गोखरू क्या है? – What is Gokhru in Hindi
गोखरू को आयुर्वेद में गोक्षुरा नाम से भी पहचान दी गई है। गोखरू अनगिनत गुणों से भरपूर एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में कार्य करता है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य के बेहतर कामकाज की जिम्मेदारी रखता है।
गोखरू बहुत सी शारीरिक बीमारी के लिए एक प्राकृतिक इलाज है। गोखरू या गोक्षुरा एक छोटा पौधा होता है, जिसके फल और जड़ का ज्यादा इस्तेमाल दवाओं को बनाने में किया जाता है। गोखरू उन जड़ी बूटियों की श्रेणी से है, जो वात, पित्त और कफ तीनों रोगों पर नियंत्रण रखने में सक्षम है।
गोखरू में पोषक तत्वों की भरपाई कर शरीर का कायाकल्प करने की क्षमता होती है।
गोक्षुरा शक्तिवर्धक में सहायक बनकर यौन रोगों के इलाज में काफी फायदेमंद हो सकता है और एक सुखमय वैवाहिक जीवनदायक हो सकता है।
गोखरू के उपयोग से मांसपेशियों के दर्द, सूजन, एक्जिमा, हृदय विकार, पथरी, अस्थमा, खाँसी, कफ, एनीमिया, मूत्र रोग, रक्तपित्त, यौन समस्याओं, गठिया और चर्म रोग जैसे कई छोटे-मोटे लक्षणों के नियंत्रण, रोकथाम और इलाज में लाभ पाया जा सकता है।
गर्भावस्था, कैंसर और अतिसंवेदनशीलता जैसे मामलों में गोखरू के सेवन से बचना चाहिए और विशेषज्ञ की देखरेख में उपयोग करें।
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गोखरू कैसे काम करता है?
- गोखरू में मूत्रवर्द्धक गुण होते है, जिससे मूत्र संक्रमण, पथरी और विषाक्त कणों के निष्कासन में सहायता मिलती है। यह मूत्राशय को साफ कर पेशाब के प्रवाह को बढ़ाने का भी कार्य करता है।
- गोखरू यौन अंगों को मजबूती प्रदान कर कामेच्छा और यौन शक्ति में इजाफा करने का कार्य करता है। यह यौन अंगों में रक्त का प्रवाह सुनिश्चित कर हार्मोन के उत्पादन को उत्तेजित करके भी कार्य करता है।
- यह वीर्य की मात्रा बढ़ाकर और इसकी गुणवत्ता में सुधार कर एक बेहतर यौन जीवन प्राप्त करने में भी मददगार हो सकता है।
- गोखरू में सूजन-रोधी गुण भी पाए जाते है, जो हर तरह की सूजन को कम करने में सहायक है। यह सूजन पैदा करने वाले रसायनों के स्राव को अवरुद्ध करके कार्य करता है और अंगों की गतिशीलता में सुधार लाता है।
- गोखरू एक Anabolic है। यह मांसपेशियों को मजबूत कर शरीर में ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने का कार्य करता है।
- गोखरू त्वचा को कीटाणुरहित बनाकर त्वचा की खुजली, जलन और सूजन से रक्षा करता है।
- गोखरू विभिन्न बीमारियों के प्रति विंभिन्न तरीकों से कार्य कर एक बेहतरीन स्वास्थ्य सुधारक जड़ी-बूटी का उदारहण है।
गोखरू के उपयोग व फायदे – Gokhru Uses & Benefits in Hindi
Gokhru को निम्न अवस्था व विकार में सलाह किया जाता है। Gokhru का सेवन डॉक्टर का विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लेने के बाद ही करें।
- बुखार
- मूत्र विकार (रुक-रुक के पेशाब आना, जलन, दर्द, कम पेशाब आना आदि)
- पथरी
- दमा
- कमजोर हजम शक्ति
- भारी दस्त
- गर्भाशय में दर्द
- गठिया
- चर्म रोग (दाद, खुजली, जलन,लालिमा आदि)
- यौन रोग (शीघ्रपतन, स्तभन दोष, बांझपन, नपुसंकता, कामेच्छा में कमी आदि)
- वीर्य संबंधी विकार
- शारीरिक कमजोरी
- मांसपेशियों की जकड़न
- सूजन
- एनीमिया
- अस्थमा
- रक्तपित्त
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गोखरू के दुष्प्रभाव – Gokhru Side Effects in Hindi
निम्न साइड एफ़ेक्ट्स गोखरू के कारण हो सकते है। आमतौर पर साइड एफ़ेक्ट्स शरीर की अलग प्रतिक्रिया व गलत खुराक से होते है और सबको एक जैसे साइड एफ़ेक्ट्स नहीं होते है।
- अनिद्रा
- पाचन तकलीफ
- किड़नी विकार
- चिड़चिड़ापन
- शुष्क गला
इनके अलावा भी अन्य साइड एफ़ेक्ट्स गोखरू से हो सकते है।
गोखरू की खुराक – Gokhru Dosage in Hindi
- गोखरू या गोक्षुरा की खुराक अर्क, पाउडर, काढ़ा आदि के रूप में ली जाती है। इस आयुर्वेदिक घटक की खुराक शुरू करने के लिए अपने चिकित्सक से चर्चा जरूर करें।
- गोखरू की खुराक का सही निर्धारण, लक्षणों की गंभीरता और प्रकार के आधार पर किया जाता है।
- एक सामान्य व्यक्ति द्वारा, गोखरू का सेवन दिन में दो बार सुबह-शाम करने से अपार फायदे मिलते है।
- गोखरू का दिन में एक बार, एक छोटा चम्मच पाउडर इस्तेमाल करके इसकी खुराक को कम किया जा सकता है।
- छोटे बच्चों में ज्यादा आवश्यक होने पर ही गोखरू की तरफ रुख करें। इस विषय में बाल रोग विशेषज्ञ का परामर्श जरूर लें।
- गोखरू को रोजाना एक तय समय पर लिया जाना बेहद लाभकारी साबित होता है।
- गोखरू का अर्क त्वचा पर इस्तेमाल किया जा सकता है। ज्यादातर किस्सों में, गोखरू की खुराक पानी के साथ उबालकर ली जाती है।
- एक खुराक छूट जाये, तो निर्धारित गोखरू का सेवन जल्द करें।
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Gokhru FAQ in Hindi
उत्तर: हाँ, यह गर्भाशय की समस्याओं को दूर कर इसके विकास में सहायक है। जिन महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्या आती है, उन महिलाओं में निषेचन प्रक्रिया को सफल बनाकर यह गर्भधारण में मददगार बन सकता है।
उत्तर: गोखरू को एक दिन में 3gm तक लेना सुरक्षित है। इससे ज्यादा सेवन में विशेषज्ञ का परामर्श जरूरी है।
उत्तर: इन दोनों संवेदनशील स्थितियों में डॉक्टर की सलाह के बाद ही आगे कदम उठाना सुरक्षित है। लेकिन अधिकतर मामलों में, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान गोखरू के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
उत्तर: हाँ, गोखरू की अति और दुरुपयोग से यह मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है। इसलिए इस विषय में पूरा इलाज अपने निजी मासिक धर्म चक्र से जुड़े चिकित्सक द्वारा लें।
उत्तर: यह आयुर्वेदिक औषधि भूख बढ़ाने और पोषक तत्वों की आपूर्ति करने में सहायक है। गोखरू भोजन के प्रति आकर्षित कर वजन बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
उत्तर: हाँ, यह पाचन तंत्र का सुधार करने में सहायक है। गोखरू पाचन से जुड़ी समस्याओं का निपटारा कर हाजमा शक्ति बढ़ाता है।
उत्तर: गोखरू के लिए भोजन की उपस्थिति महत्व नहीं रखती है। इसे भोजन के साथ या बाद में कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
उत्तर: इस विषय में अभी तक कोई सटीक या ठोस जानकारी ज्ञात नहीं है। एल्कोहोल के साथ इस दवा का इस्तेमाल डॉक्टर की मंजूरी के बाद करें।
उत्तर: हाँ, इस हर्बल यौगिक की सुरक्षित खुराक के बाद गाड़ी या भारी उपकरण का संचालन किया जा सकता है। मौजूदा हालात के आधार पर, गोखरू की खुराक के बाद श्रम करना निजी फैसला हो सकता है।
उत्तर: नहीं, यह घटक खाद्य सहभागिता नहीं करता है। यह हर प्रकार के भोजन के साथ बिना प्रतिक्रिया किए, अपना दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ता है।
उत्तर: हाँ, गोखरू भारत में पूर्णतया लीगल है।
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