Shankhpushpi in Hindi

शंखपुष्पी के फायदे, नुकसान, खुराक, सावधानी, उपयोग | Shankhpushpi in Hindi


शंखपुष्पी क्या है? – What is Shankhpushpi in Hindi

शंखपुष्पी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो प्रकृति द्वारा उद्भवित है। खासकर सफेद शंखपुष्पी के फूल का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।

यह बैद्यनाथ शंखपुष्पी सिरप, दिव्य मेधा वटी, हेमपुष्पा और हिमालया आमलकी टैबलेट में सक्रिय घटक के रूप में उपयोग किया जाता है।

शंखपुष्पी दिमागी स्वास्थ्य को लाभान्वित करने वाली एक विशेष औषधि है, जिसमें मस्तिष्क की बीमारियों के साथ अन्य कई बीमारियों को ठीक करने की क्षमता होती है।

यह जड़ी-बूटी ठंडी प्रकृति का होती है और स्वाद में कसैली होती है।

शंखपुष्पी मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाने, स्मृति में विस्तार करने, याददाश्त को तेज करने और एकाग्रता में सुधार करने के लिए प्रभावी प्रायोजन है।

इसके इस्तेमाल से मानसिक सुस्ती को मिटाया जा सकता है, जिससे आपके कई दैनिक कार्य आसान हो सकते है। पढ़ने-लिखने में मन कम लगने वाले बच्चों को शंखपुष्पी से बेहद अच्छा परिणाम मिल सकता है।

मानसिक विचलन के कारण हम कई बार अपने परिवार या दोस्तों पर बिन मतलब गुस्सा निकाल देते है, इससे खुद के व्यक्तिगत जीवन पर बुरा असर पड़ने लगता है। मानसिक विचलन, अत्यधिक चिड़चिड़े स्वभाव और गुस्सेल प्रवृत्ति के लोगों को अपना मस्तिष्क शांत रखने के लिए शंखपुष्पी से यकीनन फायदा हो सकता है।

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शंखपुष्पी के उपयोग व फायदे – Shankhpushpi Uses & Benefits in Hindi

शंखपुष्पी के प्रमुख उपयोग व फायदे निम्न है।

मस्तिष्क की कमजोरी या थकान को दूर करने में सहायक

कुछ चीजों को जबर्दस्ती सीखने या किसी काम में मन न होने पर भी उसमें घुसे रहने से मस्तिष्क की थकान ज्यादा बढ़ने लगती है। इससे मस्तिष्क सुस्त पड़ने लगता है और तनाव की स्थिति पैदा होने लगती है। यह औषधि मस्तिष्क को बल प्रदान कर मानसिक कमजोरी और थकावट को दूर करने में सहायक होती है।

सिर दर्द में बेहद लाभकारी

जिन कामों को करने से सिर दर्द होने लगता है जैसे- ज्यादा देर डिजिटल उपकरणों के सामने बैठना, दीर्घकालिक अध्ययन, मानसिक तनाव आदि। सिरदर्द से जुड़े सभी मुद्दों में शंखपुष्पी का सेवन बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

बार-बार गर्भपात की समस्या में प्रभावशाली

यदि कोई महिला बार-बार गर्भपात की शिकार होती है, तो पहले उन्हें मानसिक रूप से तैयार होने की आवश्यकता होती है। शंखपुष्पी महिलाओं की घबराहट को दूर कर गर्भधारण को सफल बना सकती है। यह गर्भाशय से होने वाले रक्त स्त्राव को रोकने में प्रभावी हो सकती है।

याददाश्त बढ़ाने में फायदेमंद

उम्र के हिसाब से स्मरण शक्ति में कमजोरी आना लाजमी होता है, ऐसे में शंखपुष्पी दिमागी मजबूती को बढ़ाकर स्मरण शक्ति को कई गुना बढ़ा सकती है। यह मानसिक विकृति, अवसाद, तनाव, चिंता और अन्य कई संकेतों के निदान कर याददाश्त में सुधार कर सकती है।

मूत्र से जुड़ी परेशानियों मेंअभीष्ट

शंखपुष्पी मूत्र उत्सर्जन को आसान बनाती है, यह मूत्र से जुड़ी सभी दिक्कतों जैसे रुक-रुक के पेशाब आना, जलन होना, दर्द आदि में दूध, मक्खन या शहद के साथ कारगर साबित होती है।

मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद

यह मधुमेह के मामलों में परिवर्तनीय इलाज कर सकता है। शंखपुष्पी शरीर की कोशिकाओं को बनने में मदद करती है, जिसके कारण चोंटो से उभरने में सहायता मिल सकती है। यह रक्त में शुगर के लेवल को नियंत्रित करने हेतु एक फायदेमंद उपचार हो सकती है।

बवासीर और कब्ज की समस्याओं को ठीक करने में सक्षम

पेट की सफाई लगातार होने से कब्ज और बवासीर के खतरों को टाला जा सकता है। यह औषधि आँतों की सफाई और मल उत्सर्जन के कायर्क्रम को आसान कर कब्ज और बवासीर से छुटकारा दिलाने में सक्षम हो सकती है।

बालों के लिए अच्छा होता है शंखपुष्पी का सेवन

शंखपुष्पी के पूरे पौधे को मसलकर या पीसकर इसका लेप सिर पर लगाने से बालों को काला, घना और सुंदर बनाया जा सकता है। इसकी कुछ बूंदों को नाक में डालने से बाल समय से पहले सफेद नहीं होते है। शंखपुष्पी को मौखिक रूप में लेने से बालों का झड़ना रोका जा सकता है। यह मस्तिष्क को तनावमुक्त कर बालों के जीवनकाल को बढ़ा सकती है।

उल्टी या खून की उल्टी से राहत दिलाने में सहायक

शंखपुष्पी को लेने से मस्तिष्क शांत अवस्था में आने लगता है। सिर घूमने या घबराहट से उल्टी होने की संभावना सबसे अधिक रहती है, यह औषधि घबराहट को दूर कर उल्टी की समस्या से निजात दिला सकती है।

हार्मोन संतुलित करने में लाभदायक

मानव हार्मोन या रसायनों का एक संतुलन में होना बेहद आवश्यक है। केमिकल परिवर्तन होने से मस्तिष्क पर इसका पहला प्रभाव पड़ता है। शंखपुष्पी भी अपना खास प्रभाव मस्तिष्क पर छोड़ती है, ताकि हर मानसिक गतिविधियों में सही से संचालन होता रहें। इस प्रकार यह जड़ी-बूटी हार्मोन संतुलन को बनायें रखने में बेहद लाभदायक मानी जाती है।

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शंखपुष्पी के दुष्प्रभाव – Shankhpushpi Side Effects in Hindi

शंखपुष्पी सेहत के लिए पूर्णतया सुरक्षित है, इससे कोई दुष्प्रभाव या नुकसान नहीं होते है। लेकिन कुछ विशिष्ट स्थितियों में थोड़ा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
इसके पेस्ट को इस्तेमाल करने में कभी-कभी परेशानी हो सकती है, जो इसके स्वाद के कारण हो सकता है।

शंखपुष्पी रक्तचाप को कम कर सकता है। इसे निम्नरक्तचाप के मरीजों द्वारा ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए अन्यथा इससे आँखों में अंधेरा छाना, हाथ-पैर ठंडे पड़ना, बेहोशी आदि मुसीबतें हो सकती है।

गर्भावस्था में शंखपुष्पी को नहीं या कम से कम लेना चाहिए। गर्भावस्था में भी इसकी खुराक को स्थिर बनायें रखने पर अज्ञात दुष्प्रभावों से सामना हो सकता है।

शंखपुष्पी की खुराक – Shankhpushpi Dosage in Hindi

  • शंखपुष्पी का सेवन कई रूपों में विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। शंखपुष्पी पेस्ट की खुराक दिन में 1 से 2 ग्राम लेना फायदेमंद होती है।
  • शंखपुष्पी कैप्सूल को दिन में एक या दो बार अपने चिकित्सक की सलाह से लेना चाहिए।
  • शंखपुष्पी अर्क को दिन में 2 ग्राम विभाजित भागों में लेना सुरक्षित होता है। एक समय में इसकी 250 मिलीग्राम मात्रा ही लें।
  • शंखपुष्पी के सेवन से अगर अत्यंत दुष्प्रभाव महसूस हो, तो इसकी खुराक तुरंत बंद कर दे।

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सावधानियां – Shankhpushpi Precautions in Hindi

निम्न सावधानियों के बारे में शंखपुष्पी के उपयोग से पहले जानना जरूरी है।

किसी अवस्था से प्रतिक्रिया

निम्न अवस्था व विकार में शंखपुष्पी से दुष्प्रभाव की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए जरूरत पर, विशेषज्ञ को अवस्था बताकर ही शंखपुष्पी की खुराक लें।

  • गर्भावस्था
  • उच्च रक्तचाप
  • निम्नरक्तचाप
  • अतिसंवेदनशीलता

भोजन के साथ प्रतिक्रिया

शंखपुष्पी की भोजन के साथ प्रतिक्रिया की जानकारी अज्ञात है।

Shankhpushpi FAQ in Hindi

1) क्या शंखपुष्पी स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित है?

उत्तर: हाँ, शंखपुष्पी स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए काफी सुरक्षित है। इस विषय में ज्यादा जानकारी के लिए स्तनपान कराने वाली महिला अपने चिकित्सक का परामर्श ले सकती है।

2) शंखपुष्पी के अन्य किन नामों से जाना जाता है?

उत्तर: इसे संस्कृत में शङ्खपुष्पी, विष्णुगन्धी, क्षीरपुष्पी, मांगल्यकुसुमा, मेध्या, सुपुष्पी, कम्बुमालिनी, सूक्ष्मपत्रा, सितपुष्पी, श्वेतकुसुमा, शङ्खाह्वा; तथा अंग्रेजी में व्हाईट ग्राउण्ड ग्लोरी (White Ground Glory) नाम से जाना जाता है।

3) क्या शंखपुष्पी गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है?

उत्तर: शंखपुष्पी को गर्भावस्था के दौरान नहीं लेने की सलाह दी जाती है। आयुर्वेद में अध्ययन से पता चला है कि यह गर्भावस्था के लिए सुरक्षित नहीं है। इसे बिना डॉक्टर की सलाह गर्भवती महिलाएं इस्तेमाल में न लें।

4) क्या शंखपुष्पी भूखे पेट सुरक्षित है?

उत्तर: शंखपुष्पी से जुड़े उत्पादों को भूखे पेट या भोजन के बाद किस प्रकार लेना है, इस विषय में अपने चिकित्सक से राय अवश्य लें।

5) क्या शंखपुष्पी के सेवन से इसकी आदत लग सकती है?

उत्तर: नहीं, शंखपुष्पी के सेवन से इसकी आदत नहीं लगती है। इसे लंबे समय तक लेने से यह मानसिक विवशता का कारण नहीं बनती है।

6) क्या शंखपुष्पी भारत में लीगल है?

उत्तर: हाँ, यह एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी है। यह भारत में कई पथरीले मैदानों में पाई जाती है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद चिकित्सा में सदियों से होता आया है।

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