Minerals क्या है? – What is Minerals in Hindi
हमारा शरीर प्रोटीन (Protein), वसा (Fat) और कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) के बाद कई आवश्यक विटामिन (Vitamin) और मिनरल्स (Minerals) की मांग करता है, ये हमारे शरीर को रोग मुक्त बनायें रखने में अहम भूमिका निभाते है।
मिनरल शरीर की वह मूल इकाई होती है, जो हमारे शरीर के कई तंत्रों के बराबर संचालन में मदद करते है। इन खनिजों का हमारे शरीर में बेहद खास महत्व होता है और ये विभिन्न तरीकों से हमारी सेहत को स्वस्थ रखने का कार्य करते है।
मिनरल्स हमारी हड्डियों में मजबूती लाने, चयापचय क्रियाओं में सुधार करने और जल संतुलन को सुनिश्चित करने के इरादें से ज्यादा इस्तेमाल में लिए जाते है।
मिनरल्स का निर्माण या उत्पादन हमारे शरीर में नहीं होता है, इनकी पूर्ति करने के लिए पोषण युक्त भोजन का सेवन करना होता है। कुल मिलाकर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए मिनरल्स हमारे लिए बेहद आवश्यक होते है।
मैक्रो-न्यूट्रीएंट्स (Macronutrients) और माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स (Micronutrients), दो प्रकार के पोषक तत्व होते है।
मैक्रोन्यूट्रीएंट्स में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और वसा को स्थान दिया गया है, जबकि माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में विटामिन्स और मिनरल्स आते है।
मिनरल्स अकार्बनिक पदार्थ होते है और रसायनिक क्रिया के समय अपनी रासायनिक संरचना में कोई परिवर्तन नहीं होने देते है।
मिनरल्स क्यों जरूरी होते है?
मिनरल्स से शारीरिक ढाँचे को एक सही आकार मिलता है, मस्तिष्क में तंत्रिकाओं के बीच समन्वय बना रहता है और मांसपेशियां मजबूत बनती है।
मिनरल ग्रोथ हार्मोन्स को उत्सर्जित करता है, एसिड के स्तर को संतुलित करता है, मसल का संकुचन नियंत्रित करता है, इलेक्ट्रोलाइट का अवशोषण बढ़ाता है, हड्डियों की कमजोरी को दूर कर घनत्व को बढ़ाता है, बालों को टूटने से बचाता है और अन्य कई मामलों को ठीक कर शरीर के संपूर्ण विकास में मदद करता है।
खनिज तत्वों की कमी को दूर करने और सेहत को तंदुरुस्त रखने हेतु कई चिकित्सा पद्धति मल्टीमिनरल दवाओं का विनिर्माण करती है।
मिनरल्स के प्रकार – Types of Minerals in Hindi
मिनरल्स को जरूरत और शरीर में उपस्थिति के अनुसार दो प्रकार में बांटा गया है।
- Major Minerals: प्रति मेजर मिनरल्स की दैनिक जरूरत 100 मिली ग्राम से ज्यादा होती है और 5 ग्राम से ज्यादा यह शरीर में होता है।
- Trace Minerals: हर एक ट्रेस मिनरल्स की दैनिक जरूरत 100 मिली ग्राम से कम और इनकी शरीर में उपस्थिति 5 ग्राम से कम होती है।
मिनरल्स से जुड़े अन्य तथ्यों जैसे उनका नाम, स्रोत, खाद्य सहभागिता, कमी से रोग और उपयोग आदि सभी की पूरी जानकारी एक सारणी के द्वारा प्राप्त करना ज्यादा आसान रहता है।
Major Minerals
मिनरल्स का नाम | स्रोत | कमी या अधिकता से रोग | उपयोग | दैनिक आवश्यक मात्रा |
पोटैशियम | केला, टमाटर, हरी पत्तेदार सब्जियां, संतरा आदि | कमी से थकान आना और हृदय की धड़कनों का अनियमित होना, अधिकता से उच्च रक्तदाब हृदय को स्वस्थ रखता है। | पाचन को अच्छा करता है, मांसपेशियों को ठीक प्रकार से कार्य करने की मदद देता है। | 2000 मिलीग्राम |
सोडियम | नमक, शलजम आदि | कमी से अधिक थकान, जी मिचलाना, मानसिक संतुलन बिगड़ना,अधिकता से उच्च रक्तदाब और हृदय पर बुरा असर होना। | मांसपेशियों की कार्यप्रणाली में सुधार करता है, रक्त के आयतन और प्रेशर को नियंत्रित करता है। | 1300 मिलीग्राम (महिलाओं में) 1500 मिलीग्राम (पुरुषों में) |
मैग्नीशियम | अखरोट, काजू, बादाम, पत्तेदार सब्जियां | कमी या अधिकता से उच्च रक्तदाब, मैग्नीशियम का निम्न स्तर और हृदय विकार। | शारीरिक ऊर्जा के उत्पादन में सहायक होता है, कैल्शियम के स्तर को सुनिश्चित करने में मददगार होता है। | 10-12 मिलीग्राम |
कैल्शियम | काजू, बादाम, पालक, गुड़, दूध | कमी से हड्डियां कमजोर होती है। अधिकता से बेचैनी, पथरी की समस्या होती है। | हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है, मांसपेशियों के संकुचन में मदद करता है, रक्त नलिकाओं को पंप करने में फायदेमंद होता है। | 1000 मिलीग्राम (महिलाओं में) 1200 मिलीग्राम (पुरुषों में) |
Trace Minerals
मिनरल्स का नाम | स्रोत | कमी या अधिकता से रोग | उपयोग | दैनिक आवश्यक मात्रा |
आयरन | सूखा मेवा, फलियां, चने, अंडे, पत्तेदार सब्जियां | कमी से एनीमिया, अत्यधिक थकान और कमजोरी हो सकती है। अधिकता से हृदय दुर्बल हो सकता है। | हीमोग्लोबिन का स्तर सुधारने में सहायक होता है, खून बनने की प्रक्रिया को तेज करता है, RCB काउंट को बढ़ाता है। | 12 मिलीग्राम (महिलाओं में) 8 मिलीग्राम (पुरुषों में) |
जिंक | साबुत दाना, फलियां, दूध, दाल, सी-फूड, तिल आदि। | जिंक की कमी से सर्दी-जुखाम जल्दी होते है। | बालों, त्वचा तथा नाखूनों के लिए पोषणदायक होता है। प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने में मददगार होता है। | 9 मिलीग्राम (महिलाओं में) 11 मिलीग्राम (पुरुषों में) |
मैंगनीज | नट्स, चाय, पत्तेदार हरी सब्जियां, फलियां आदि। | इसकी कमी से कोलेजन घाव भरने में बाधा उत्पन्न होती है। | ऑस्टियोआर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या में यह लाभदायक हो सकता है। | 1.8 मिलीग्राम (महिलाओं में) 2.3 मिलीग्राम (पुरुषों में) |
आयोडीन | दूध, चीज़ (Cheese), टूना फिश आदि। | आयोडीन की कमी से घेंघा रोग, शारीरिक कमजोरी, विकास में रुकावट आदि। | थायरॉइड हार्मोन को बनाने में लाभकारी होता है। हड्डियों में विकास में सहायक होता है। मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित करके रखता है। | 150 माइक्रोग्राम |
फ्लोराइड | कॉफी, चाय, सोयाबीन, मैकेरल फिश, फ्लोराइड युक्त पानी आदि। | इसकी कमी से दांतों में पीलापन, घुटनों में सूजन, बैठने में परेशानी आदि। | दांतों को मजबूत बनाता है। कैविटी से बचाव करता है। | 3 मिलीग्राम (महिलाओं में) 4 मिलीग्राम (पुरुषों में) |
सेलेनियम | रेड मीट, अंडा, चिकन, लहसुन आदि। | इसकी कमी से कैंसर और हृदय रोगों की संभावना बढ़ जाती है। | कोशिकाओं की क्षति को प्रोटीन की मदद से रोकता है। हानिकारक पदार्थों से बचाव करता है। | 55 माइक्रोग्राम |