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चंद्रप्रभा वटी के फायदे, नुकसान, खुराक, सावधानी | Chandraprabha Vati in Hindi


चंद्रप्रभा वटी क्या है?

 Chandraprabha Vati एक लाभदायक आयुर्वेदिक दवा है, जिसे प्राकृतिक पेड़-पौधे से प्राप्त किया जाता हैं। 

इसके नाम के अनुरूप यह दवा शरीर में चमक लाती हैं और नई ऊर्जा का संचार करती हैं। चंद्रप्रभा वटी का उपयोग शरीर की आंतरिक बीमारियों के लक्षणों को ठीक करने में किया जाता हैं। 

चंद्रप्रभा वटी का उपयोग मूत्र पथ, गुर्दे, अग्न्याशय, थायरॉयड ग्रंथि, हड्डियों व जोड़ों के रोग, कब्ज, मधुमेह, पुरुषों की समस्याओं, महिलाओं की समस्याओं, मानसिक विकारों आदि सबसे राहत प्रदान करती हैं। 

चंद्रप्रभा वटी के फायदे – Chandraprabha Vati Benefits in Hindi

निम्न चंद्रप्रभा वटी उपयोग के फायदे है। लेकिन इसे इस्तेमाल करने का तरीका अलग-अलग है। पर ध्यान रहे, किसी भी विकार के रोकथाम या इलाज मे इसे उपयोग करने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह ले।

  • यह यूरिक एसिड (Uric Acid) के स्तर को बनाएं रखती हैं, जिससे गाउट (Gout) का इलाज किया जाता हैं और किडनी के स्वस्थ कामकाज को बढ़ावा देती हैं।
  • मूत्र विसंगतियों को दूर करती हैं।
  • मधुमेह (Diabetes) के उपचार में सहायक है।
  • प्रजनन और प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है।
  • हार्मोन असंतुलन को ठीक करती हैं।
  • यह शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता को बढ़ाती है और यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं।
  • नपुंसकता और स्वप्नदोष का इलाज करती हैं।
  • रक्तचाप को सामान्य करने में सहायक हैं।
  • तनाव को थकान को दूर करती हैं।
  • जोड़ो के दर्द, जाइंट में सूजन, सिर दर्द आदि सब में लाभदायक हैं।
  • वीर्य वृद्धि के मामलों में भी सहायक हैं।
  • Proteinuria (जरूरी प्रोटीन का मूत्र मे आना) के उपचार में सहायक हैं, जिससे शरीर में प्रोटीन की मात्रा संतुलित रहती हैं।

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चंद्रप्रभा वटी के उपयोग – Chandraprabha Vati Uses in Hindi

चंद्रप्रभा वटी का उपयोग निम्न लक्षणों व अवस्था के रोकथाम या इलाज में किया जाता हैं।

  • सांस लेने में दिक्कत
  • अंडकोष में सुजन
  • त्वचा रोग में
  • असंतुलित स्त्री हार्मोन
  • पेशाब में जलन होने पर 
  • शुगर
  • आँखों की बीमारियों में
  • शीघ्रपतन और वीर्य संक्रमण में
  • यौन रोगों में
  • गर्भाशय की समस्या होने पर
  • कैंसर, खुजली आदि में
  • मानसिक थकान में
  • ट्यूमर
  • नपुसंकता में
  • पीरियड में दर्द होने पर
  • बार-बार गर्भपात होने पर
  • पथरी में
  • शुक्राणु दोष में
  • सर्दी-खांसी में
  • हृदय रोग

चंद्रप्रभा वटी की खुराक – Chandraprabha Vati Dosage in Hindi

चंद्रप्रभा वटी की खुराक पूरी तरह से व्यक्ति की उम्र, लिंग, अवस्था पर निर्भर करती है। इसके अलावा कंपनिया अलग-अलग तरीके से चंद्रप्रभा वटी के प्रॉडक्ट बनाती है। इसलिए लगातार सेवन शुरू करने से पहले विशेषज्ञ व डॉक्टर की सलाह ले।

  • आमतौर पर सामान्य आयु के व्यक्ति के लिए चंद्रप्रभा वटी की खुराक दिन में खाना खाने के बाद दो या तीन बार 1000 mg से 2000 mg है।
  • बुजुर्गों के लिए इसकी खुराक जरूरत के हिसाब से बढ़ायी जा सकती हैं।
  • कम उम्र के बच्चों में इसका सेवन करने से पहले बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

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चंद्रप्रभा वटी के दुष्प्रभाव – Chandraprabha Vati Side Effects in Hindi

यह चंद्रप्रभा वटी एक आयुर्वेदिक दवा हैं और अभी तक इसके कोई साइड इफ़ेक्ट के मामले सामने नहीं आये हैं। लेकिन इसका उपयोग विशेषज्ञ द्वारा बताई खुराक मे ही करना चाहिए।

निम्न सावधानिया चंद्रप्रभा वटी के खुराक के समय मे रखनी चाहिए।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओ को इसका इस्तेमाल अपने चिकत्सक की सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए।

निम्न बीमारियो मे इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योकि इसमे Iron (लोहा) होता है।

  • पेट मे अल्सर
  • Ulcerative Colitis (पाचन तंत्र मे अल्सर)
  • लोह अधिभार (Iron Overload)
  • थैलेसीमिया

चंद्रप्रभा वटी के उत्पाद व कीमत – Chandraprabha Vati Products & Price

चंद्रप्रभा वटी के कुछ प्रचलित उत्पादो के नाम व कीमत नीचे दी है। जिन्हे आप ऑनलाइन या लोकल स्टोर से खरीद सकते है।

उत्पाद नाममात्रा कीमत
Baidyanath Chandraprabha Bati 100 टैबलेट190 रुपये
Sri Sri Tattva Chandraprabha Vati 300Mg Tablet 60 टैबलेट 125 रुपये
Patanjali Divya Chandraprabha Vati 120 टैबलेट (40*3)150 रुपये
Zandu Chandraprabha Vati  150 टैबलेट (30*5)245 रुपये
DABUR Chandra Prabha Vati  80 टैबलेट 216 रुपये

चंद्रप्रभा वटी संरचना – Chandraprabha Vati Composition in Hindi

चंद्रप्रभा वटी अलग-अलग कंपनिया अलग-अलग तरीके से बनाती है। जिसमे घटक व उनके अनुपात मे बदलाव हो सकता है।

नीचे पतंजलि चंद्रप्रभा वटी मे मौजूद घटक, उनके प्रयोज्यांग व अनुपात की जानकारी दी है।

क्र.सं. घटक  प्रयोज्यांग अनुपात
1 चन्द्रप्रभा (शटी/कर्चूर) निस्राव 3 ग्राम
2 वचा  कन्द 3 ग्राम
3 मुस्ता  कन्द 3 ग्राम
4 भूनिम्ब (किराततिक्त) पंचांग 3 ग्राम
5 अमृता (गुडुची) तना 3 ग्राम
6 दारुक (देवदारु) सार 3 ग्राम
7 हरिद्रा   कन्द  3 ग्राम
8 अतिविषा  जड़ का गूदा 3 ग्राम
9 दार्वी (दारुहरिद्रा) तना 3 ग्राम
10 पिप्पलीमूल  जड़ 3 ग्राम
11 चित्रक  जड़ 3 ग्राम
12 धान्यक  फल 3 ग्राम
13 हरीतकी  फली 3 ग्राम
14 बिभीतक  फली 3 ग्राम
15 आमलकी  फली 3 ग्राम
16 चव्य  तना 3 ग्राम
17 विडङ्ग  फल 3 ग्राम
18 गजपिप्पली  फल 3 ग्राम
19 सोंठ  कन्द 3 ग्राम
20 काली मिर्च  फल 3 ग्राम
21 स्वर्णमाक्षिक धातु भस्म 3 ग्राम
22 यवक्षार (यव) पंचांग 3 ग्राम
23 सज्जीक्षार 3 ग्राम
24 सैंधव लवण –   3 ग्राम
25 सौवर्चल लवण 3 ग्राम
26 विड लवण 3 ग्राम
27 त्रिवृत् जड़ 12 ग्राम
28 दन्ती जड़ 12 ग्राम
29 पत्रक (तेजपत्र)पत्ते 12 ग्राम
30 दालचीनीतने की छाल 12 ग्राम
31 एलाबीज 12 ग्राम
32 पिप्पलफल 3 ग्राम
33 वंशलोचन 12 ग्राम
34 हतलोह (लौह भस्म) 24 ग्राम
35 सिता (मिश्री) 48 ग्राम
36 शिलाजीत 96 ग्राम
37 गुग्गुलु निर्यास 96 ग्राम

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Chandraprabha Vati FAQ in Hindi

1) क्या चंद्रप्रभा वटी पाचन तंत्र को ठीक करने में सहायक हैं?

उत्तर: चूँकि यह एक प्राकृतिक दवा है, जो पेट की मांसपेशियों को मजबूत करती हैं और अपच क्रिया को बढ़ा कर पाचन तंत्र को ठीक करती हैं।

2) चंद्रप्रभा वटी के साथ किसी विशेष खाद्य पदार्थ के सेवन से बचा जाना चाहिए?

उत्तर: चंद्रप्रभा वटी का सेवन करते समय एल्कोहोल के सेवन से बचना चाहिए।

3) क्या चंद्रप्रभा वटी के निरंतर कुछ समय सेवन से इसकी लत लग जाती हैं?

उत्तर: चंद्रप्रभा वटी एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक औषधि है, जो शरीर के लिए उपयोगी हैं। इसके निरंतर सेवन से इसकी आदत नहीं लगती।

4) क्या भारत में चंद्रप्रभा वटी संवैधानिक हैं?

उत्तर: हाँ, भारत में चंद्रप्रभा वटी और अन्य हर्बल आयुर्वेदिक दवाएं पूर्णतया लीगल हैं।

5) क्या गर्भवती महिला के लिए चंद्रप्रभा वटी सुरक्षित हैं?

उत्तर: चूँकि चंद्रप्रभा वटी शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ावा देती हैं, जो गर्भ में शिशु के लिए हानिकारक हैं। इसलिए चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करना चाहिए।

6) क्या चंद्रप्रभा वटी मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करती है?

उत्तर: चंद्रप्रभा वटी मासिक धर्म में होने वाले दर्द को कम करती हैं। परंतु मासिक धर्म को प्रभावित नहीं करती हैं। इस विषय में अपने निजी चिकित्सक की सलाह लेनी आवश्यक हैं।

7) चंद्रप्रभा वटी को कैसे संग्रहित करना चाहिए?

उत्तर: इस दवा को एक ठंडी और साफ जगह पर बंद पैक में संग्रहित किया जाना चाहिए। 

8) क्या चंद्रप्रभा वटी के निरंतर सेवन से लीवर डेमेज होने का खतरा रहता है?

उत्तर: चूँकि यह शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बनाएं रखती हैं, जो किडनी के स्वस्थ कामकाज को बढ़ावा देता हैं। इसलिए इसके सेवन से लीवर डेमेज का कोई खतरा नहीं हैं।

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