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Ayurvedic

संयोजन

शुद्ध सूत + शुद्ध गंधक + ताम्र भस्म + तेजपत्र + दालचीनी + मरीचा + शुंठी + रौप्य भस्म + स्वर्ण भस्म + पिप्पली + नागकेशर + शंख भस्म + एला + शुद्ध धतूरा + शुद्ध सुहागा + ककरका + भृंगराज स्वरस + बिल्व मज्जा

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Sutshekhar Ras

सूतशेखर रस के फायदे, नुकसान, खुराक, सावधानी | Sutshekhar Ras in Hindi


नाम (Name)Sutshekhar Ras
संरचना (Composition)शुद्ध सूत + शुद्ध गंधक + ताम्र भस्म + तेजपत्र + दालचीनी + मरीचा + शुंठी + रौप्य भस्म + स्वर्ण भस्म + पिप्पली + नागकेशर + शंख भस्म + एला + शुद्ध धतूरा + शुद्ध सुहागा + ककरका + भृंगराज स्वरस + बिल्व मज्जा
दवा-प्रकार (Type of Drug)आयुर्वेदिक दवा
उपयोग (Uses)एसिडिटी, बदहजमी, भूख न लगना, पेट दर्द और सूजन, वमन (उल्टी), मतली आदि
दुष्प्रभाव (Side Effects)पेशाब में जलन, निम्न रक्तचाप, चक्कर, थकान का अनुभव
ख़ुराक (Dosage)डॉक्टरी सलाह अनुसार
किसी अवस्था पर प्रभावअतिसंवेदनशीलता, गर्भावस्था, अनियमित रक्तचाप आदि
खाद्य पदार्थ से प्रतिक्रियाअज्ञात
अन्य दवाई से प्रतिक्रियाअज्ञात

परिचय

सूतशेखर रस क्या है?

सूतशेखर रस वात और पित्त प्रकोप को कम करने के लिए आयुर्वेद के सफल परीक्षण से तैयार किया गया एक स्वास्थ्य सुधारक प्रदार्थ है।

सूतशेखर रस तीव्र शामक औषधी नहीं है। अक्सर, तीव्र गति से वेदना का शमन होने पर इसके वापस जाग्रत होने की संभावना भी बढ़ जाती है। यह रस अपना पूरा समय लेकर महीने-दो महीने में रोगों से पूरी तरह छुटकारा दिलाने का कार्य करता है।

ज्यादा पित्त की वजह से होने वाली शिकायतों जैसे अम्लपित्त (एसिडिटी), पेट दर्द, अनियंत्रित हिचकियां, जलन, घबराहट, गैस, कमर दर्द, अनिद्रा, मुँह के छाले, पेशाब के रोग, प्रसव से जुड़ी समस्याएं, खूनी दस्त, सिरदर्द, खट्टी डकार, भूख में कमी, गठिया, बदहजमी, कंठ में जलन आदि सभी के लिए इस रस का उत्तम उपयोग होता है।

श्वास से जुड़े पित्तप्रधान रोगों और पित्ताशय की कमजोरी से पैदा रोगों के लिए सूतशेखर रस काफी अच्छा माना जाता है।

सूतशेखर रस दो प्रकार का होता है- पहला “सूतशेखर सादा” और दूसरा “सूतशेखर स्वर्ण“। सूतशेखर सादा की तुलना में सूतशेखर स्वर्ण ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है।

वर्तमान में सूतशेखर रस निम्न कंपनी व ब्रांड के नाम से प्रचलित है।

  • Dabur Sutshekhar Ras
  • Baidyanath Sutshekhar Ras
  • Zandu Sutshekhar Ras
  • Dhanvantari Sutshekhar Ras
  • Dhootapapeshwar Sutshekhar Ras

संयोजन

सूतशेखर रस की संरचना – Composition in Hindi

निम्न घटक सूतशेखर रस में होते है।

शुद्ध सूत + शुद्ध गंधक + ताम्र भस्म + तेजपत्र + दालचीनी + मरीचा + शुंठी + रौप्य भस्म + स्वर्ण भस्म + पिप्पली + नागकेशर + शंख भस्म + एला + शुद्ध धतूरा + शुद्ध सुहागा + ककरका + भृंगराज स्वरस + बिल्व मज्जा

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सूतशेखर रस कैसे काम करती है?

  • शुद्ध गंधक पाचन को ठीक कर मुँह का स्वाद ठीक करने में मददगार है। यह भूख को बढ़ाने और अम्लपित्त की समस्या में ज्यादा उपयोगी साधन है। यह पित्त की विकृति के कारण जन्मे अग्निमांद्य को दूर कर अजीर्ण (अपच) को सुधारने के लिए प्रयुक्त है।
  • ताम्र भस्म हृदय को ताकत देने वाला शामक यौगिक है। यह हृदय की वतवाहिनियों और रक्तवाहिनियों की उत्तेजना को शांत कर हृदय को विश्रांति प्रदान करता है, जिससे हृदय ठीक ओर बेहतर तरीके से कार्य करता है।
  • रौप्य भस्म में सौम्य गुण होने से यह कीटाणुओं का नाश करता है। यह शारिरिक घटकों को बिना प्रभावित किए पाचन के लिए आंत्र की गतिविधियों को सुचारू करने में सहायक होता है। यह अत्यधिक पित्तोत्पत्ति को नियंत्रित कर पेट की गैस और सीने की जलन का नाश करता है।
  • स्वर्ण भस्म मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक मूल्यवान औषधी है। पित्तप्रकोप से होने वाले सिरदर्द की वजह से अरुचि, निर्बलता, मंदाग्नि, अनिद्रा, नेत्र में जलन, उल्टी आदि लक्षणों के लिए स्वर्ण भस्म को सूतशेखर रस में स्थान दिया जाता है। यह दवा चंचल स्वास्थ्य, क्रोधमुक्त जीवन और सबल विचार को पेश करती है।
  • नागकेशर हाजमा को ठीक करने का हर भरसक प्रयास करता है। अक्सर, आंत्र में भोजन पचने योग्य न होने पर भोजन सड़ने लगता है, जिससे एक घोर विषाक्ता की संभावना जागृत होने लगती है। नागकेशर पाचन क्रिया को सुदृढ़ कर विष को निष्क्रिय करने में सहायता करता है।
  • शंख भस्म का प्रयोग कर जी मिचलाने, उल्टी, तनाव, ममांसपेशियों की ऐंठन और दर्द, भूख की हानि, कंठ में जलन, हिचकियां आदि सभी शिकायतों को सीमित किया जा सकता है।
  • शुद्ध सुहागा आंतरिक गर्मी को सुनिश्चित कर मुंह के छालों, स्तंभन दोष और पेट दर्द से राहत देने का कार्य करता है।

फायदे

सूतशेखर रस के उपयोग व फायदे – Sutshekhar RasUses & Benefits in Hindi

Sutshekhar Ras को निम्न अवस्था व विकार में सलाह किया जाता है। Sutshekhar Ras का सेवन हमेशा विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लेने के बाद ही करें।

  • एसिडिटी
  • बदहजमी
  • भूख न लगना
  • पेट दर्द और सूजन
  • वमन (उल्टी)
  • आम या खूनी दस्त
  • अनिद्रा
  • मुँह के छाले
  • मूत्र दोष
  • गठिया
  • गैस
  • पीठ दर्द
  • सूखी खांसी
  • मासिक धर्म में अस्थिरता
  • हिचकी
  • अग्निमांद्य्य
  • राज्यक्षमा (Tuberculosis)
  • हृदय दुर्बलता
  • कास (कफ)
  • उदावर्त (वायु का ऊपर चढ़ना)

दुष्प्रभाव

सूतशेखर रस के दुष्प्रभाव – Side Effects in Hindi

निम्न साइड एफ़ेक्ट्स Sutshekhar Ras के कारण हो सकते है। आमतौर पर साइड एफ़ेक्ट्स Sutshekhar Ras से शरीर की अलग प्रतिक्रिया व गलत खुराक से होते है और सबको एक जैसे साइड एफ़ेक्ट्स नहीं होते है।

  • पेशाब में जलन
  • निम्न रक्तचाप
  • चक्कर
  • थकान का अनुभव

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खुराक

सूतशेखर रस की खुराक – Dosage in Hindi

  • सूतशेखर रस की खुराक रोगी की अवस्था अनुसार दी जाती है। इसलिए सूतशेखर रस का सेवन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही शुरू करें।
  • सूतशेखर रस की खुराक एक आम वयस्क के लिए, दिन में दो बार सुबह-शाम एक-एक गोली निर्धारित की जाती है।
  • प्रत्येक गोली की मात्रा 250mg तक होनी चाहिए। इससे कम या ज्यादा मात्रा की टैबलेट की खुराक के लिए डॉक्टरी राय आवश्यक है।
  • सूतशेखर रस को बच्चों से दूर रखा जाना ही उचित है। यह दवा बच्चों के लिए नहीं है, इसलिए इसकी खुराक बच्चों में न दें। ज्यादा जानकारी के लिए अभिभावक बाल रोग विशेषज्ञ का सहारा लें सकते है।
  • वात प्रधान रोगों के लिए सूतशेखर रस की खुराक को शुद्ध देसी घी और शक्कर के साथ लेना फायदेमंद है।
  • पित्त कफ प्रधान रोगों के लिए सूतशेखर रस की खुराक को दूध और मिश्री के साथ लेना उत्तम माना जाता है।
  • कफ प्रधान रोगों में सूतशेखर रस को शहद और अदरक के रस के साथ लेना गुणकारी है।
  • सूतशेखर रस की खुराक के साथ छेड़खानी न करें। तय खुराक का रोजाना सही से पालन करें और एक साथ दो खुराक लेने से बचें।

सावधानी

निम्न सावधानियों के बारे में सूतशेखर रस के सेवन से पहले जानना जरूरी है।

किसी अवस्था से प्रतिक्रिया

निम्न अवस्था व विकार में सूतशेखर रस से दुष्प्रभाव की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए जरूरत पर, डॉक्टर को अवस्था बताकर ही सूतशेखर रस की खुराक लें।

  • अतिसंवेदनशीलता
  • गर्भावस्था
  • अनियमित रक्तचाप

भोजन के साथ प्रतिक्रिया

सूतशेखर रस की भोजन के साथ प्रतिक्रिया की जानकारी अज्ञात है।

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सवाल-जवाब

सूतशेखर रस के परिणाम की समयावधि कितनी हो सकती है?

सूतशेखर रस को सकारात्मक सोच के साथ शुरू करने के उपरांत कम समय में इस दवा का अच्छा असर होने लगता है। आमतौर पर, इस दवा की खुराक को 40 दिनों तक लगातार लेने से रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। हालांकि हर किसी की मेडिकल स्थिति अलग हो सकती है।

क्या सूतशेखर रस मानसिक तनाव को कम करने में सहायक हो सकता है?

हाँ, यह दवा मानसिक तनाव की स्थिति में काम आ सकती है। इसे बिना परेशानी के मानसिक स्वास्थ्य की बेहतर कल्पना हेतु इस्तेमाल में लिया जा सकता है। हालांकि सुरक्षा के नजरिए से इस विषय में चिकित्सक का मत भी बेहद आवश्यक है।

क्या सूतशेखर रस गर्भावस्था के लिए सुरक्षित है?

एक आम स्थिति की तुलना में गर्भावस्था के दौरान पूरी स्वास्थ्य हालात संवेदनशील रहती है। सूतशेखर रस से इस अवस्था में काफी मुश्किलें पैदा हो सकती है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के गर्भवती महिलाएं इस दवा का सेवन बिल्कुल न करें।

क्या सूतशेखर रस स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं?

स्तनपान के दौरान इस दवा से मामूली दुष्प्रभावों की संभावना हो सकती है, वो भी तब जब इस दवा का गलत या ज्यादा प्रयोग किया गया हो। हर तरह की वेदना से बचने के लिए ऐसी महिलाओं को डॉक्टरी परामर्श की आवश्यकता है।

क्या सूतशेखर रस को एल्कोहोल के साथ ले सकते है?

एल्कोहोल के साथ इस दवा का व्यवहार अज्ञात है। हालांकि कुछ समय दोनों को साथ में लेते रहने से इसका दुष्प्रभाव दिखना तय है। इस दवा के साथ हर स्थिति में एल्कोहोल को नजरअंदाज करने का प्रयास करना चाहिए।

क्या सूतशेखर रस को भूखे पेट लेना उचित है?

हाँ, यह रस भूखे पेट लेना सुरक्षित है। इसे पेट की अव्यवस्था में सुधार हेतु किसी भी वक्त इस्तेमाल किया जा सकता है।

क्या सूतशेखर रस मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है?

मासिक धर्म के मुश्किल पढ़ाव जैसे असामान्य रक्तस्राव, अनियंत्रित दर्द, ऐंठन, सूजन आदि के लिए यह रस लाभदायक साबित हो सकता है। हालांकि यह रस मासिक धर्म चक्र पर बुरा प्रभाव डालने के लिए नहीं जाना जाता है। इस विषय में हर तरह की जानकारी के लिए अपने निजी मासिकधर्म चक्र से जुड़े चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

क्या सूतशेखर रस पाचन शक्ति में सुधार कर सकता है?

पित्त प्रकोप का शमन कर यह रस पाचन को मजबूत करने में सहायक हो सकता है। पेट से जुड़ी सभी दिक्कतों का नाश कर यह रस पाचन शक्ति को प्रबल बनाने में काफी मददगार हो सकता है।

सूतशेखर रस की दो लगातार खुराकों के बीच कितना समय अंतराल होना उचित है?

सूतशेखर रस की एक खुराक के बाद दूसरी खुराक 6-8 घंटों के बाद लेनी चाहिए। इससे दो फायदे है: एक तो ओवरडोज़ नहीं होता और दूसरा यह कि दवा की मौजूदगी हर वक्त शरीर में बनी रहती है।

क्या सूतशेखर रस से आदत लग सकती है?

नशेदार सामग्रियों से मुक्त इस रस के सेवन से इसकी आदत नहीं लगती है। हालांकि इसमें शुद्ध धतूरे की थोड़ी मात्रा शामिल होती है, इसलिए लंबे समय के लिए इस रस के सेवन से पहले चिकित्सक से बातचीत अवश्य करें।

क्या सूतशेखर रस की खुराक के बाद भारी कार्य करना सुरक्षित है?

यदि मरीज में लक्षणों की अधिकता है और वर्तमान हालात खराब है, तो सूतशेखर रस की खुराक के बाद कुछ समय आराम करने की जरूरत है। इस विषय में निजी निर्णय लेने की बजाय डॉक्टर का परामर्श लेना ज्यादा उचित है।

क्या सूतशेखर रस भारत में लीगल है?

हाँ, यह आयुर्वेदिक रस भारत में पूर्णतया लीगल है।

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