दिव्य अणु तेल क्या है? – Divya Anu Taila in Hindi
पतंजलि दिव्य अणु तेल एक हर्बल आयुर्वेदिक तेल है, जिसे केवल शरीर के बाहरी क्षेत्र पर लागू किया जाता है। पतंजलि दिव्य अणु तेल कोरोनिल किट का भी हिस्सा होता है।
पतंजलि दिव्य अणु तेल की मालिश से तनाव और अन्य कई लक्षणों के इलाज में सहायता मिलती है। इस दवा का उपयोग गर्दन, कंधे, पीठ, सिर, जॉइंट, मांसपेशियों आदि सभी अंगों से जुड़े दर्द के निदान हेतु किया जाता है।
यह दवा दर्द के लक्षणों से छुटकारा दिलाने में तो सहायक है साथ ही, संवेदी अंगों के बेहतर रखरखाव और उनके कार्य को बेहतर बनाने में भी सहायक है।
पतंजलि दिव्य अणु तेल के द्वारा आँख, कान, त्वचा, गला और बालों से जुड़ी कुछ समस्याओं का भी इलाज किया जा सकता है।
शारीरिक विश्राम और मस्तिष्क को शीतल बनाने के लिए पतंजलि का यह उत्पाद काफी लाभदायक साबित होता है।
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दिव्य अणु तेल के घटक
यह आयुर्वेदिक दवा शरीर पर सुखदायक प्रभाव छोड़ने का कार्य करती है। दिव्य अणु तेल में मौजूद हर्बल तत्वों की सूची निम्नलिखित है, जिन्हें निर्धारित मात्रा में उपयोग किया जाता है।
- जीवंती
- जाला
- दालचीनी
- श्वेत चंदन
- देवदारू
- नागरमोथा
- मुलेठी
- सेव्या
- अनंतमूल
- दारूहल्दी
- प्लावा
- अगारू
- विदंग
- सतावरी
- रेणुका
- पुंड्रहवा
- बेल
- उत्पला
- ब्रहति
- कंटकारी
- अजदुग्धा
- सुरभि
- शालपर्णी
- प्रशंप्राणि
- तेजपात
- शुचामेला
- कमला किंजला
- तिल तेल
दिव्य अणु तेल कैसे कार्य करता है?
- इसमें मौजूद जीवंती त्वचा संबंधी विकारों, सूजन, जोड़ो के दर्द आदि में काम आने वाला एक औषधीय यौगिक है। यह घावों को भरने में भी बेहद फायदेमंद है।
- नागरमोथा मानसिक तनाव को दूर कर के राहत देता है। इसके अलावा, यह जहरीले डंक के प्रभाव को भी कम कर सकता है।
- मुलेठी के मिलने वाले अच्छे फायदों के कारण इसे भी इस दवा में जगह दी गई है। यह सिरदर्द, बालों के विकास, कान के रोग, सांसों से जुड़ी समस्याओं आदि के लिए उपयोगी साबित होता है।
- कंटकारी गंजेपन, ढीले स्तनों की समस्या, खुजली आदि परेशानियों को दूर करने का कार्य करता है।
- शालपर्णी के उपयोग से स्त्रियों में सुखपूर्वक प्रसव होता है। यह नेत्र से जुड़े विकारों के इलाज में भी बेहद मददगार है।
- यह दवा नसों को आराम प्रदान कर दर्द के लक्षणों से छुटकारा दिलाने का कार्य करती है और संवेदी अंगों के कार्य में सुधार करती है।
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पतंजलि दिव्य अणु तेल के उपयोग व फायदे – Patanjali Divya Anu Taila Uses & Benefits in Hindi
पतंजलि दिव्य अणु तेल के नियमित सही उपयोग के निम्न फायदे है।
- तनाव को दूर करने में लाभदायक
- सिर, गर्दन, कंधे, आंख, नाक आदि से जुड़े रोगों का इलाज
- त्वचा से अवांछित गंदगी को साफ करना
- नसों को आराम प्रदान करना
- सभी संवेदी अंगों का उचित कामकाज
- मस्तिष्क को पूरा विश्राम
- बालों की उम्र बढ़ाने में सहायक
- जोड़ों का दर्द दूर करने में मददगार
- शारीरिक थकावट मिटाना
पतंजलि दिव्य अणु तेल के दुष्प्रभाव – Patanjali Divya Anu Taila Side Effects in Hindi
इस आयुर्वेदिक दवा को डॉक्टर की देखरेख में लेने से इसके कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलते है। पतंजलि दिव्य अणु तेल के साथ उचित परिणाम न मिलने पर आप इस विषय में एक अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करें। अतिसंवेदनशील त्वचा होने पर इसके हल्के अस्थायी दुष्प्रभाव हो सकते है।
पतंजलि दिव्य अणु तेल की खुराक – Patanjali Divya Anu Taila Dosage in Hindi
- दिव्य अणु तेल की खुराक अगर आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अनुसार करें, तो उचित होगा। क्योंकि व्यक्ति अवस्था अनुसार खुराक बदलती है।
- दिव्य अणु तेल को सोने से पहले बाहरी अंग पर लागू करना उचित है।
- पतंजलि दिव्य अणु तेल की खुराक का इस्तेमाल करने से पहले इस दवा पर अंकित जानकारी को पूरा पढ़ लें। एक्सपायरी दवा के उपयोग से बचें।
- लक्षणों की अधिकता और प्रकार के आधार पर, इस दवा की मात्रा को कम या ज्यादा किया जा सकता है। दवा की मात्रा में किसी भी तरह का फेरबदल स्वेच्छा से न करें।
- पतंजलि दिव्य अणु तेल का इस्तेमाल रोजाना करने से बेहद अच्छा परिणाम प्राप्त हो सकता है।
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Patanjali Divya Anu Taila FAQ in Hindi
उत्तर: हाँ, यह आयुर्वेदिक दवा शारीरिक आराम से मानसिक तनाव को दूर करके करने का कार्य कर सकती है। इससे मरीज में एक अच्छी नींद की संभावना प्रबल हो जाती है।
उत्तर: नहीं, यह तेल स्तनों के आकार में वृद्धि नहीं कर सकता है और यह इसका उपयोग नहीं है।
उत्तर: हाँ, यह दवा स्तनपान कराने वाली महिलाओं में सुरक्षित है। इस विषय में एक बात पर जरूर ध्यान दिया जाना चाहिए, कि इस तेल का उपयोग स्तनों पर करने के बाद शिशु को दुग्धपान न कराएं।
उत्तर: हाँ, यह दवा गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है। इसके दो कारण है, एक तो यह दवा पूर्णतया आयुर्वेदिक है और दूसरा, इस दवा का बाहरी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं में पतंजलि दिव्य अणु तेल का इस्तेमाल निजी डॉक्टर की देखरेख में करना उचित है।
उत्तर: यदि दर्द के लक्षण अधिक है, तो दवा के इस्तेमाल के बाद ड्राइविंग न करें। पर, ये बात भी सच है कि यह दवा ड्राइविंग क्षमता को प्रभावित नहीं करती है। इस विषय में, स्वास्थ्य की मौजूदा हालात पर मरीज स्वयं फैसला ले सकता है।
उत्तर: नहीं, यह तेल मासिक धर्म चक्र को प्रभावित नहीं करता है।
उत्तर: जनन अंगों की त्वचा बेहद नाजुक और संवेदनशील होती है। इसलिए जनन अंगों के दर्द या अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए, इस तेल का इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अनुसार ही करें।
उत्तर: नहीं, खुले घावों पर इस तेल का इस्तेमाल न ही करें, तो बेहतर है क्योंकि इससे जलन और चुभन हो सकती है।
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