cord blood banking in hindi

Cord Blood (Stem Cell) Banking क्या है? फायदे, खर्च, प्रक्रिया


Cord Blood (Stem Cell) Banking in Hindi: इस लेख में हम Cord Blood Banking जिसे Stem Cell Banking भी कहते है, इसपर विस्तार से जानकारी देंगे । जिसमें आपको Cord Blood और Cord Blood Banking क्या है?, Stem Cell क्या है?, Cord Blood Banking Process, Benefits और Stem Cell Banking Cost in India के बारे में हिन्दी में जानकारी मिलेंगी।

Cord Blood क्या है?

शिशु के जन्म के बाद, Umbilical Cord (गर्भनाल) और Placenta (प्लेसेंटा) में बचा हुआ रक्त, Cord Blood (कॉर्ड ब्लड) कहलाता है। इसे खासकर बच्चें के भविष्य सुधार हेतु संग्रहित किया जाता है। Cord Blood बहुत सारे रक्त से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने में मददगार है, क्योंकि इसमें रक्त बनाने वाली Stem Cells (स्टेम कोशिकाएं) होती है।

दरअसल शुरू में डिलीवरी के समय मिलने वाले Cord Blood को अनुपयोगी माना जाता था, लेकिन वैज्ञानिक रिसर्च और बहुत से सफल गंभीर बीमारियों के इलाज करने के बाद, अब इसे बहुत महत्व दिया जाता है और इससे चिकित्सा क्षेत्र में नयी उपचार तकनीक का उदय हुआ है।

Cord Blood में Stem Cell व Immune System Cell भी होती है, जो मानव शरीर का हर भाग जैसे हड्डी, त्वचा, मांसपेशियां, बाल और रक्त आदि निर्मित करती है। Stem Cell की एक विशेषता है, कि ये जरूरत के हिसाब से समय आने पर किसी भी प्रकार के Cell (कोशिका) या Tissue (ऊतक) में बदल सकती है और एक ही क्रिया को कितनी भी बार दोहरा सकती है।

FDA अनुसार Cord Blood 80 से ज्यादा बीमारी का Treatment (इलाज) में उपयोग किया जा सकता है। Cord Blood शिशु के लिए ही नहीं, बल्कि परिवार और समाज में मौजूद अन्य लोगों की मदद के लिए भी उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए संग्रहीत Cord Blood और रोगी के बीच जैविक मेल (Biological Match) होना चाहिए।

Cord Blood Banking क्या है?

Cord Blood Banking (कॉर्ड ब्लड बैंकिंग) को ही Stem Cell Banking (स्टेम सेल बैंकिंग) के रूप में जाना जाता है।

Cord Blood Banking में Cord Blood को सावधानी से विशेषज्ञ की निगरानी में डिलिवरी के बाद माँ से लेकर अनुकूल स्थान पर संग्रह किया जाता है।

Cord Blood Banking एक सुविधाजनक और सुरक्षित प्रक्रिया है, जो भविष्य में उपयोग के लिए कॉर्ड ब्लड को संग्रहित और संरक्षित करने का कार्य करती है।

पिछले कुछ वर्षों में, ये प्रक्रिया बहुत लोकप्रिय हो गई है। गर्भवती महिलाओ को कॉर्ड ब्लड बैंकिंग के बारें में पूरी और बेहतर जानकारी पाने हेतु अपने निजी डॉक्टर से बातचीत करनी चाहिए और जानकारी लेते वक्त निःसंकोच सारी बातों का साझा करें।

कॉर्ड ब्लड बैंकिंग के लिए हर परिवार के पास दो विकल्प होते है, पहला सार्वजनिक दान और दूसरा निजी कॉर्ड ब्लड बैंकिंग

सार्वजनिक कॉर्ड ब्लड बैंक (Public Cord Blood Bank) में कॉर्ड ब्लड को जरूरतमंदों के लिए दान किया जाता है, जिसे कोई भी जरूरतमंद बाद में इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन उपयोग से पहले जैविक मैच की जाँच की जाती है।

इसके विपरीत, निजी कॉर्ड ब्लड बैंकिंग में माता-पिता द्वारा अपने बच्चों के भविष्य के लिए कॉर्ड ब्लड जमा कराया जाता है, जिसके संरक्षण का हर साल भुगतान किया जाना होता है। यह कॉर्ड ब्लड शिशु के लिए 100% उपयुक्त होता है और साथ-साथ माता-पिता के उपयोग के लिए इसके मेल की संभावना 50 प्रतिशत रहती है। शिशु के परिवार के अन्य सदस्य से भी कॉर्ड ब्लड के जैविक मेल की संभावना कुछ प्रतिशत रहती है।

Cord Blood Banking Process – प्रक्रिया

Cord Blood Banking एक दर्दरहित प्रक्रिया है, जो शिशु जन्म के बाद ही सफल होती है। ये प्रक्रिया निम्न कुछ भागों में पूर्ण होती है,

नामांकन

अपने बच्चों के भविष्य के लिए कॉर्ड ब्लड बैंकिंग करने वाली परिवार को निजी क्षेत्र में इस प्रक्रिया का कम से कम 20 हजार रुपए का भुगतान करना होता है और इसको संरक्षित रखने के लिए हर साल 3000 से 4000 रुपए का खर्च आता है। यह खर्च संस्थान पर निर्भर करता है।

Cord Blood को इच्छा अनुसार जरूरतमंदो के लिए दान भी किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में सबसे पहले दानदाता का नामांकन और निजी जानकारी एकत्र की जाती है। सार्वजनिक कॉर्ड ब्लड बैंक में इस प्रक्रिया का कोई शुल्क नहीं होता है।

सभी औपचारिकता प्रपत्र के माध्यम से पूरी करने के लिए डॉक्टर का परामर्श लिया जा सकता है। ये प्रपत्र परिवार और संग्रहित नमूने के बीच परस्पर मेल बनायें रखते है और अन्य आवश्यक चिकित्सा विवरण प्रदान करते है।

संग्रह

  • प्रसव के बाद, मातृ रक्त का नमूना लिया जाता है और इसमें संक्रामक रोगों की उपस्थिति का परीक्षण किया जाता है।
  • शिशु जन्म के तुरंत बाद गर्भनाल, जो शिशु की नाभि से जुड़ी होती है, उसे दर्द रहित तरीके से काटा जाता है। इसके दोनों भागों को जकड़ने के बाद इसे काटा जाता है, जिससे शिशु और मां दोनों को दर्द नहीं होता है।
  • कटी हुई गर्भनाल की अच्छे से सफाई कर इसमें उपस्थित कॉर्ड ब्लड को एकत्र करने के लिए कॉर्ड ब्लड किट का उपयोग किया जाता है।
  • गर्भनाल में निकट दो भागों पर क्लिप लगाकर कॉर्ड ब्लड को Syringe (सुई) से निकाला जाता है। इस एक भाग का पूरा ब्लड निकलने के बाद आगे वाले हिस्से पर क्लिप लगाई जाती है और वहां से भी इसकी मात्रा एकत्रित की जाती है। ऐसे ही ये पूरी प्रक्रिया चलती है, जब तक कि गर्भनाल की लंबाई खत्म नहीं हो जाती। ये ब्लड सिरिंज के द्वारा ब्लड किट में गुरुत्वाकर्षण के द्वारा तेजी से जमा होता है। कॉर्ड ब्लड की मात्रा 1 से 5 Ounce (Ounce) के बीच हो सकती है।

परिवहन, परिरक्षण और प्रसंस्करण

ये पूरी प्रक्रिया हॉस्पिटल में पूरी होने के बाद कॉर्ड ब्लड को बैंकिंग के लिए आगे भेजा जाता है।

डिलीवरी के लगभग दो घंटों के भीतर नजदीकी कॉर्ड ब्लड बैंक से संपर्क करना चाहिए। कॉर्ड ब्लड मेडिकल किट को लैब तक ले जाने के लिए उचित परिवहन का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए।

एकत्रित कॉर्ड ब्लड का सही से परीक्षण करने के लिए डिलीवरी के लगभग 48 घंटों के भीतर इसे कॉर्ड ब्लड बैंक तक पहुँचाना होता है। जांचकर्ताओं द्वारा विशेष प्रयोगशाला में, कॉर्ड ब्लड में मौजूद कुछ त्रुटियों का परीक्षण किया जाता है और कुछ सुधार कर इसे भविष्य के लिए उपयोगी बनाया जाता है।

संरक्षण

पूरी जांच और प्रक्रिया के बाद इसे लगभग -170℃ पर Liquid Nitrogen (तरल नाइट्रोजन) के साथ स्टोर किया जा जाता है, जिससे किसी भी तरह के सूक्ष्म कीटाणु नहीं बचते है और ये कॉर्ड ब्लड सालों-साल तक सुरक्षित रहता है।

कुछ कॉर्ड ब्लड बैंक, इसमें उपस्थित प्लाज्मा और लाल रक्त कोशिकाओं को हटा देते है। हमेशा पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही अपना कॉर्ड ब्लड बैंक चुनें।

Cord Blood Banking Benefits – फायदे

कॉर्ड ब्लड का उपयोग निम्नलिखित गंभीर बीमारियों से इलाज हेतु किया जा सकता है।

  • हेमटोपोइएटिक (Hematopoietic)
  • ब्लड कैंसर (ल्यूकेमिया) और अन्य प्रकार के कैंसर
  • सिकल सेल एनीमिया
  • प्रतिरक्षण क्षमता में कमी
  • बोन-मेरो विकार (Bone Marrow Disorder)
  • एप्लास्टिक एनीमिया
  • थैलेसीमिया
  • आनुवंशिक विकार
  • स्नायविक विकार (Neurologic Disorders)

कॉर्ड ब्लड शिशु, परिवार के अन्य सदस्य और उन सभी जैविक संगत लोगों के लिए चिकित्सा दृष्टि से फायदेमंद रहता है।

Cord Blood Banking In India

Cord Blood Banking भारत में कई विश्वनीय संगठनों द्वारा प्रचलन में है। कुछ मान्य पारिवारिक कॉर्ड ब्लड संगठन निम्नलिखित है,

  • Lifecell (चेन्नई और गुरुग्राम)
  • Cordlife India (कोलकाता)
  • Cyroviva India (गुड़गांव)
  • Biocell (मुंबई)
  • Cordcare India (हैदराबाद)
  • Reelabs (मुंबई)
  • Reliance (मुंबई)
  • Stem Plus (महाराष्ट्र)
  • Novacord (गुड़गांव)

Jeevan Stem Cell Foundation (जीवन स्टेम सेल फाउंडेशन) भारत का एकमात्र सार्वजनिक कॉर्ड ब्लड बैंक है, जिसे BeTheCure नाम से भी जाना जाता है, जो एंटीजन के अनुसार जरूरतमंदों को कॉर्ड ब्लड उपलब्ध कराता है। इसकी पूरी सूची WMDA (World Marrow Donor Association) अंतर्राष्ट्रीय रजिस्ट्री में लिखित है।

एक सामान्य कॉर्ड ब्लड बैंक द्वारा हर साल 4 हजार रुपये भंडारण व संरक्षण शुल्क लिया जाता है और शुरुआती 20 हजार कीमत पर कॉर्ड ब्लड बैंकिंग का लाभ उठाया जा सकता है।

Cord Blood Banking भारत में वैध है और हर बड़े शहरों में Cord Blood Bank उपलब्ध है। इसी को देखते हुए ये माना जा सकता है, कि ये प्रक्रिया भारत में प्रचलित हो रही है। हालांकि प्रयोगशाला से मंजूरी मिलने के बाद वर्तमान में, भारत में Cord Blood Banking को नियंत्रित और इस पर करवाई करने वाला कोई प्रावधान नहीं है।

निष्कर्ष

भारत में गावों और छोटे शहरो में कॉर्ड ब्लड के बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती है। इसलिए कॉर्ड ब्लड बैंकिंग के बारें में लोगों में जागरूकता लाने की आवश्यकता है, क्योंकि इससे बच्चों का भविष्य स्वास्थ्य के नजरिए से सुरक्षित होता है। इसके अतिरिक्त सार्वजनिक कॉर्ड ब्लड बैंकिंग को बढ़ावा देने की जरूरत है, जिससे चिकित्सा क्षेत्र बेहतर काम कर सकें।

हमें उम्मीद है, कि यह लेख आपके लिए मददगार होगा और Cord Blood व Stem Cell Banking के बारे में जानकारी मिल गयी होगी, अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो हमें कमेंट में जरूर बताए।

References

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What is Stem Cell Banking? http://www.reelabs.com/stem-cell-banking.html Accessed On 18/12/2020

Cord blood banking: Cost, pros, and cons https://www.medicalnewstoday.com/articles/cord-blood-banking Accessed On 18/12/2020