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हड्डी विकार और उनके लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट


Bone Acupressure Points: हड्डियों की समस्या पूरे विश्वभर में बहुत जटिल समस्या बनी हुई है। ये आंकड़ा भारत में भी चौकाने वाला है। हड्डियों की समस्या हर उम्र के लोगो में होती है। 40 से ज्यादा उम्र वाले लोग इससे ज्यादा प्रभावित है, खासकर महिलाएं।

सर्वे और शोधों के माध्यम से ये पता चला है,कि भारत में विटामिन-D की कमी 70 से 90% लोगों में है और शहरी इलाकों में ये आंकड़ा 95% तक है।

गर्भवती महिलाओं में भी विटामिन-D की कमी 84% तक होती है

विटामिन-D की कमी के कारण निम्न समस्या होती ही है।

  • उच्च रक्तचाप,
  • मधुमेह,
  • ऑस्टियोपोरोसिस,
  • बालों का पतला और कमजोर होना,
  • मेटाबोलिस्म का गड़बड़ होना,
  • हड्डियों का कमजोर होना,
  • दूसरे विटामिन का शोषण अच्छे से न होना,
  • हड्डियां खोखली होना,
  • हड्डियां संबंधित चोटो में भरपाई बहुत धीरे होना

जिन गर्भवती महिलायों में विटामिन-D की समस्या गंभीर होती है, उसका प्रभाव उनके होनेवाले बच्चो पर भी पड़ता है। जो बच्चों को जन्मजात बीमारियों से ग्रषित कर सकता है।

विटामिन-D हड्डियों के लिए बेहद जरूरी है और इसकी कमी से बहुत से हड्डी व जाइंट से जुड़े विकार होते है। सिर्फ विटामिन D ही नहीं, बल्कि ऐसे बहुत से कारण जिससे हड्डी व जाइंट से जुड़ी गंभीर समस्या होती है, जो ज़िंदगी भर साथ नहीं छोड़ती।

हड्डियों के लिए एक्यूप्रेशर क्यों?

एक्यूप्रेशर हड्डीयों से जुड़ी बीमारियों के इलाज़ और बचाव के लिए बेहतरीन विकल्प है। इसे चुनने के कुछ कारण निम्नलिखित है।

1) हड्डियों से जुड़े समस्याओं के लिए सर्जरी कराना बहुत जोखिम भरा काम होता है, क्योंकि सर्जरी के बाद शरीर का पुनः व्यवस्थित होना शरीर के प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करती है। 40 के उम्र के बाद सर्जरी या आपरेशन की सफलता का दर लगभग 5% से भी कम होती है।

2) बाज़ार में Vitamin-D बढ़ाने या हड्डियों की समस्यायों में Vitamin-D टैबलेट दी जाती है या अन्य टैबलेट खाने को कहा जाता है। Vitamin-D टैबलेट खाने से शरीर को संकेत मिलते है, कि शरीर में Vitamin-D भरपूर मात्रा में है, और लगातार ऐसा संकेत मिलने से शरीर प्राकृतिक तरीके से Vitamin-D का शोषण करना या बनाना बंद कर देता है।

3) 30-40 की उम्र के होने पर सब लोग रोज योग, व्ययाम नही करते है।

4) Vitamin-D की भरपाई के लिए रोज सूरज उगने से 1-2 घंटे तक कुछ दिनों या सप्ताह के लिए सूर्य की किरण में बैठना चाहिए। लेकिन भागदौड़ भरी जीवन में ऐसा करना मुमकिन नही है और अधिकांश लोगो को सुबह उठने की आदत नही होती।

5) Acupressure बहुत कम खर्चे या बिना किसी खर्चे वाला सुलभ इलाज पद्धति है।

6) इसमे शरीर को ज्यादा परेशानी भी नहीं झेलनी पड़ती और अलग से समय भी नही निकालना पड़ता है।

पढ़िये:

Acupressure काम कैसे करता है ?

जितने भी Acupressure की शाखाएं है, वो सभी शरीर में प्राण-शक्ति के Meridians (मेरिडियन) द्वारा पूरे शरीर में प्रवाह पर काम करते हैं। उन सभी में भिन्न बिन्दुओ पर सिर्फ हाथो से या किसी सामग्री से दबाब दिया जाता है। जिसमें दबाब देने वाले के गुण बहुत मायने रखते है।

हमारे शरीर में 20 Meridians होते है। Meridians के द्वारा ही प्राण- शक्ति पूरे शरीर के भिन्न हिस्सों में प्रवाहित होती है। Meridians में रुकावट के कारण ही इंसान बीमार पड़ता है, दर्द होता है या किसी अंग में गड़बड़ी आती है। क्योकि प्राण-शक्ति और तत्व, पूरे शरीर में सुचारू रूप से नही पहुँच पाते या न शोषित होते है।

Meridians शरीर के अनेक हिस्सों से जुड़ा होता है और उनपर दबाब देने से Meridians की रुकावटे दूर होती है।

अलग-अलग Acupressure के शाखाओं में शरीर के अलग-अलग बिंदुओ के बारे में बताये जाते है, जिनको ढूंढना और दबाना पड़ता है। जिससे नयी और पुरानी दोनों बीमारियाँ ठीक हो जाती है।

Acupressure Points और हड्डियां

हम नीचे हड्डियों से जुड़े समस्याएं और उनसे जुड़े Acupressure Points, उसके स्थान एवं उसके महत्व की विस्तृत तौर पर चर्चा करेंगे।

1) Vitamin-D की कमी, ऑस्टियोपोरोसिस

Acupressure Point: K-3

स्थान:

K-3 दोनों हाथों के हथेली में होती है। अंगूठे की तरफ से तीसरी उंगली पर K-3 होती है। तीसरी उंगली से सबसे ऊपरी जोड़ (Joint) पर बने रेखा के छोर (जो छोटी उंगली की तरफ होती है) पर स्थित होती है।

महत्व:

ये पॉइंट विटामिन-D की कमी को जड़ से दूर करने में मदद करने के साथ-साथ प्राकृतिक तरीके से विटामिन-D का शोषण शरीर में करवाता है। इसके अलावा कैल्सियम की कमी, बाल झड़ना, बार-बार पेशाब लगना इत्यादी समस्याओं को भी दूर करता है।

विधी:

इस पॉइंट पर रोजाना लगभग कुछ महीने 2-3 मिनट दबाने-छोड़ने या मसाज करने से स्तिथी में सुधार होता है। मेगनेट थेरेपी के अनुसार, शुद्ध चुंबक (Sedation-Tonification Magnet: जो आगे की तरफ से सफेद और पीछे की तरफ पीले होते है) के पीले भाग को Point पर टेप की मदद से रात भर सोते समय 7-8 घंटे तक लगाकर छोड़ देना चाहिए।

ऐसा कुछ सप्ताह तक करना चाहिए। Sedation-Tonification Magnet ऑनलाइन या बाजार में कुछ एक्यूप्रेशर सेन्टर में मिल सकती है।

2) Arthritis (जोड़ों में दर्द की समस्या)

Acupressure Point: K-10, SP-3, LU8, P-3, K-10

K3 स्थान: हथेली की बीच वाली उंगली पर K-10 स्थित होती है। बीच वाली उंगली में दूसरी जोड़ के छोर पर अंगूठे की तरफ ये बिंदु होती है।

SP-3 स्थान: बीज वाली उंगली में सबसे ऊपरी जोड़ के ऊपर शेष स्थान के ठीक मध्य में SP-3 होती है।

LU-8 स्थान: अंगूठे की तरफ से दूसरी उंगली के सबसे ऊपरी जोड़ के छोर पर अंगूठे की तरफ ये Point होता है।

P-3 स्थान: अंगूठे की तरफ से दूसरी उंगली के दुसरे जोड़ के मध्य में P-3 होती है।

महत्व:

इन बिन्दुओ से पूरे शरीर के जटिल Arthritis, कोई भी जोड़ो का दर्द, शरीर दर्द इत्यादी परेशानियों से निजात मिलती है।

विधी:

इन बिंदुओं पर नियनित 3-4 मिनट कुछ सप्ताह तक दबाने-छोड़ने या मसाज करने से Arthritis में आराम मिलता है।

मेगनेट थेरेपी के अनुसार, K-3, SP-3 और LU-8 Points को Sedation-Tonification चुम्बक के सफेद भाग को Point की तरफ टेप की मदद से नियमित कुछ सप्ताह तक 7-8 घंटे के लिए सोने के समय लगाकर रखना चाहिए। P-3 पर चुम्बक का पीला भाग उपर्युक्त तरीके से लगाना चाहिए।

3) Back-Pain Acupressure Point

Acupressure Point: JD-2

स्थान:

ये पॉइंट पैर के अंगूठे की तरफ से दसरे उंगली के जड़ में अंगूठे की तरफ स्तिथ होती है।

महत्व:

ये पॉइंट Thoracic, Cervical, पीठ के ऊपरी और बीच के भाग में दर्द, पोस्चर आगे की तरफ मुड़ जाना जैसे समस्याओं में कारगर है।

विधी:

इन बिंदुओं पर नियनित 3-4 मिनट कुछ सप्ताह तक दबाने-छोड़ने या मसाज करने से उपर्युक्त परेशानियों में आराम मिलता है।

मेगनेट थेरेपी के अनुसार, बहुत ज्यादा दर्द होने पर Sedation-Tonification चुम्बक के सफेद भाग को इस पॉइंट पर टेप की मदद से नियमित सोते समय कुछ सप्ताह लगाने से आराम मिलता है। हल्के दर्द, जकड़न, पोस्चर की गड़बड़ी में Sedation-Tonification चुम्बक का पीला भाग लगाना चाहिए।

4) Slip disc, Lumbar Spondylosis

Acupressure Point: JD-1

स्थान:

JD-1 पैर के दूसरे उंगली के नाखून के छोर (जो अंगूठे की तरफ होता है) के थोड़ा नीचे होता है।

महत्व:

JD-1 Lumbar Spondylosis, Lumbar स्थान (जो रीड की हड्डी का निचला स्थान होता है) पर होने वाले Slip Disc L4, L5, S1 को ठीक करने में मदद करता है।

विधी:

इन बिंदुओं पर नियनित 3-4 मिनट महीने तक दबाने-छोड़ने या मसाज करने से उपर्युक्त परेशानियों में आराम मिलता है।

Magnet Therapy के अनुसार बहुत ज्यादा दर्द होने पर Sedation-Tonification चुम्बक के सफेद भाग को इस पॉइंट पर टेप की मदद से नियमित सोते समय कुछ सप्ताह लगाने से आराम मिलता है। हल्के दर्द, जकड़न, सख्ती में Sedation-Tonification चुम्बक का पीला भाग लगाना चाहिए।

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1 thought on “हड्डी विकार और उनके लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट”

  1. You should show the exact position of points with the help of pics for better understanding otherwise artical is good and informative.

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