मुक्ताशुक्ति भस्म क्या है? – What is Muktashukti Bhasma in Hindi
मुक्ताशुक्ति भस्म एक चूर्ण के रूप में उपलब्ध मौखिक दवा हैं, जो पूर्णतया आयुर्वेदिक और हर्बल गुणों से परिपूर्ण हैं। मुक्ताशुक्ति भस्म की मार्केटिंग और निर्माण कई कंपनियों द्वारा किया जाता हैं, जैसे डाबर, पतंजलि और बैद्यनाथ आदि।
आमतौर पर इसका उपयोग एसिडिटी, गैस्ट्रिक अल्सर, सीने की जलन, पेप्टिक अल्सर, भूख में कमी, बुखार, गैस, अपच, कैल्शियम की कमी आदि सभी लक्षणों के उपचार हेतु किया जाता हैं।
साथ ही, इस दवा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटासिड और उल्टी-नाशक जैसे गुण भी शामिल होते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक हैं। इस दवा का असर धीरे-धीरे लेकिन प्रभावी रूप से लंबे समय तक शरीर में बना रहता हैं, जो एनर्जी बूस्टर का भी कार्य करता हें।
निम्न घटक मुक्ताशुक्ति भस्म में होते है।
मुक्ताशुक्ति भस्म + गुलाब जल
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मुक्ताशुक्ति भस्म कैसे काम करती है?
मुक्ताशुक्ति भस्म को Pearl Oyster Shell नामक खोल के कवच से बनाया जाता हैं, जिसमें मोती पाये जाते हैं। मुक्ताशुक्ति की विषाक्तता को पूरी तरह हटाकर इसके शुद्धिकरण के बाद इसे भस्म में बदला जाता हैं।

यह दवा पेट की अम्लता और अन्य प्रकार की समस्याओं के निराकरण हेतु पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर कार्य करती हैं।
गुलाब जल में अलग से एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो इस दवा को एक बेहतरीन विकल्प बनाते हैं। यह त्वचा संबंधी रोगों के उपचार में सहायक हैं और आँखों की रोशनी को भी बढ़ाता हैं।
मुक्ताशुक्ति भस्म के उपयोग व फायदे – Muktashukti Bhasma Uses & Benefits in Hindi
हर्बल और आयुर्वेदिक दवाओं के फायदे ज्यादा और नुकसान कम होते हैं। मुक्ताशुक्ति भस्म का उपयोग दवा के रूप में करना बहुत ही लाभदायक और बेहतरीन शाबित होता हैं। इसके निम्नलिखित फायदे हैं, जिनके बारें में हर किसी को जानने की आवश्यकता हैं।
- एसिडिटी से तुरंत राहत
- फोड़ों-फुंसियों से बचाव
- मजबूत पाचन तंत्र की नींव
- एकाग्रता
- गैस्ट्रिक समस्याओं से छुटकारा
- हड्डीयों के विकास में सहायक
- दस्त, उल्टी और उनींदापन की रोकथाम
- कैल्शियम की आपूर्ति
- वात व पित्त का निराकरण
- पेट साफ करने में मददगार
- मुँह की दुर्गंध मिटाने में सहायक
- हृदय स्वास्थ्य में सुधार
मुक्ताशुक्ति भस्म के दुष्प्रभाव – Muktashukti Bhasma Side Effects in Hindi
मुक्ताशुक्ति भस्म का इस्तेमाल किये जाने के बाद इसके दुष्प्रभाव या नुकसान अभी तक सामने नहीं आये हैं। हालांकि इसकी खुराक का बहुत ज्यादा सेवन एक साथ करने से कुछ लघुकालिक पीड़ादायक स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। जैसे,
- हल्का सिरदर्द
- चक्कर
- कमजोरी
- उल्टी
- उनींदापन
- जी घबराना आदि
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मुक्ताशुक्ति भस्म की खुराक – Muktashukti Bhasma Dosage in Hindi
मुक्ताशुक्ति भस्म की खुराक शुरू करने से पहले अपने निजी डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से अवस्था अनुसार सलाह लेना उचित रहेगा। इसकी खुराक OTC के रूप में इस पर अंकित मात्रा के अनुसार ली जा सकती हैं।
पाउडर रूप में उपलब्ध होने के कारण इसे पानी के साथ मिलाकर इसकी खुराक ली जानी चाहिए।
एक सामान्य वयस्क के लिए दिन में इसकी खुराक 250-500mg बेहतरीन परिणामदायक हैं। बच्चों में भी इसकी खुराक दी जा सकती हैं। बच्चों में 125-250mg खुराक सुरक्षित हैं।
50 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों में इस दवा की खुराक 125-250mg लाभदायक हैं।
इस दवा की खुराक एक दिन में अधिकतम 1000mg तक सीमित की गई हैं। इससे ज्यादा खुराक हेतु इस विषय में डॉक्टरी हस्तक्षेप आवश्यक हैं।
छोटे बच्चों को इसकी खुराक नहीं देनी चाहिए।
सावधानियां – Muktashukti Bhasma Precautions in Hindi
निम्न सावधानियों के बारे में मुक्ताशुक्ति भस्म के उपयोग से पहले जानना जरूरी है।
दवा का संग्रहण नमी वाली जगह से दूर उचित स्थान पर किया जाना चाहिए वरना पाउडर रूप लिक्विड रूप में परिवर्तित हो सकता हैं।
पालतू जानवरों से दूर रखा जाना चाहिए।
इस दवा का पानी के साथ एक बार में बहुत सारा घोल बनाने से बचना चाहिए, क्योंकि पड़े रहने से दवा में अशुद्धियां मिलने की संभावना बढ़ जाती हैं।
कीमत – Muktashukti Bhasma Price
मुक्ताशुक्ति भस्म 10 ग्राम की बॉटल में उपलब्ध होती है, जिसकी कीमत 105 रुपये है। इसे आप ऑनलाइन या लोकल मेडिकल स्टोर से खरीद सकते है।
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Muktashukti Bhasma FAQ in Hindi
1) मुक्ताशुक्ति भस्म का सेवन दिन में कितनी बार करना उचित और सुरक्षित हैं?
उत्तर: इस दवा की खुराक लक्षण की गंभीरता के आधार पर भी तय की जा सकती हैं। आमतौर पर, इस दवा की खुराक दिन में दो बार लेने की सलाह दी जाती हैं, क्योंकि इससे दवा को कार्य करने हेतु एक अच्छा समय अंतराल मिल सकें।
2) मुक्ताशुक्ति भस्म का असर कितने समय अंतराल में दिखना शुरू हो जाता हैं?
उत्तर: इस दवा की मौखिक खुराक शुरू करने के पहले दो सप्ताहों में इस दवा का असर दिखना शुरू हो जाता हैं। कुछ मरीजों में असर ज्यादा जल्दी दिखता हैं और कुछ मरीजों में थोड़ा समय लगता हैं। दवा की मौजूदगी बनाये रखने हेतु इस दवा का सेवन समय पर किया जाना उपयुक्त हैं।
3) क्या मुक्ताशुक्ति भस्म गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं?
उत्तर: यह दवा गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं, क्योंकि यह एक हर्बल और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट हैं। फिर भी हर तरह की विशेष संभावनाओं से बचाव हेतु इस बारें में डॉक्टरी सलाह आवश्यक हैं।
4) क्या मुक्ताशुक्ति भस्म स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं?
उत्तर: मुक्ताशुक्ति भस्म पेट की अम्लीयता को कम कर पाचन क्रिया में सुधार करती हैं। नर्सिंग महिलाओं में भी यह दवा पूर्णतया सुरक्षित हैं। क्योंकि इसके भारी दुष्प्रभाव नहीं हैं, जो स्वास्थ्य को बिगाड़ सकें। इस विषय में हर तरह की जानकारी के लिए डॉक्टर से व्यक्तिगत सम्पर्क किया जाना चाहिए।
5) क्या मुक्ताशुक्ति भस्म को खाली पेट लिया जा सकता हैं?
उत्तर: मुक्ताशुक्ति भस्म का सेवन खाने के बाद ज्यादा उचित माना जाता हैं। आपातकाल की स्थिति में इसका सेवन भोजन से पहले भी किया जा सकता हैं। भोजन के आधार से ज्यादा इस दवा की खुराक का आधार अहम होता हैं।
6) क्या मुक्ताशुक्ति भस्म भारत में लीगल हैं?
उत्तर: एक अच्छी हर्बल और बेहतरीन आयुर्वेदिक दवा होने के कारण यह दवा भारत में पूर्णतया लीगल हैं।
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