Brihatyadi Kashayam in Hindi: इस लेख में आपको बृहत्यादी कश्यम के बारे में जानकारी हिन्दी में मिलेगी, जिसमें बृहत्यादी कश्यम के फायदे (Benefits), उपयोग (Uses), खुराक (Dosage), घटक (Composition), व दुष्प्रभाव (Side Effects) देखेंगे।
What is Brihatyadi Kashayam in Hindi – बृहत्यादी कश्यम क्या है?
बृहत्यादी कश्यम विभिन्न रूपों में उपलब्ध एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसका काढ़ा, जिसका उपयोग इसके अन्य रूपों की तुलना में बहुत ज्यादा किया जाता है।
इस शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवा को Dysuria के लिए सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाता है। Dysuria एक मूत्र मार्ग से जुड़ी समस्या है, जिसमें मरीज को दर्दनाक और कठिन पेशाब से गुजरना पड़ता है।
इसके अलावा, यह दवा एक Diuretic (मूत्रवर्धक), रेचक और एंटीबायोटिक का भी कार्य करती है, जो किड़नी के कार्य संतुलन को सुचारू बनायें रखने में मददगार है। पथरी, Cystitis (सूजन), मूत्र संक्रमण और अन्य मूत्र संबंधी लक्षणों के लिए भी यह दवा बहुत उपयोगी है।
मूत्र विकार की विविधता का इलाज और सरल सूत्रीकरण को देखते हुए यह एक समृद्ध दवा है, जिसकी सराहना एक अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा मरीजों में की जा सकती है।
बृहत्यादी कश्यम कैसे कार्य करती है?
बृहत्यादी कश्यम को समान भागों में निम्न जड़ी-बूटियों को मिलाकर तैयार किया जाता है। इन घटकों की मात्रा में भिन्न निर्माता द्वारा परिवर्तन हो सकता है।
- Brihati (बृहति)
- Kantakari (कांटाकरी)
- Prishniparni (प्रिसनपर्णी)
- Shalaparni (शालपर्णी)
- Gokshura (गोक्षुरा) आदि
इन सभी जड़ी-बूटियों के संयोजन से मूत्र संबंधी बीमारियों का प्रभावी इलाज संभव है।
ये दवा मूत्र पथ में पैदा संक्रमण और सूजन रूपी अवरोधों को मिटाकर मूत्र का प्रवाह बढ़ाने का कार्य करती है। मूत्र में दर्द के कारण का इलाज करने के लिए, ये दवा जमा हुए पेशाब को निकलने के लिए मूत्र नलिका को फैलाने का काम करती है।
बृहत्यादी कश्यम के घटक किड़नी की पथरी को तोड़कर मूत्र के साथ बाहर फेंकने में भी कारगर है। यदि मूत्र के साथ जरूरी जल घटकों की भी हानि हो रही है, तो विशेषज्ञ की सलाह अनुसार इसका उपयोग कर सकते है।
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Brihatyadi Kashayam Benefits & Uses in Hindi – बृहत्यादी कश्यम के फायदे व उपयोग
निम्न फायदे व उपयोग बृहत्यादी कश्यम के नियमित उपयोग करने के है।
- मूत्रवर्धक में सहायक
- जल घटकों की हानि को रोकना
- Dysuria (पेशाब में जलन) में बहुत उपयोगी
- खराब मूत्र प्रणाली को सुधारना
- मूत्रपथ के संक्रमणों का इलाज
- पेशाब निष्कासन में आसानी
- गुर्दे तथा मूत्र पथरी के इलाज में सहायक
- सिस्टायटिस में फायदेमंद
- मूत्र गंध को कम करना
- किड़नी के रखरखाव में मददगार
Brihatyadi Kashayam Side Effects in Hindi – बृहत्यादी कश्यम के दुष्प्रभाव
बृहत्यादी कश्यम के कोई सूचीबद्ध साइड इफेक्ट या नुकसान नहीं होते है। लेकिन इस दवा की बेहतर समझ और उचित खुराक के लिए एक अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर या विशेषज्ञ से निजी परामर्श लेना जरूरी होता है।
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Brihatyadi Kashayam Dosage in Hindi – बृहत्यादी कश्यम की खुराक
- बृहत्यादी कश्यम दवा की खुराक इसके रूपों (चूर्ण, तरल और टैबलेट आदि) पर निर्भर करती है, कि मरीज किस रूप में इसका सेवन कर रहा है।
- बृहत्यादी कश्यम की खुराक इसके प्रॉडक्ट पर अंकित जानकारी तथा निर्देशों को पढ़कर शुरू की जाती है, पर रोगों का सही से निवारण करने के लिए एक अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह सदैव उचित होती है।
- बृहत्यादी कश्यम की खुराक में सुविधानुसार बदलाव करने से हमेशा बचें। दवा को कम-ज्यादा या बंद करने के लिए अपने चिकित्सक की सहायता लें।
- ओवरडोज़ से हमेशा बचने का प्रयास करें। इसके लिए दो खुराकों के बीच एक समय अंतराल का पालन करना आवश्यक है।
बृहत्यादी कश्यम का चूर्ण रूप में इस्तेमाल किये जाने पर खुराक।
60 से 70 ग्राम चूर्ण को 1 लिटर पानी में घोले और उस घोल को उबालकर 120ml का बनाए। इसकी एक दिन में अधिकतम खुराक 120ml है, जिसे भिन्न भागों में बांटकर लेना चाहिए।
- बच्चों में 15ml से 30ml पानी घोल प्रतिदिन
- वयस्कों में 30ml से 60ml पानी घोल प्रतिदिन
बृहत्यादी कश्यम का लिक्विड (तरल) रूप इस्तेमाल किये जाने पर खुराक।
- बच्चों में 2.5ml से 10ml प्रतिदिन
- वयस्कों में 5ml से 15ml प्रतिदिन
- इसकी एक दिन में अधिकतम खुराक 30ml है।
बृहत्यादी कश्यम का टैबलेट रूप इस्तेमाल किये जाने पर खुराक।
- बच्चों में 1 टैबलेट (1000mg) प्रतिदिन
- वयस्कों में 2 टैबलेट प्रतिदिन
- इसकी एक दिन में अधिकतम खुराक 4 टैबलेट है।
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Brihatyadi Kashayam FAQ in Hindi
उत्तर: आयुर्वेदिक उत्पाद बहुत कम नुकसानों के साथ अपना असर शरीर पर लंबे समय के लिए छोड़ते है। गर्भावस्था काल में उचित दवाइयों के लिए डॉक्टरी सलाह अहम होती है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस आयुर्वेदिक दवाईं का उपयोग भी डॉक्टरी सलाह अनुरूप ही करें।
उत्तर: हां, यह दवा स्तनपान कराने वाली महिलाओं में सुरक्षित है, पर इस विषय में निजी सलाह लेना उचित है।
उत्तर: इस दवा के इस्तेमाल से इसकी आदत लगने के कोई आसार नहीं है क्योंकि ये पूर्णतया हर्बल है। जरूरत के हिसाब से इसका निश्चिन्तता से उपयोग किया जा सकता है।
उत्तर: नहीं, इस आयुर्वेदिक दवाई के साथ किसी भी खास भोजन से परहेज करने की आवश्यकता नहीं है। फिर भी अवस्था अनुसार कुछ खाद्य-सामाग्री से परहेज रखें।
उत्तर: इस दवा को भोजन से आधे घंटे पहले भूखे पेट लिया जाना सबसे उचित है। भूखे पेट इस दवा के घटक ज्यादा प्रभावकारी होते है।
उत्तर: एल्कोहल के साथ इस दवा के अभी तक कोई खास दुष्परिणाम देखने को नहीं मिले है। लेकिन हर विषम परिस्थिति से बचने के लिए इस दवा के साथ एल्कोहोल की खुराक को पूरी तरह नजरअंदाज करें।
उत्तर: इस दवा की एक खुराक लेने के 6-8 घंटे बाद ही दूसरी खुराक लेने का प्रयास करें। लगातार कम समय में खुराक लेते रहने से शारीरिक उदासीनता और ओवरडोज़ का खतरा बढ़ जाता है।
उत्तर: लक्षणों की अधिकता में स्वविवेक के अनुसार ही ड्राइविंग करनी चाहिए। इस दवा की खुराक के बाद भी अगर मौजूदा हालात में लक्षणों का प्रभाव कम नहीं होता है, तो ड्राइविंग न करें। हालांकि यह दवा ड्राइविंग क्षमता को कभी प्रभावित नहीं करती है।
उत्तर: नहीं, यह दवा सिर्फ मूत्र से जुड़ी परेशानियों को दूर कर उनका इलाज करती है।
उत्तर: हां, यह भारत में पूर्णतया लीगल है और आसानी से आयुर्वेदिक स्टोर पर उपलब्ध होती है।