दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि व सामग्री सूची PDF

Diwali Laxmi Puja Vidhi and Samagri List

Name

Diwali Lakshami Pooja Vidhi and Samagri List

Language

Hindi

Source

Multiple Sources

Category

List, Religious

1 MB

File Size

6

Total Pages

12/02/2024

Last Updated


दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि व सामग्री सूची PDF

यदि आप दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि और सामग्री सूची ढूंढ रहे हैं, तो आप सही जगह पर हैं। इस पोस्ट के अंत में, हमने दीवाली के लिए लक्ष्मी जी आरती और पूजा विधि की पीडीएफ सीधे मुफ्त में डाउनलोड करने के लिए एक बटन जोड़ा है।

Diwali Lakshmi Pooja PDF

  • सर्वप्रथम पूजा के स्थान को स्वच्छ करें।
  • अब उस स्थान पर आते और हल्दी से चौक पूरें।
  • तत्पश्चात एक लकड़ी की चौकी उस चौक पर रखें।
  • अब माता श्री लक्ष्मी, सरस्वती जी तथा गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमाएं अथवा चित्र विराजमान करें।
  • तदोपरांत पूजन के जलपात्र से जल लेकर निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए सभी प्रतिमाओं पर छिड़कें।
  • साथ ही अपने पूजा के आसन को भी इसी मन्त्र का उच्चारण करते हुए जल छिड़ककर स्वच्छ करें।

ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।

य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्याभंतर: शुचि:।।

  • अब पृथ्वी माता को प्रणाम करके निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए आसन ग्रहण करें।

पृथ्विति मंत्रस्य मेरुपृष्ठः ग ऋषिः सुतलं छन्दः कूर्मोदेवता आसने विनियोगः॥

ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता। त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥

पृथिव्यै नमः आधारशक्तये नमः

  •  तत्पश्चात  केशवाय नमः नारायणाय नमः माधवाय नमः का उच्चारण करते हुए गंगाजल का आचमन करें।
  • इस पूरी प्रक्रिया के बाद मन को शांत कर आंखें बंद करें तथा मां को मन ही मन प्रणाम करें।
  •  इसके बाद हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प करें। संकल्प के लिए हाथ में अक्षत (चावल), पुष्प और जल ले लीजिए। साथ में  एक रूपए (या यथासंभव धन) का सिक्का भी ले लें।
  • इन सब को हाथ में लेकर संकल्प करें कि मैं अमुक व्यक्ति अमुक  स्थान व समय पर मां लक्ष्मी, सरस्वती तथा गणेशजी की पूजा करने जा रहा हूं, जिससे मुझे शास्त्रोक्त फल प्राप्त हों।
  • इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेशजी व गौरी का पूजन कीजिए।
  • तत्पश्चात कलश पूजन करें फिर नवग्रहों का पूजन कीजिए।
  • हाथ में अक्षत और पुष्प ले लीजिए और नवग्रह स्तोत्र बोलिए।
  • इसके बाद भगवती षोडश मातृकाओं का पूजन किया जाता है।
  • इन सभी के पूजन के बाद 6 मातृकाओं को गंध, अक्षत व पुष्प प्रदान करते हुए पूजन करें।
  • पूरी प्रक्रिया मौलि लेकर गणपति, माता लक्ष्मी व सरस्वती को अर्पण कर और स्वयं के हाथ पर भी बंधवा लें।
  • अब सभी देवी-देवताओं के तिलक लगाकर स्वयं को भी तिलक लगवाएं।
  • इसके बाद मां महालक्ष्मी की पूजा आरंभ करें।
  • अब देवी लक्ष्मी, गणेश जी व देवी सरस्वती जी का पूजन करें।
  • उनके समक्ष सात, ग्यारह अथवा इक्कीस की संख्या में दीप प्रज्वलित करें।
  • माता श्री लक्ष्मी को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
  • अब श्री सूक्त, लक्ष्मीसूक्त तथा कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
  • तदोपरांत धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करके आरती करें।
  • इस प्रकार आपका पूजन संपन्न होता है।
  • पूजन संपन्न होने पर क्षमा – प्राथना करें।

दिवाली पूजा की सामग्री

मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा, रोली, कुमुकम, अक्षत (चावल), पान, सुपारी, नारियल, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, अगरबत्तियां, मिट्टी, दीपक, रूई, कलावा, शहद, दही, गंगाजल, गुड़, धनिया, फल, फूल, जौ, गेहूं, दूर्वा, चंदन, सिंदूर, पंचामृत, दूध, मेवे, खील, बताशे, जनेऊ, श्वेस वस्त्र, इत्र, चौकी, कलश, कमल गट्टे की माला, शंख, आसन, थाली. चांदी का सिक्का, चंदन, बैठने के लिए आसन, हवन कुंड, हवन सामग्री, आम के पत्ते प्रसाद।

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