Laxatives ऐसे पदार्थ होते है, जो रेचक का कार्य करते है। रेचक के द्वारा कब्ज का उपचार और रोकथाम किया जाता है। Laxatives दवाओं का इस्तेमाल कठोर मल, मल त्याग करते समय तनाव, मल रुकावट, मल जमाव, निकासी में दिक्कत आदि सभी कार्यों को बेहतर बनाने हेतु किया जाता है।
Laxatives के प्रकार- Types of Laxatives in Hindi
1. Bulk-forming Laxatives
ऐसे रेचक, जो थोक (Bulk) को बढ़ाने का कार्य करते है, Bulk-Forming Laxatives कहलाते है। ये पेट में जमा थोक के वजन को बढ़ाते है, जिससे आँत उत्तेजित हो जाती है। इन्हें फाइबर सप्लिमेंट भी कहते है।
इन रेचक को कार्य करने में 2 से 3 दिन लगते हैं। उदाहरण: Fybogel (Ispaghula Husk), Methylcellulose आदि।
2. Osmotic Laxatives
इस श्रेणी के रेचक, शरीर के बाकी हिस्सों से पानी का अवशोषण कर आंत्र को प्रदान करते है। पानी मिलने से मल नरम होता है और आसानी से गति करता है।
इन्हें भी कार्य करने में 2 से 3 दिन लगते हैं। उदाहरण: Lactulose, Polyethylene Glycol आदि।
3. Stimulant Laxatives
ये रेचक पेट की मांसपेशियों को उत्तेजित करते है, जिससे मल की गति आगे की तरह बढ़ती है। इन रेचक को काम करने में 6 से 12 घंटे का समय लगता है।
उदाहरण: Bisacodyl, Senna, Sodium Picosulfate आदि।
4. Poo-softener Laxatives
इस प्रकार के रेचक कठोर या जमे हुए मल को मुलायम करने का कार्य करते हैं। ये मवाद में पानी डालकर पेट को अच्छे से साफ करने में मददगार है।
उदाहरण: Arachis Oil, Docusate Sodium आदि।
5. Lubricant Laxatives
ये रेचक आंतों में चिकनाई प्रदान करते हैं, जैसे: Mineral Oil।
6. Saline Laxatives
इन रेचक का उपयोग कब्ज में नहीं होता है, बल्कि कोई सर्जरी या मेडिकल प्रक्रिया में आंत खाली करने की जरूरत होती है, तब आमतौर पर इंजेक्शन के रूप में दिये जाते है।
7. Prokinetic Laxatives
इनका उपयोग इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) और गंभीर कब्ज की स्थितियों के लिए किया जाता है।
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Laxatives कैसे कार्य करते है?
Laxatives के प्रकार अनुसार इनकी कार्यशैली भी थोड़ी अलग होती है, लेकिन आमतौर पर ये आंतों में पानी का स्तर बढ़ाकर आंत की मांसपेशियों को आराम प्रदान करते है।
पानी की प्रचुरता होने पर, यह मल को चिकना और नरम बनाते है और जमा हुए अपशिष्ट पदार्थों (मल) के त्याग को आसान बनाते है।
लगातार कमजोर पाचन क्रिया के चलते कब्ज की समस्या बढ़ती जाती है। Laxatives वर्ग की दवाएं पाचन को सुधार कर पुराने कब्ज से छुटकारा दिलाने में सहायता करती है।
इसके अलावा, Laxatives सिकुड़े हुए मलमार्ग को चौड़ा करने का भी कार्य करते हैं और मल निकासी गतिशीलता बढ़ाते है।
Laxatives के उपयोग व फायदे – Laxatives Uses & Benefits in Hindi
Laxatives को निम्न अवस्था व विकार में उपयोग के लिए सलाह किया जाते है।
- कठोर मल की समस्या
- कब्ज से राहत
- अपच और गैस से छुटकारा
- पेट फुलाव को कम करना
- मलमार्ग की मांसपेशियों में दर्द से आराम
- मल निकासी की परेशानी का हल
- कमजोर पाचन में सुधार
- खूनी मल का इलाज
- पेट की पूर्ण सफाई में सहायक
- जुलाब के दौरान पानी की कमी न होने देना
- नियमित मल त्याग को बढ़ावा
Laxatives के दुष्प्रभाव – Laxatives Side Effects in Hindi
निम्न साइड एफ़ेक्ट्स Laxatives के कारण हो सकते है। आमतौर पर साइड एफ़ेक्ट्स Laxatives से शरीर की अलग प्रतिक्रिया व गलत खुराक से होते है और सबको एक जैसे साइड एफ़ेक्ट्स नहीं होते है। अत्यंत Laxatives से दुष्प्रभाव में डॉक्टर की सहायता लें।
- पेट फुलाव
- पेट में दर्द या ऐंठन
- सूजन
- बीमार महसूस करना
- निर्जलीकरण
- सिरदर्द
- गहरा मूत्र रंग
- किड़नी पर प्रभाव
- कमजोरी
- धुंधलापन
इनके अलावा भी अन्य साइड एफ़ेक्ट्स Laxatives से हो सकते है।
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Laxatives की खुराक – Laxatives Dosage in Hindi
- Laxatives दवाएं ज्यादातर OTC रूप में उपलब्ध होती है, जिनकी खुराक के लिए डॉक्टर की सलाह की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन कुछ अन्य बीमारियों या नुकसानों के चलते इन दवाओं की खुराक के लिए डॉक्टर की सलाह को विशेष महत्व देना चाहिए।
- सभी रूपों में दवा की खुराक की मात्रा अलग-अलग होती है। इन वर्ग की कुछ दवाओं को मुँह से और कुछ दवाओं को गुदा से लिया जाता है।
- Laxatives की टैबलेट को पानी के साथ निगलें और पाउडर को पानी में घोल कर निगलें।
- इन दवाओं के ओवरडोज़ से हमेशा बचें, क्योंकि इससे साइड एफ़ेक्ट्स होने की संभावना बढ़ती है।
प्राकृतिक रेचक – Natural Laxative in Hindi
Laxatives के कुछ प्राकृतिक उदाहरण निम्नलिखित है।
- Chia Seeds (चिया बीज)
- Coffee (कॉफी)
- Berries (बैरी)
- Castor Oil (अरंडी का तेल)
- Legumes (फलियां)
- Flaxseeds (अलसी का बीज)
- Kefir (केफिर)
- Oat Bran (दलिया)
- Leafy Greens (पत्तेदार साग)
- Castor Oil (अरंडी का तेल)
- Apples (सेब)
- Olive Oil (जैतून का तेल)
- Aloe Vera (ग्वारपाटा)
- Senna (सेना)
- Kiwi Fruit (कीवी)
- Water (पानी)
रेचक दवाईया – Laxative Medicine
निम्न मार्केट में उपलब्ध प्रसिद्ध लेक्सेटीव प्रॉडक्ट है। इनमें से कुछ दवाई शैड्यूल-एच वर्ग से है, जिनके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है।
- Herbal Laxative Syrup
- Dulcoflex Tablet
- Bicolax Bisacodyl Tablet
- Laxitas Syrup
- Biolac Syrup
- Cremaffin Syrup
- Lectihep Syrup
- Softeron Capsule
- GD Laxon Capsule
- Bisafort Tablet
- Lexopeg Sachet
- Nutriorg Castor Oil Capsule
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Laxatives FAQ
1) क्या Laxatives दवाओं द्वारा वजन कम किया जा सकता है?
उत्तर: Laxatives मल उत्सर्जन को बढ़ाकर पेट को हल्का करने का कार्य करते है। यदि इन दवाओं का इस्तेमाल सिर्फ वजन कम करने के लिए किया जायें, तो वजन तो कम हो सकता है, लेकिन अन्य समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए इस विषय में बिना डॉक्टर की सलाह ऐसा कदम न उठाएं।
2) क्या Laxatives गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
उत्तर: इन दवाओं द्वारा गर्भावस्था का पतन हो सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को Laxatives का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
3) क्या Laxatives पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक है?
उत्तर: इन दवाओं द्वारा बिगड़े पाचन तंत्र में सुधार अवश्य किया जा सकता है।
4) क्या Laxatives शारीरिक उदासीनता को दूर करने में सहायक है?
उत्तर: अमूमन शरीर की अधिकतर बीमारियां पेट की खराबी से ही पैदा होती है। ऐसे में शरीर निरस्त और उदासीन हो जाता है। Laxative, इन परेशानियों को दूर कर शारीरिक उदासीनता दूर कर सकते है।
5) क्या Laxatives की खुराक के बाद ड्राइविंग करना सुरक्षित है?
उत्तर: अपनी अवस्था को समझते हुए, इसकी खुराक के बाद ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए।
6) क्या Laxatives से आदत लगती है?
उत्तर: इन दवाओं के सेवन से लत नहीं लगती है। लेकिन लंबे समय के इस्तेमाल के लिए डॉक्टर का परामर्श अवश्य लेना चाहिए, क्योंकि कई बार Laxative की आदत लग जाती है।