हमारे शरीर को प्रमुख तीन तत्वों की जरूरत होती है, प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और फैट। प्रोटीन (Protein) हमारे दैनिक जीवन के सबसे महत्वपूर्ण तत्व में से एक है।
इस लेख में हम प्रोटीन के बार में विस्तार से जानेंगे। वही प्रोटीन से जुड़े निम्न सवालो के भी जवाब आपको इस लेख में मिल जाएंगे।
- Protien क्या है?
- प्रोटीन की कमी के लक्षण क्या है ?
- प्रोटीन की प्रति दिन जरूरत कितनी है?
- प्रोटीन के बेस्ट स्रोत कौनसा है?
- और प्रोटीन के प्रकार क्या है?
तो चलिए जानते है, प्रोटीन के बारे में।
प्रोटीन क्या है?
जिस प्रकार एक गाड़ी को चलाने के लिए पेट्रोल/डीजल की आवयश्कता होती है। उसी प्रकार हमारे शरीर को भी हर दिन एनर्जी की आवयश्कता होती है। यह एनर्जी हमारे शरीर को प्रोटीन के द्वारा मिलती है।
प्रोटीन के साथ-साथ हमे और भी तत्वों की जरूरत होती है, लेकिन प्रोटीन को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रोटीन हमारे शरीर के मांशपेशिया भी बनाता है।
इसलिए अक्सर अच्छी बॉडी बनाने के लिए ज्यादा प्रोटीन खाने की सलाह दी जाती है।
प्रोटीन की संरचना
प्रोटीन एक Macro-Nutrient है, जो 20 से ज्यादा एमिनो-एसिड्स (Amino Acids) से मिलकर बना है।
जब हमारे शरीर में प्रोटीन का पाचन होता है, तो 1 ग्राम प्रोटीन 4 कैलोरी (Calorie) देता है।
प्रोटीन की संरचना को पॉलीमर (Polymer) कहते है, क्योंकि यह एमिनो-एसिड की चैन से बना होता है।
हमे प्रतिदिन कितना प्रोटीन चाहिए?
प्रतिदिन प्रोटीन की आवयश्कता उम्र, लिंग और दैनिक क्रिया के अनुसार बदलती है।
प्रोटीन की आवयश्कता हम हमारे शरीर के वजन अनुसार माप सकते है। छोटे बच्चो को 0.8 ग्राम प्रति किलो वजन पर और एथलीट को 2 ग्राम प्रति किलो वजन पर चाहिए।
वही आम व्यक्ति को औसतन 1.3 ग्राम प्रोटीन प्रति किलो वजन पर चाहिए। मान लो अगर मेरा वजन 65 किलो है, तो मुझे प्रतिदिन 84.5 ग्राम (1.3*65) प्रोटीन की जरूरत होगी।
आप अपनी प्रोटीन आवयश्कता ऑनलाइन-टूल के माध्यम से ढूंढ सकते है।
प्रोटीन कमी के लक्षण
अगर हम प्रोटीन का सेवन जरूरत अनुसार नही करे, तो हमारा शरीर बहुत से लक्षण देता है। और अगर हम इन लक्षण को नजरअंदाज करते है, तो बहुत सी बीमारी होने की संभावना होती है।
प्रोटीन की कमी को kwashiorkor कहते है।
- हमारी स्किन, बाल और नाखून प्रोटीन से बनते है। इसलिए अगर स्किन, बालो और नाखून पर कुछ गलत प्रभाव दिखता है, तो इसका कारण प्रोटीन की कमी हो सकता है।
- फैटी लिवर, जिसमे लिवर कोशिकाओं पर फैट जम जाता है। इसके कारण लिवर फैल भी हो सकती है।
- शरीर में मांशपेशियों का घटने का बड़ा कारण प्रोटीन की कमी होता है।
- प्रोटीन की कमी के कारण हड्डी टूटने / फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ती है।
- बच्चो में प्रोटीन की कमी के चलते ग्रोथ रुक जाती है। जिससे हाइट नही बढ़ती और दुबलापन भी होता है।
- प्रोटीन की कमी के चलते, व्यक्ति किसी भी इन्फेक्शन के चपेट में जल्दी आता है। इसलिए प्रोटीन का सीधा प्रभाव हमारे इम्मयून-सिस्टम पर है।
प्रोटीन के मुख्य स्रोत
प्रोटीन के स्रोतों को दो भागो में बांटा गया है।
1. एनीमल प्रोटीन
प्रोटीन जो हमे अन्य जानवरो से मिलता है, उसे एनिमल प्रोटीन कहते है।
एनिमल प्रोटीन इन खाद्य पदार्थ में ज्यादा होता है।
- दूध, चीज़
- फिश
- अंडे
- रेड मीट
- और चिकन
2. प्लांट प्रोटीन
प्लांट प्रोटीन पेड़-पौधों से मिलने वाले प्रोटीन को कहते है।
रिसर्च में पाया है, कि प्लांट प्रोटीन एनिमल प्रोटीन से ज्यादा फायदे शरीर को देता है।
इसलिए बहुत से लोग सिर्फ शाकाहारी भोजन की तरफ बड़े है। स्वयं विराट कोहली का कहना है,कि जबसे उन्होंने एनिमल-प्रोडक्ट (डेरी प्रोडक्ट भी) छोड़े है, वे ज्यादा ताकतवर महसूस करते है।
प्लांट प्रोटीन निम्न खाद्य प्रदार्थ में मुख्य होता है।
- दाल
- सोया
- चावल
- मटर
- कुछ फल जैसे केले
- Beans (फलियां)
निष्कर्ष
प्रोटीन हमारे शरीर के लिए सबसे ज्यादा महत्तपूर्ण तत्व है। इसलिए हमे प्रोटीन का सेवन जरूरत अनुसार करना चाहिए।
प्रोटीन की कमी ही नही, बल्कि ज्यादा प्रोटीन लेने से भी बीमारिया होती है। ज्यादा रेड-मीट खाने से कैंसर की संभावना बढ़ती है।
हमे उम्मीद है, कि प्रोटीन (Protein) के बारे में आपको जानकारी मिल गयी होगी। अगर आपका प्रोटीन से जुड़ा कोई सवाल है, तो कमेंट में जरूर बताये।