एक्यूप्रेशर-पॉइंट

शरीर अंग अनुसार एक्यूप्रेशर पॉइंट


इस लेख में हम Acupressure के बारे में और जानकारी प्राप्त करेंगे, जिसमें खास हम Acupressure Points यानि एक्यूप्रेशर बिन्दु पर चर्चा करेंगे।

हमारे शरीर में मौजूद अलग-अलग एक्यूप्रेशर पॉइंट अलग विधि से प्रभाव दिखाते है और छोटी से लेकर बड़ी समस्या का निदान करते है।

ऐसे तो अधिकतर बीमारी, अवस्था व समस्या के लिए बहुत सारे एक्यूप्रेशर पॉइंट होते है, लेकिन इस लेख में आपको इन 6 अंग और इनसे जुड़ी समस्यों के कुछ मुख्य एक्यूप्रेशर पॉइंट बताएँगे।

  1. दिमाग के एक्यूप्रेशर पॉइंट
  2. आंख के एक्यूप्रेशर पॉइंट
  3. कान के एक्यूप्रेशर पॉइंट
  4. नाक के एक्यूप्रेशर पॉइंट
  5. गले के एक्यूप्रेशर पॉइंट
  6. मूत्राशय समस्या के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट

शरीर अंग अनुसार एक्यूप्रेशर पॉइंट

इन पॉइंट को जानने से पहले आपको Acupressure के प्रकार के बारे में बता देते है।

निम्न एक्यूप्रेशर के 8 प्रमुख प्रकार है। जिनमें एक्यूप्रेशर पॉइंट और उन पर काम करने के विधि अलग है।

  1. Acupuncture (एक्यूपंक्चर)
  2. Magneto Therapy (मैग्नेटो थेरेपी)
  3. Seed Therapy (बीज थेरेपी)
  4. Chinese Acupressure (चीनी एक्यूप्रेशर)
  5. Ayurvedic Acupressure (आयुर्वेदिक एक्यूप्रेशर)
  6. Yogic Acupressure (योगिक एक्यूप्रेशर)
  7. Color Acupressure (रंग एक्यूप्रेशर)
  8. Sujok Acupressure (सूजोक एक्यूप्रेशर)

चीनी एक्यूप्रेशर शैली के अनुसार, हमारे शरीर में 300 बिन्दु है, जिनपर दबाने-छोड़ने या मसाज करने से समस्त अंग की समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।

दूसरी ओर सूजोक एक्यूप्रेशर की मान्यताओं में, सारे बिंदुओं को हाथ की हथेली और पैर के तलवे पर माना जाता है। इस लेख में हम इनमें इस कुछ एक्यूप्रेशर प्रकार की सहायता से पॉइंट के बारे में जानेंगे।

1) दिमाग

एक्यूप्रेशर पॉइंट: LV 1

स्थान:

LV 1 दोनों पैरों के अंगूठे के ऊपरी भाग (जो नाखून से ढँका होता है), उसके ठीक नीचे होता है।

महत्व:

दांये पैर का बिंदु बांये मस्तिष्क के भाग को और बांया पैर का बिंदु मस्तिष्क के दांये भाग को नियंत्रित और प्रभावित करता है। अगर नियमित तौर पर दोनों बिंदुओं को दबाया जाए या उनपर मसाज किया जाय, तो दिमाग अपने उच्चतम शक्ति पर काम करेगा और मस्तिष्क के बांया तथा दांया भाग हमेशा संतुलित रहेगे।

एक्यूप्रेशर पॉइंट: LV 3

स्थान:

LV 3 पैर के अंगूठे और उसकी बगल वाली उंगली के बीच में, जो जगह शेष रहती है, उधर ही LV 3 बिंदु होता है।

महत्व:

ये बिंदु गुस्सा, सरदर्द , चिड़चिड़ापन, मिर्गी, ब्रेन स्ट्रोक, ऊर्जा स्तर में कमी इत्यादि गंभीर परेशानियों के उपचार के लिए कारगर है।

विधी:

इस बिंदु को 4-5 मिनट उपर्युक्त रोगों में दबाने-छोड़ने या मसाज करने से स्थिति में सुधार नज़र आती है।

2) आंख

एक्यूप्रेशर पॉइंट: Zan Zhu Point

स्थान:

ये बिंदु नाक और भोंवो के मिलन स्थान पर होता है।

महत्व:

ये बिंदु आंखों की जलन, लालिमा, सूजन, आंखों के विकारों के कारण होनेवाले सरदर्द और एलर्जी से निजात पाने में मदद करता है।

विधी:

इस बिंदु पर 3 मिनट तक दबाने-छोड़ने या मसाज करने से आपको आंखो की स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है, Color Therapy के अनुसार लाल या काला रंग का प्रयोग, इस बिंदु पर करना चाहिए।

एक्यूप्रेशर पॉइंट: Sujok Thumb Point

स्थान:

सूजोक थेरेपी के अनुसार, ये बिंदु हथेली के अंगूठे पर होती है। अंगूठे के 2 रेखा द्वारा तीन हिस्से होते है, उन हिस्सों में ये बिंदु सबसे ऊपरी स्थित होती है। इसे पहचान ने के लिए आप एक काल्पनिक सीधी रेखा हथेली के आगे की तरफ से अंगूठे के नाखून के एक छोर से दूसरी छोर तक खिंचे। इस रेखा के ठीक मध्य वाले बिंदु के हल्के बाँये और हल्के दाँये तरफ आंखों से संभंधित एक्यूप्रेशर बिंदु स्थित होती है।

महत्व:

ये बिंदु आँखों की हर समस्या के लिए कारगर है। ये बिंदु Cataract (मोतियाबिन), लालिमा, आँखों से अत्यधिक पानी अथवा मल आना, देखने में दिक्कत होना इत्यादि समस्याओं के उपचार में कारगर है।

विधी:

इस बिंदु पर 2-3 मिनट रोज दबाये-छोड़े या मसाज करे। Color Therapy के अनुसार बच्चों को इस बिंदु पर काला रंग लगाकर छोड देने चाहिए। Seed Therapy के अनुसार इस बिंदु पर 8-10 घंटे तक काली-मिर्च के बीज टेप द्वारा लगाकर छोड़ने से बहुत लाभ होता है। ये प्रयोग कुछ सप्ताह करना होगा।

3) कान

एक्यूप्रेशर पॉइंट: Sujok Thumb Point

स्थान:

Sujok Thearpy के अनुसार, ये बिंदु हाथ के दोनों अंगूठे पर होता है। ये दो कानों के समान दो बिंदु एक अंगूठे के दोनों छोर पर होती है। अंगूठे पर काल्पनिक सीमा-रेखा, जो अंगूठे के पीछे और आगे के भाग को बिभाजित करता है, उसपर ये नाखून के आरम्भ स्थान से थोड़ा नीचे, दोनों तरफ होता है। ये दोनों हाथों पर और पैरों के अंगूठे पर बताये गए स्थान पर होता है।

महत्व:

ये बिंदु कान के संक्रमण, मवाद बहना, कान में उल्टी-सीधी आवाजे सुनाई देना अथवा बहरेपन की समस्याओं से निजात पाने में मदद करता है।

विधी:

इस स्थान पर रोज 2-3 मिनट दबाने-छोड़ने या मसाज करने से राहत मिलती है। Seed Therapy के अनुसार मैथी-दाना 8-10 घंटे टेप के सहारे लगाकर छोड़ने से राहत मिलती है। Color Therapy के अनुसार इस स्थान पर बच्चों को काला रंग लगाकर छोड़ देना चाहिए और कुछ सप्ताह ऐसा जारी रखना चाहिए।

4) नाक

एक्यूप्रेशर पॉइंट: Sujok Thumb Point

स्थान:

ये बिंदु ,उपर्युक्त अंगूठे पर स्थित आंखों के लिए बताये गए, एक्यूप्रेशर बिंदुओं के ठीक मध्य के थोड़ा नीचे होती है। इस बिंदु पर आपको उभर देखने को मिल सकता है।

महत्व:

ये बिंदु सर्दी, साइनस, बंद-नाक, श्वास लेने में तकलीफ, नाक से खून निकलना, मौसम बदलने पर हमेशा शर्दी-खांशी होना जैसी समस्याओं के उपचार में कारगर है।

विधी:

इस स्थान पर रोजाना 2-3 मिनट दबाने-छोड़ने या मसाज करने से उपर्युक्त वर्णित कान की समस्या से निजात पाने में मदद मिलती है। Color Therapy के अनुसार इस स्थान पर बच्चों को लाल रंग लगाकर दिन भर के लिए छोड़ देना चाहिए और कुछ सप्ताह ऐसा जारी रखना चाहिए। Seed Therapy की माने, तो इस बिंदु पर मैथी-दाना टेप की मदद से लगाकर छोड़ना उत्तम होता है।

5) गला

एक्यूप्रेशर पॉइंट: Acupressure Thumb point

स्थान:

Sujok therapy के अनुसार, ये बिंदु हथेली के अंगूठे पर, जिसके रेखाओ द्वारा तीन हिस्से होते है, उनमें दूसरे हिस्से पर स्थित होती है। ये दूसरे हिस्से के मध्य में होता है।

महत्व:

ये बिंदु Laryngitis, Pharyngitis, गले में सूजन होना, Tonsilitis, आवाज की गड़बड़ी इत्यादि समस्याओं से निजात पाने में मदद करता है।

विधी:

इस बिंदु पर 3-4 मिनट रोजाना कुछ दिनों तक दबाने-छोड़ने या मसाज करने से उपर्युक्त स्तिथियों में लाभ मिलता है। Seed Therapy के अनुसार मैथी-दाना इस बिंदु पर टेप के सहारे 8-10 घंटे लगाकर छोड़ना, गले की परेशानियों के लिए सवोर्त्तम है।

6) मूत्राशय की समस्या

एक्यूप्रेशर पॉइंट: CV-4

स्थान:

ये बिंदु नाभी से 4 उंगली नीचे होती है।

महत्व:

इस बिंदु पर नियमित मसाज करने से या दबाने-छोड़ने से लगभग हर प्रकार की मूत्राशय से जुड़ी समस्या दूर होती है।

विधि:

इस बिंदु पर 4-5 मिनट रोज कुछ सप्ताह दबाने-छोड़ने से मूत्राशय की समस्याओं में राहत मिलती है

एक्यूप्रेशर पॉइंट: UB-23, UB-47

स्थान:

ये दिनों बिन्दु एक साथ हाथ की हथेली के पीछे तरफ होती है। जिस रेखा से उंगलियां आरम्भ होती है, उसी रेखा में तीसरी उंगली वाली बिंदु दिमाग में रखिये। उस बिंदु से 3 उंगली नीचे लेटी (Horizontal) रेखा में ये दो बिन्दुये होते है।

महत्व:

इन बिंदुओं पर दबाने से बांझपन, स्वप्नदोष, वीर्य का विकार, वीर्य का पतला होना, किडनी की समस्या, रक्त की अशुद्धि इत्यादि गंभीर समस्याओं से निजात पाने में मदद करता है।

विधी:

इस बिंदु पर 3 मिनट रोजाना कुछ दिनों तक दबाने-छोड़ने या मसाज करना चाहिए। Color Therapy के अनुसार इस बिंदु पर बस 40 मिनट ही लाल रंग लगाकर रखना चाहिए।

आखिरी शब्द

हमें उम्मीद है, यह लेख “शरीर अंग अनुसार एक्यूप्रेशर पॉइंट” आपके लिए मददगार होगा। इस लेख से आपको Acupressure Points के बारे में जानने को मिला होगा। लेकिन हम सलाह करते है, कि स्वयं किसी अवस्था का इलाज़ करने से पहले किसी विशेषज्ञ या Acupressurist से सहायता लेनी चाहिए।

अगर आप स्वयं Acupressurist बनना चाहते है, तो हमारा अंतिम लेख पढ़ सकते है।