ध शिलाजीत

डॉक्टर की पर्ची

जरुरी नहीं

निर्माता

Patanjali Ayurved Ltd

Pantanjali Divya Madhukalp Vati

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी के फायदे, नुकसान, खुराक, सावधानी


परिचय

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी क्या है? – What is Pantanjali Divya Madhukalp Vati in Hindi

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी विशेषकर शुगर से जुड़े मुद्दों के लिए प्रसंशनीय औषधि है।

इस वटी का उपयोग करने वाले मधुमेह से पीड़ित लोगों के मुताबिक यह वटी सुरक्षा के साथ स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है।

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी से शुगर के साथ जुड़े अन्य मामलें जैसे मोटापा, उच्च इंसुलिन प्रतिरोध, रक्तचाप, अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना, खराब पाचन तंत्र, लीवर संबंधी विकार, संक्रमण, सीने की जलन, तनाव, जल्दी थकना, शुक्राणुओं में कमी, हृदय से जुड़ी समस्याएं आदि सभी का सफल उपचार संभव है।

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी शारीरिक पोषण को बढ़ावा देकर संवेदनशील हालातों से उभरने में मददगार हो सकती है।

अक्सर मधुमेह के मामलों में बीते चरणों के साथ ही किसी बाहरी चोंट या आघात से रिकवरी होने में समय लग सकता है, जिसके फलस्वरूप संक्रमणों का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।

ऐसे में, सर्जरी से ठीक होने के लिए पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी के इस्तेमाल हेतु चिकित्सीय सलाह का विशेष महत्व होता है।

यह एक OTC उत्पाद है, जिसे खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची नहीं चाहिए।

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संयोजन

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी की संरचना – Pantanjali Divya Madhukalp Vati Composition in Hindi

निम्न घटक पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी में होते है।

कटुकी + जामुन + नीम + चिरायता + करेला + अश्वगंधा + मेथी + अतीस + शुद्ध शिलाजीत

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी कैसे काम करती है?

  • जामुन में कुछ ऐसे तत्व होते है, जो रक्त में शर्करा की मात्रा को कम कर मधुमेह को गंभीर होने से बचा सकते है। यह हाजमा शक्ति को बढ़ाकर भोजन के अवशोषण में मदद करने और पाचन प्रणाली को तंदुरुस्त रखने में मददगार हो सकता है। जामुन एक अच्छा रक्तशोधक है, जो रक्त को साफ कर सेहतमंद त्वचा की बुनियाद को पक्का कर सकता है।
  • नीम हानिकारक विषैले पदार्थों को निकालकर एलर्जी के लक्षणों से छुटकारा दिलाने में मददगार हो सकता है। यह चोंट लगने के कारण होने वाली सूजन को कम करने के लिए प्रभावी हो सकता है। इसके अलावा, यह रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम कर इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में कारगर साबित हो सकता है।
  • चिरायता चयापचय क्रियाओं में सुधार कर भोजन को पचने में मदद कर सकता है और ब्लोटिंग जैसी समस्या के निवारण में सहायक हो सकता है। यह इंसुलिन के उत्पादन को प्रेरित कर रक्त शर्करा को कम करने हेतु एक फायदेमंद जड़ी-बूटी है। यह लीवर की कोशिकाओं को पुनः चार्ज कर लीवर के सामान्य कामकाज को बनाएं रखने में मददगार हो सकता है।
  • करेला का रस मधुमेह के रोगियों के लिए एक उत्तम आहार हो सकता है। आंखों से जुड़ी कई शिकायतों में करेला का उपयोग एक बेहतर परिणाम की पुष्टि कर सकता है।
  • अश्वगंधा आँखों की चेतना को तीव्र करने में मदद करने वाला एजेंट है। घावों के दर्द से छुटकारा पाने में अश्वगंधा फायदा दे सकता है।
  • मेथी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते है, जिसके कारण यह त्वचा को मुक्त कणों की क्षति से बचाती है और घावों को जल्दी भरने का कार्य कर सकती है। यह उच्च रक्त शर्करा को नियंत्रित कर टाइप 2 मधुमेह के मामलों के लिए उत्कृष्ट साबित हो सकती है। यह रक्तचाप और रक्त प्रवाह को सुनिश्चित कर मोटापे को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है।
  • शिलाजीत शक्तिवर्धक, शुक्रवर्धक और ओजवर्धक गुणों से परिपूर्ण यौगिक है, जो शारीरिक, मानसिक और यौन शक्ति में सुधार का निरंतर प्रयास जारी रखता है। यह गुर्दे और मूत्राशय पर कार्रवाई कर मूत्र से जुड़ी समस्याओं में उपयोगी हो सकता है।

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फायदे

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी के उपयोग व फायदे – Pantanjali Divya Madhukalp Vati Uses & Benefits in Hindi

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी को निम्न अवस्था व विकार में सलाह किया जाता है-

  • मधुमेह
  • उच्च इंसुलिन प्रतिरोध
  • मोटापा
  • तनाव
  • हृदय से जुड़ी समस्याएं
  • अनियंत्रित रक्तचाप
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च लिपिड स्तर

दुष्प्रभाव

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी के दुष्प्रभाव – Pantanjali Divya Madhukalp Vati Side Effects in Hindi

इसकी अति या दुरुपयोग से कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हो सकते है-

  • एसिडिटी
  • सिर दर्द
  • चक्कर आना
  • उल्टी
  • त्वचा पर लाल चकत्ते

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खुराक

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी की खुराक – Pantanjali Divya Madhukalp Vati Dosage in Hindi

आमतौर पर, दिव्य मधुकल्प वटी की ज्यादातर मामलों में सुझाव की जाने वाली खुराक कुछ इस प्रकार है-

उत्पाद खुराक
use in hindi
Pantanjali Divya Madhukalp Vati
  • लेने का तरीक़ा: मौखिक खुराक
  • कितना लें: 1 टैबलेट
  • कब लें: सुबह-दोपहर-शाम
  • खाने से पहले या बाद: खाने से पहले
  • लेने का माध्यम: गुनगुने पानी के साथ
  • उपचार अवधि: डॉक्टर की सलाह अनुसार

दिव्य मधुकल्प वटीकी खुराक 13 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए, दिन में 1 टैबलेट लेने की सलाह दी जाती है।

इस वटी की गोलियों को बिना तोड़े, चबाएं, कुचले या चूसें पानी के साथ निगल लेने की सलाह दी जाती है।

दिव्य मधुकल्प वटी की खुराक में परिवर्तन के लिए डॉक्टरी हस्तक्षेप आवश्यक है और मौजूदा हालात की जांच भी समय-समय पर कराते रहें।

एक खुराक छूट जाये, तो निर्धारित दिव्य मधुकल्प वटी का सेवन जल्द करें। अगली खुराक दिव्य मधुकल्प वटी की निकट हो, तो छूटी खुराक ना लें।

सावधानी

निम्न सावधानियों के बारे में पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी के उपयोग से पहले जानना जरूरी है।

भोजन

भोजन के साथ पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी की प्रतिक्रिया की जानकारी अज्ञात है।

जारी दवाई

अन्य जारी दवाई और घटक के साथ दिव्य मधुकल्प वटी की प्रतिक्रिया की उपयुक्त जानकारी नहीं है।

लत लगना

नहीं, दिव्य मधुकल्प वटी की लत नहीं लगती है।

ऐल्कोहॉल

शराब और दिव्य मधुकल्प वटी की साथ में प्रतिक्रिया की जानकारी अज्ञात है।

गर्भावस्था

गर्भावस्था एक संवेदनशील अवस्था है, इसलिए दिव्य मधुकल्प वटी का सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

स्तनपान

स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर, दिव्य मधुकल्प वटी के प्रभाव की जानकारी अज्ञात है।

ड्राइविंग

दिव्य मधुकल्प वटी के सेवन से ड्राइविंग क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता है।

अन्य बीमारी

एलर्जी या अतिसंवेदनशीलता के मामलों में दिव्य मधुकल्प वटी का उपयोग डॉक्टर की सलाह अनुसार करें।

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कीमत

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी को आप अमेजन से कुछ प्रतिशत छूट पर ऑनलाइन खरीद सकते है-

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सवाल-जवाब

क्या पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी को कितने समय तक लेने की आवश्यकता हो सकती है?

इस वटी को लगभग 3 महीनों तक चिकित्सक की देखरेख में जारी रखने की आवश्यकता हो सकती है।

क्या पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकती है?

यह वटी महिलाओं में अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या को दूर कर सकती है, लेकिन मासिक धर्म चक्र पर इस वटी की गलत प्रतिक्रिया की कोई जानकारी मौजूद नहीं है।

पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी की दो लगातार खुराकों के बीच कितना समय अंतराल होना आवश्यक है?

इस वटी की एक खुराक लेने के बाद दूसरी खुराक के लिए 4 से 6 घंटों के समय अंतराल का पालन करें। इस समय अंतराल का पालन करते रहने से इस वटी से होने वाले दुष्प्रभावों की संभावना कम हो सकती है।

क्या पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी यौन इच्छा को बढ़ा सकती है?

यह वटी मधुमेह को नियंत्रित कर यौन इच्छा को बढ़ा सकती है क्योंकि इसमें शिलाजीत और अश्वगंधा जैसे यौन प्रबंधक अवयव शामिल होते है। इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर का परामर्श ले सकते है।

क्या पतंजलि दिव्य मधुकल्प वटी भारत में लीगल है?

हाँ, यह आयुर्वेदिक वटी भारत में पूर्णतया लीगल है।

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