मधुनाशिनी वटी क्या है?
मधुमेह यानी डायबिटीज आज के युग की एक बहुत कॉमन बीमारी है, दुर्भाग्यवश भारत को “Diabetes Capital of the World” के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि पूरी दुनिया में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर है, जहाँ डायबिटीज के सबसे अधिक मरीज है।
लेकिन खासबात यह है कि भारत में एलोपैथिक के साथ आयुर्वेदिक कंपनियों का भी प्रचलन ज्यादा है, जो अपने प्रयासों से हमारे लिए सुरक्षित दवाएं बना रही है।
उन्ही में से, एक विश्वसनीय कंपनी “Patanjali Ayurved Limited” है, जिसके द्वारा निर्मित एक आयुर्वेदिक उत्पाद “मधुनाशिनी वटी” पर यह लेख है।
जैसा कि नाम से स्पष्ट है, मधुनाशिनी वटी का उपयोग मधुमेह की रोकथाम के लिए किया जाता है। मधुनाशिनी वटी एक शुद्ध शाकाहारी और प्राकृतिक घटकों से बनी टैबलेट है, जिसे निगलना आसान है।
मधुनाशिनी वटी की पेकेजिंग की बात करें तो पहले इसकी पैकेजिंग अलग थी, लेकिन अब इसे नई पैकेजिंग के साथ मार्केट में उतारा गया है, जिस पर एक्स्ट्रा पावर लिखा होता है।
यह वटी भारत में पूर्णतया लीगल है क्योंकि इसे भारत में ही निर्मित किया जाता है।
इस वटी में न्यूरोप्रोटेक्टिव, मधुमेह विरोधी, कार्डियोप्रोटेक्टिव, एंटीऑक्सिडेंट, इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और एडाप्टोजेनिक जैसे कई गुण पायें जाते है।
मधुनाशिनी वटी को खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची नहीं चाहिए क्योकि यह एक OTC उत्पाद है।
नाम | Madhunashini Vati |
निर्माता (Manufacturer) | Patanjali Ayurved Limited |
दवा-प्रकार (Type of Drug) | आयुर्वेदिक |
कीमत (Price) | २२५ रूपये (१२० टैबलेट्स) |
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मधुनाशिनी वटी की संरचना – Composition in Hindi
मधुनाशिनी वटी की एक 500mg की टैबलेट में कई मुख्य प्राकृतिक घटक बताई गई मात्रा में शामिल होते है-
गिलोय - 146.22mg + मेथी- 73.17mg + नीम पत्र - 73.17mg + कालमेघ - 73.17mg + शुद्ध शिलाजित - 57.91mg + करेला - 36.55mg + जामुन - 17.48mg + बेलपत्र - 14.62mg + गुड़मार - 14.62mg + छोटी हरड़ - 14.62mg + गोखरु - 14.62mg + अश्वगंधा - 14.62mg + बहेड़ा - 14.62mg + आंवला - 14.62mg
अश्वगंधा में कई बीमारियों से लड़ने की ताकत होती है। इस घटक का प्रयोग मधुमेह के उपचार हेतु बखूबी किया जा सकता है। अश्वगंधा में हाइपोग्लाइसेमिक गुण पायें जाते है, जिस कारण यह ब्लड में शुगर लेवल को कम करने और इंसुलिन उत्पादन को प्रेरित करने में मददगार हो सकता है।
यह शरीर के मेटाबोलिज्म में सुधार कर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बंनाने व ग्लूकोज का सामान्य स्तर बनायें रखने का कार्य कर सकता है।
गोखरू ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार हो सकता है। गोखरू डायबिटीज के कारण होने वाली शारीरिक थकावट, बेचैनी, यूरिन बढ़ने जैसे लक्षणों को ठीक कर सकता है।
गिलोय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण, शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य करते है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते है। गिलोय में एंटी-डाइबेटिक गुण पायें जाने के कारण यह पैनक्रियाज की बीटा कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाकर इंसुलिन की कमी को दूर कर सकता है और डायबिटीज को नियंत्रित कर सकता है।
बेलपत्र हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में कर मधुमेह के खतरे को कम कर सकता है। यह शुगर के पाचन में मदद कर सकता है और शर्करा का मूत्र के साथ अपव्यय होने से बचा सकता है।
मेथी हमारे द्वारा ग्रहण किये गए भोजन से कार्बोहाइड्रेट का अवशोषण धीमा कर रक्त में धीरे-धीरे ग्लूकोज की मात्रा छोड़ता है, जिससे ब्लड में शुगर की मात्रा नियंत्रित हो सकती है। इसके अलावा, मेथी में मौजूद कई एमिनो एसिड हमारे खून में शुगर के लेवल कम करने और इंसुलिन की मात्रा बढ़ाने में मददगार हो सकते है।
छोटी हरड़ में एंटी बैक्टीरियल, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाये जाते है, जो हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापा जैसी असुविधाओं में सुधार कर सकती है।
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मधुनाशिनी वटी कैसे कार्य करती है?
मधुनाशिनी वटी की पैकिंग के फ्रंट पर ही Pancreas यानी अग्नाशय का चित्र अंकित किया गया है क्योंकि मधुमेह का जन्म, अग्नाशय के ढंग से कार्य न कर पाने के कारण होता है।
अग्नाशय की बीटा कोशिकाएं इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन करती है, जिसे अग्नाश्य द्वारा हमारे रक्तप्रवाह में छोड़ा जाता है। इंसुलिन ब्लड में मौजूद शर्करा का उपयोग करने में मदद करता है, जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है।
लेकिन जब ये कोशिकाएं इंसुलिन बनाना बंद कर देती है, तब ब्लड में शर्करा यानी शुगर लेवल बढ़ता है।
मधुनाशिनी वटी अग्नाशय में इंसुलिन के सेक्रेशन को बढ़ाने में मदद करती है और बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करती है।
मधुनाशिनी वटी के फायदे – Benefits in Hindi
मधुनाशिनी वटी कई मामलों में फायदा करती है जैसे-
1. इस वटी की Antiglycemic प्रकृति होने के कारण, यह ब्लड शुगर लेवल को कम कर, डायबिटीज मेलिटस में काफी यूजफुल होती है।
2. यह वटी कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित करती है और ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में परिवर्तित कर, मधुमेह से पीड़ित मरीजों में ऊर्जा की कमी को दूर करती है।
3. इस वटी में एल्कलॉइड और फ्लेवोनॉयड्स की भरपूर मात्रा होती है, जिससे हमारे मेटाबोलिज्म में सुधार होता है और अत्यधिक वजन बढ़ने की समस्या दूर होती है। यानी यह वटी डायबिटिक पेशेंट को वेट मेंटेन में हेल्प करती है।
4. इस वटी में पाए जाने वाले कुछ घटक हमारे मस्तिष्क में सेरोटोनिन हार्मोन को नियंत्रित कर चिंता, तनाव और बैचेनी का उपचार करते है। इससे डायबिटिक कंडीशन सही बनी रहती है और डायबिटिक पेशेंट अपनी स्मृति और एकाग्रता में सुधार पाते है।
5. डायबिटीज के कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है, जिससे आंखों की रेटिना के भीतर छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता है। इसी कारण डायबिटिक मरीज में रेटिनोपैथी की समस्या पैदा होती है। यह वटी नई रक्त वाहिकाओं के निर्माण में मदद कर उन्हें मजबूती देती है और आँखों की कमजोरी दूर करती है।
6. इस वटी में एंटीबैक्टीरियल, एन्टी वायरल और एंटीफंगल गुण पाए जाते है, इसलिए यह वटी हमारे शरीर को कई संक्रमणों से बचाने का कार्य भी करती है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार लाती है।
7. मधुनाशिनी वटी एक नेचुरल antihypertensive के रूप में कार्य करती है। यह वटी डायबिटिक मरीजो में हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को सामान्य कर हृदय के कार्यो में सुधार करती है।
मधुनाशिनी वटी के दुष्प्रभाव – Side Effects in Hindi
मधुनाशिनी वटी एक हर्बल उपचार है, जिसे डायबिटिक पेशेंट के लिए सुरक्षित माना गया है। लेकिन फिर भी इसे निर्धारित मात्रा में ही लेना चाहिए।
अगर आप पहले से ही मधुमेह के लिए सिंथेटिक दवाओं का सेवन कर रहे है तो मधुनाशिनी वटी की तरफ जाने से पहले अपने डॉक्टर से कन्सल्ट जरूर करें, क्योंकि सिंथेटिक दवाओं के साथ मधुनाशिनी आपके शुगर लेवल को बहुत ज्यादा गिरा सकती है, जिससे जीवन का खतरा हो सकता है।
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मधुनाशिनी वटी की खुराक – Dosage in Hindi
एक डायबिटीज पेशेंट मधुनाशिनी वटी को दिन में दो बार सुबह व शाम भोजन के पहले लें।
इसकी प्रत्येक खुराक में 1 से 2 टेबलेट का सेवन करें। मतलब शुगर लेवल ज्यादा हाई है, तो सुबह नाश्ते के पहले दो टैबलेट और शाम को भूखे पेट दो टैबलेट ले।
इन गोलियों को पानी के साथ लें।
मधुनाशिनी वटी को लगातार 3 महीनों तक इस्तेमाल करने से, हमारी हेल्थ में पॉजिटिव रिजल्ट दिखना शुरू हो जाता है।
आप इसे अपने डॉक्टर की सलाह पर लगातार 6 महीनों तक भी यूज कर सकते है।
सावधानियां – Madhunashini Vati Precautions in Hindi
मधुनाशिनी वटी को कुछ मामलों में सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए, जैसे-
- आप गर्भवती या स्तनपान कराने वाली डायबिटिक पेशेंट है, तो इस दवा का कोर्स खुद की मर्जी से शुरू न करें, बल्कि अपने डॉक्टर की सलाह लें।
- 18 साल से छोटे बच्चों को यह वटी देने के लिए बाल रोग विशेषज्ञ की मदद ले।
- इस वटी में शामिल किसी घटक से एलर्जी होने पर, इसका इस्तेमाल न करें।
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